[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

चाइना बॉर्डर पर तबीयत खराब हुई, फिर भी डटा रहा:राजस्थान के जवान ने फोन पर कहा था- सांस लेने में तकलीफ हो रही है


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
टॉप न्यूज़बहरोड़राजस्थानराज्य

चाइना बॉर्डर पर तबीयत खराब हुई, फिर भी डटा रहा:राजस्थान के जवान ने फोन पर कहा था- सांस लेने में तकलीफ हो रही है

चाइना बॉर्डर पर तबीयत खराब हुई, फिर भी डटा रहा:राजस्थान के जवान ने फोन पर कहा था- सांस लेने में तकलीफ हो रही है

बहरोड़ : अरुणाचल बॉर्डर पर तैनात नायब सूबेदार गिर्राज प्रसाद यादव (46) आर्मी से वॉलेंट्री रिटायरमेंट (वीआरएस) लेना चाहते थे। इसके लिए उच्च अधिकारियों को एप्लीकेशन भी दी। अधिकारियों ने यह कहकर एप्लीकेशन लौटा दी कि आपमें जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) बनने की काबिलियत है। धरातल से 9000 हजार फीट की ऊंचाई पर बलवा पोस्ट (अरुणाचल प्रदेश) में तैनात गिर्राज ने 4 अप्रैल की रात 9 बजे परिवार से फोन पर बातचीत में कहा था- सांस लेने में तकलीफ हो रही है। इसके 2 घंटे बाद वो शहीद हो गए।

कोटपूतली-बहरोड़ जिले के बानसूर थाना इलाके के गांव माजरा अहीर में रविवार 7 अप्रैल को सैन्य सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। परिवार में पत्नी अंजूलता (45), बेटी अमीषा (19), बेटा शोहित (23) हैं। चार भाई बहनों में गिर्राज तीसरे नंबर के थे। एक भाई दिव्यांग है, दूसरा प्राइवेट स्कूल चलाता है। एक तरह से पूरे परिवार का दारोमदार गिर्राज प्रसाद पर था।

गिर्राज प्रसाद की शहादत की खबर सुन आस-पास के कई गांवों के लोग माजरा अहीर में जुट गए थे। तस्वीर 7 अप्रैल की है।
गिर्राज प्रसाद की शहादत की खबर सुन आस-पास के कई गांवों के लोग माजरा अहीर में जुट गए थे। तस्वीर 7 अप्रैल की है।

घर में सन्नाटा, बिखर गए सपने

माजरा अहीर गांव स्थित गिर्राज के परिवार में सन्नाटा पसरा है। वे 2 महीने पहले ही घर पर छुटि्टयां बिताकर गए थे। नवंबर में बेटे शोहित की शादी तय कर रखी थी। नए मकान का प्लास्टर कराकर ड्यूटी पर लौटे थे। बेटी अमीषा इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही है। उसने पिता से वादा किया था कि वह जल्द इंजीनियर बनकर पिता का सपना साकार करेगी।

रविवार को जब पार्थिव देह घर लाई गई तो अमीषा ने लिपट कर यही कहा- पापा, एक बार बात करो, मैं आपका सपना पूरा करूंगी।

अंतिम संस्कार के दूसरे दिन सोमवार को हमारे मीडिया कर्मी ने शहीद के परिवार, दोस्त से बातचीत की…

नायब सूबेदार गिर्राज ने 20 जुलाई 2023 को बेटी का 19वां जन्मदिन मनाया था। तब वे छुट्टी पर आए थे। इस दौरान बेटे शोहित, बेटी अमीषा और पत्नी अंजूलता के साथ।
नायब सूबेदार गिर्राज ने 20 जुलाई 2023 को बेटी का 19वां जन्मदिन मनाया था। तब वे छुट्टी पर आए थे। इस दौरान बेटे शोहित, बेटी अमीषा और पत्नी अंजूलता के साथ।

बेटा बोला- पापा हम भाई बहन को कामयाब होते देखना चाहते थे

बेटे शोहित ने बताया- पापा 10 फरवरी 2024 को एक महीने की छुट्टी बिताकर गए थे। तब मकान की मरम्मत और नए मकान का काम चल रहा था। अभी मकान में जाली, खिड़की, गेट, रंग-पेंट और छोटे-मोटे काम होने बाकी हैं। नवंबर-दिसंबर में मेरी शादी करने की बात कह रहे थे। उसी के लिए नया मकान तैयार कराया। वे हमेशा कहते थे- मेरी एक ही इच्छा है तुम दोनों (भाई-बहन) कामयाब हो जाओ।

