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जयपुर में बिना सर्टिफिकेट हुए किडनी-लीवर ट्रांसप्लांट!:अंगों की तस्करी से जोड़कर हो रही जांच, फोर्टिस-ईएचसीसी से जब्त किए कागज


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जयपुर में बिना सर्टिफिकेट हुए किडनी-लीवर ट्रांसप्लांट!:अंगों की तस्करी से जोड़कर हो रही जांच, फोर्टिस-ईएचसीसी से जब्त किए कागज

जयपुर में बिना सर्टिफिकेट हुए किडनी-लीवर ट्रांसप्लांट!:अंगों की तस्करी से जोड़कर हो रही जांच, फोर्टिस-ईएचसीसी से जब्त किए कागज

जयपुर : जयपुर में ऑर्गन ट्रांसप्लांट(अंग प्रत्यारोपण) की फर्जी एनओसी (नॉन ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) जारी करने से शुरू हुई जांच अब मानव अंगों को खरीदने-बेचने तक पहुंच गई है। दरअसल, गुरुग्राम में किडनी रैकेट का खुलासा हुआ था। इसके बाद जयपुर से एसीपी मालवीय नगर आदित्य पूनिया ने गुरुग्राम जाकर जांच की थी। इसकी एक रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय भेजी थी। पुलिस मुख्यालय ने ये रिपोर्ट सरकार को भेजी। इस रिपोर्ट के आधार पर स्वास्थ्य विभाग ने इसे धोखाधड़ी का मामला माना है। वहीं, गुरुग्राम पुलिस इस केस को मानव अंगों की तस्करी से जोड़कर देख रही है।

केस की जांच करने गुरुग्राम पुलिस जयपुर पहुंची है। अपने केस की जांच करते हुए गुरुग्राम पुलिस की टीम ने शुक्रवार को फोर्टिस और ईएचसीसी हॉस्पिटल के सभी ऑर्गन ट्रांसप्लांट से संबंधित कागज जब्त कर लिए हैं। गुरुग्राम की टीम के एक्टिव होने के बाद जयपुर पुलिस भी एक्शन में दिखाई दी। उसने भी दोनों हॉस्पिटल से कागज जब्त किए।

बता दें कि इस मामले में जयपुर पुलिस ने जवाहर सर्किल थाने में सामान्य धाराओं में केस दर्ज किया है। अब दोनों ही टीमें अस्पताल मैनेजमेंट के कर्मचारी और ट्रांसप्लांट से जुड़े कुछ डॉक्टर्स से पूछताछ कर रही है।

ट्रांसप्लांट बिना किसी एनओसी के किए गए

गुरुग्राम पुलिस के पास जो एफआईआर दर्ज है। उसमें उनके पास सबूत हैं कि फोर्टिस हॉस्पिटल में मरीजों के ट्रांसप्लांट बिना किसी एनओसी के किए गए। गुरुग्राम पुलिस ने जो दस्तावेज फोर्टिस और ईएचसीसी से जब्त किए हैं। उन दस्तावेजों की जांच जयपुर में ही टीम कर रही हैं। आज भी दोनों निजी हॉस्पिटल के मैनेजमेंट से पूछताछ की जाएगी।

जानकारों के अनुसार, दोनों ही अस्पताल के मैनेजमेंट ने ऑर्गन ट्रांसप्लांट से जुड़े हुए डॉक्टर, बैंक ऑफिस स्टाफ को हटा दिया है। लेकिन जांच टीम को सभी के बारे में जानकारी है। ऐसे में यह पूछताछ लम्बी होने वाली है।

क्या है मामला

दरअसल, एसीबी ने एसएमएस हॉस्पिटल में 31 मार्च सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह और ईएचसीसी हॉस्पिटल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेटर अनिल जोशी को लेनदेन करते रंगे हाथ पकड़ा था। टीम ने मौके से 70 हजार रुपए और 3 फर्जी एनओसी लेटर भी जब्त किए थे।

कार्रवाई के बाद एसीबी ने आरोपियों के घर और अन्य ठिकानों पर भी सर्च किया थे। इनकी गिरफ्तारी से खुलासा हुआ था कि फोर्टिस हॉस्पिटल का को-ऑडिनेटर विनोद सिंह भी कुछ समय पहले पैसा देकर फर्जी सर्टिफिकेट लेकर गया था। एसीबी ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया था।

वहीं, दूसरी तरफ हरियाणा के गुरुग्राम में किडनी रैकेट का मामला सामने आया था। जहां हरियाणा सीएम की फ्लाइंग टीम के ऑपरेशन में एक डोनर और दो रिसीवर होटल से गिरफ्तार हुए था। गुरुग्राम के सदर थाने में इससे संबंधित केस दर्ज है। इस मामले में गुरुग्राम में अब तक 2 डोनर और 3 रिसीवर गिरफ्तार किए जा चुके हैं। साथ ही जयपुर के जवाहर सर्किल थाने में भी इस केस में एफआईआर दर्ज की गई है।

EHCC हॉस्पिटल ने एसीबी की गिरफ्त में आए ऑर्गन ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेटर अनिल जोशी को सस्पेंड कर दिया था।
EHCC हॉस्पिटल ने एसीबी की गिरफ्त में आए ऑर्गन ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेटर अनिल जोशी को सस्पेंड कर दिया था।

एसएमएस की फर्जी एनओसी के जरिए किए गए ऑर्गन ट्रांसप्लांट की जांच करने गुरुग्राम से आई टीम

दरअसल, हरियाणा पुलिस सवाई मानसिंह अस्पताल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह की एनओसी के आधार पर किए गए ऑर्गन ट्रांसप्लांट की डीटेल लेने के लिए जयपुर आई है। हरियाणा पुलिस को शक है कि जयपुर के अन्य दो निजी हॉस्पिटल भी यह काम काफी समय से कर रहे हैं। उन अस्पतालों से पहले टीमें फोर्टिस और ईएचसीसी अस्पताल की जांच कर रही है।

सरकार के आदेश पर जवाहर सर्किल थाने में हुआ था मामला दर्ज

गुरुग्राम वाले मामले में जयपुर पुलिस की ओर से जल्द ही एसआईटी का गठन किया जाएगा। उसके बाद हरियाणा में पकड़े गए लोगों को पूछताछ के लिए प्रॉडक्शन वारंट पर जयपुर लाया जाएगा। जयपुर के जवाहर सर्किल थाने में दर्ज इस प्रकरण की जांच गांधी नगर एसीपी गोपाल ढाका को दी गई है। इस केस की जांच एक सीनियर अधिकारी को दिए जाने की तैयारी है।

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