राजस्थान में 2.79 लाख अफसर-कर्मचारियों ने छुपाई प्रॉपर्टी की डिटेल:एजुकेशन-पुलिस विभाग वाले टॉप पर; अटक सकता है प्रमोशन, दो बार बढ़ाई गई थी तारीख
राजस्थान में 2.79 लाख अफसर-कर्मचारियों ने छुपाई प्रॉपर्टी की डिटेल:एजुकेशन-पुलिस विभाग वाले टॉप पर; अटक सकता है प्रमोशन, दो बार बढ़ाई गई थी तारीख

जयपुर : राजस्थान के सभी गजेटेड, नोन गजेटेड अफसर, कर्मचारियों को 2023 की अचल संपत्ति का ब्योरा ऑनलाइन अपलोड करना था। लेकिन 2 बार बढ़ाई अंतिम तिथि जाने के डेढ़ माह बाद भी अभी तक 2.79 लाख ने अचल संपत्ति का ब्योरा ही नहीं दिया है। इसमें 34 हजार तो वो गजेटेड अफसर हैं, जिनके कंधों पर अपने अधीन काम कर रहे कर्मचारियों का ब्योरा प्रस्तुत करवाने की जिम्मेदारी है।
नाॅन गजेटेड स्तर के 2.44 लाख कर्मचारियों द्वारा भी अचल संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया गया है। इससे उनकी एसीआर और प्रमोशन पर असर पड़ सकता है। सभी राजसेवकों को अपनी अचल संपत्ति का ब्योरा एक सॉफ्टवेयर मॉड्यूल पर अपलोड करना था। इसकी अंतिम तिथि 31 जनवरी 2024 थी। फिर इसे बढ़ाकर 31 मार्च 2024 किया। लेकिन फिर भी 10 लाख 11 हजार 108 कर्मचारियों में से 2 लाख 78 हजार 621 ने ब्योरा सरकार को बताया ही नहीं।

क्या देना होता है आईपीआर में
पिछले 1 साल में कर्मचारी द्वारा नई खरीदी अचल प्रॉपर्टी सहित सारी प्रॉपर्टी का ब्योरा और उसका बाजार मूल्य दस्तावेज सहित अपलोड करना होता है। इससे पता लगे कि कर्मचारी ने 1 साल में अचल संपत्ति में कितनी बढ़ोतरी की। सरकारी कार्मिक के पास एक से अधिक अचल संपत्ति होने पर प्रत्येक को अलग-अलग दर्शाना होगा।
ब्योरा नहीं तो पदोन्नति पर विचार नहीं होगा
हर राजसेवक को अचल संपत्ति का ब्योरा देना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने वाले कर्मचारियों की पदोन्नति पर विचार ही नहीं होता।
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31 मई तक प्रस्तुत करना होगा कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन
सभी राजसेवकों को अपने वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए 30 अप्रैल तक का समय दिया था। उसको भरने में विलंब के कारण अब उसकी तिथि बढ़ा कर 31 मई 2024 कर दी है। लेकिन अंचल संपत्ति की जानकारी देने की तिथि खत्म हो चुकी।