तस्वीर 4 मई 2022 की है। पिता के 44वें जन्मदिन पर बेटी अमीषा ने केक खिलाकर कुछ इस तरह सेलिब्रेट किया था।
तस्वीर 4 मई 2022 की है। पिता के 44वें जन्मदिन पर बेटी अमीषा ने केक खिलाकर कुछ इस तरह सेलिब्रेट किया था।

रिटायर्ड दोस्त ने बताया- वीआरएस की एप्लीकेशन दी, नामंजूर हो गई

बहरोड़ में आर्मी कैंटीन के मैनेजर सुरेंद्र यादव ने बताया- मैं 5 ग्रेनेडियर यूनिट से कैप्टन पद से रिटायर्ड हूं। गिर्राज मेरा जूनियर था। वो मेरे अंडर सीएचएम रह चुका था। पहले उसके परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी। उसने बहुत मेहनत की। वो काम करने से कभी नहीं घबराया। जब भी छुट्टी पर गांव आता तो कैंटीन में मिलकर जाता था।

पिछले दिनों छुट्टी पर आया तो उसने बताया था- बेटे शोहित का रिश्ता मुंडावर (अलवर) के कालूका गांव में कर दिया है। अब मकान बना रहा हूं। इसी साल नवंबर-दिसंबर में बेटे की शादी करूंगा। उनके घर में शादी की तैयारियां भी शुरू हो गई थी। कहा था कि शादी की खरीदारी दोनों साथ करेंगे। नवंबर से पहले वह दोबारा छुट्‌टी लेकर आने वाला था। सूबेदार मेजर ने उसके शहीद होने की खबर फोन पर दी तो दिल बैठ गया।

गिर्राज ने कई बार वीआरएस के लिए एप्लीकेशन दी। लेकिन उसके अधिकारी मना करते थे। कहते थे कि उसमें जेसीओ बनने की काबिलियत है। 3 साल पहले सूबेदार पद से नायब सूबेदार पद पर प्रमोशन दिया। गिर्राज का सभी से विनम्र व्यवहार था। हंसमुख स्वभाव का था। उसके अंतिम संस्कार में सीनियर रिटायर्ड ऑफिसर, जूनियर रिटायर्ड ऑफिसर, हरियाणा-राजस्थान के कई सैनिक पहुंचे थे।

नवंबर में बेटे की शादी करने का प्लान था। इसे लेकर नया मकान का निर्माण चल रहा था। जो लगभग पूरा हो चुका था। दूसरी तस्वीर पुराने मकान की।
नवंबर में बेटे की शादी करने का प्लान था। इसे लेकर नया मकान का निर्माण चल रहा था। जो लगभग पूरा हो चुका था। दूसरी तस्वीर पुराने मकान की।

दो घंटे पहले परिजनों से बात की, कहा- सांस लेने में तकलीफ है

सुरेंद्र यादव ने बताया- 4 अप्रैल को रात 9 बजे गिर्राज ने परिजनों से बात की थी। कहा था- पोस्ट काफी ऊंचाई पर है। यहां सांस लेने में तकलीफ है। टेबलेट लेता हूं। जल्दी ही छुट्टी आऊंगा। नए मकान में पुट्टी करवाने के लिए मिस्त्री और कारपेंटर से बात करने के लिए कहा था। इस बातचीत के 2 घंटे बाद ही वह दुनिया छोड़कर चले गए।

नायब सूबेदार गिर्राज यादव की शादी 30 जून 1998 को मुंडावर के गांव मूंदनवाड़ा की रहने वाली अंजूलता के साथ हुई थी।
नायब सूबेदार गिर्राज यादव की शादी 30 जून 1998 को मुंडावर के गांव मूंदनवाड़ा की रहने वाली अंजूलता के साथ हुई थी।

