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भीमसर के डॉ. जुल्फिकार ने श्रीलंका में पढ़ा शोध पत्र


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भीमसर के डॉ. जुल्फिकार ने श्रीलंका में पढ़ा शोध पत्र

भीमसर के डॉ. जुल्फिकार ने श्रीलंका में पढ़ा शोध पत्र

भीमसर : युवाओ के प्रेरणा स्रोत स्वामी विवेकानंद पर शोध कार्य करने वाले तथा उनके संदेश को देश – विदेश में प्रचार – प्रसार करने वाले जिले के भीमसर गांव के युवा लेखक व चिन्तक डॉ. जुल्फिकार ने श्रीलंका के जाफना शहर में (वीआईआर) संस्थान की ओर से आयोजित इंटरनेशनल काॅन्फ्रेंस में अपना शोध पत्र “वर्तमान दृष्टिकोण में स्वामी विवेकानंद के विचारों की प्रासंगिकता” प्रस्तुत किया | यह इंटरनेशनल काॅन्फ्रेंस प्रोफेसर डॉ. उदय तिलकरत्ने व प्रोफेसर डॉ. रसंग रत्नायके की अध्यक्षता में हुई । जिसमें विश्व के कई देशों के शोधार्थियों ने हिस्सा लिया । यह काॅन्फ्रेंस हाइब्रिड मोड (ऑनलाइन और ऑफलाइन) में आयोजित की गयी । इस काॅन्फ्रेंस का मुख्य उद्देश्य आज की युवा पीढ़ी को अपनी आंतरिक शक्ति और क्षमता विकसित करके, दूसरों की सेवा करने और दुनिया में शांति, एकता और सद्भाव को बढा़वा देकर अधिक पूर्ण और सार्थक जीवन जीने के लिए प्रेरित करना रहा । डॉ. जुल्फिकार विवेकानंद अध्ययन व अनुसंधान के क्षेत्र में देश व विदेश में कई वर्षों से कार्य कर रहे हैं । वे विवेकानंद पर कई पुस्तकें भी लिख चुके हैं । डॉ. जुल्फिकार खेतड़ी के रामकृष्ण मिशन पुस्तकालय में स्वामी विवेकानंद के बारे में गहन अध्ययन किया वहीं से वे विवेकानंद के विचारों से प्रभावित हुए ।

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