भाई ने कहा- पूरे घर की जिम्मेदारी उन्हीं पर थी

गिर्राज के बड़े भाई रोहिताश ने बताया- गिर्राज अक्टूबर 1996 में भारतीय सेना में भर्ती हुआ। वर्तमान में वह 5 ग्रेनेडियर यूनिट में अरुणाचल में चाइना बॉर्डर स्थित बलवा पोस्ट पर तैनात था। सेना जॉइन करने के 2 साल बाद 30 जून 1999 को मुंडावर के गांव मूंडनवाड़ा की रहने वाली अंजूलता से उसकी शादी हुई।

भतीजा शोहित गूगल कंपनी में सॉफ्टवेयर संबंधी जॉब करता है। भतीजी अमीषा अभी बी.टेक कर रही है। मैं दिव्यांग हूं। मुझसे छोटा भाई भूपसिंह हरसौरा में प्राइवेट स्कूल चलाता है। घर की जिम्मेदारी गिर्राज पर ही थी।

29 जनवरी 2023 को अपने साथी हवलदार रामकरण के रिटायरमेंट पर देहरादून में साथियों के साथ विदाई देते हुए सूबेदार गिर्राज यादव। (बाएं से तीसरे)
29 जनवरी 2023 को अपने साथी हवलदार रामकरण के रिटायरमेंट पर देहरादून में साथियों के साथ विदाई देते हुए सूबेदार गिर्राज यादव। (बाएं से तीसरे)

चाइना बॉर्डर पर हुए थे शहीद

अरुणाचल प्रदेश के चाइना बॉर्डर पर बलवा पोस्ट (करीब 9000 फीट ऊंचाई) पर वे तैनात थे। 4 अप्रैल रात 9 बजे परिजनों से बात होने के दो घंटे बाद रात 11 बजे के करीब गिर्राज प्रसाद को सीने में दर्द हुआ। उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। पोस्ट पर तैनात सेना के डॉक्टर (RMO) ने उन्हें फर्स्ट एड दिया। कुछ देर बाद वे शहीद हो गए।

खराब मौसम के कारण उनकी पार्थिव देह को सेना के हेलिकॉप्टर से लाना नामुमकिन था। अधिकारियों ने बताया कि कई बार हेलिकॉप्टर ने उड़ान भरी लेकिन लौटना पड़ा। 6 अप्रैल को पार्थिव देह एयर एंबुलेंस से दिल्ली लाई गई। देर शाम को अंतिम सलामी देने के बाद सड़क मार्ग से एम्बुलेंस से बहरोड़ लाया गया।

6 अप्रैल रात 10 बजे पार्थिव देह को बहरोड़ में सीएसडी कैंटीन के मैनेजर व गिर्राज के मित्र सुरेंद्र यादव और पूर्व सैनिक सुरेश यादव ने रिसीव किया। रातभर बहरोड़ के कैलाश अस्पताल की एयर कंडीशन मॉर्च्युरी में पार्थिव देह को रखा। रविवार को पैतृक गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया।

नायब सूबेदार गिर्राज प्रसाद यादव फुल वर्दी में। तस्वीर अरुणाचल प्रदेश स्थित सैन्य क्वार्टर की है।
नायब सूबेदार गिर्राज प्रसाद यादव फुल वर्दी में। तस्वीर अरुणाचल प्रदेश स्थित सैन्य क्वार्टर की है।
पिता के अंतिम दर्शन करती बेटी अमीषा। तस्वीर 7 अप्रैल को पार्थिव देह घर पहुंचने के बाद की है।
पिता के अंतिम दर्शन करती बेटी अमीषा। तस्वीर 7 अप्रैल को पार्थिव देह घर पहुंचने के बाद की है।
माजरा अहीर गांव में ही गिर्राज ने नया मकान बनवाया है। यहां से बेटे की शादी करने की बात कही थी। मकान का काम चल ही रहा था।
माजरा अहीर गांव में ही गिर्राज ने नया मकान बनवाया है। यहां से बेटे की शादी करने की बात कही थी। मकान का काम चल ही रहा था।
पिता को नमन करता बेटा शोहित। तस्वीर 7 अप्रैल माजरा अहीर गांव की है।
पिता को नमन करता बेटा शोहित। तस्वीर 7 अप्रैल माजरा अहीर गांव की है।
7 अप्रैल को पार्थिव देह बहरोड़ से माजरा अहीर पहुंचाई गई। अंतिम यात्रा में लोगों ने पार्थिव देह पर फूल बरसाए और नारे लगाए।
7 अप्रैल को पार्थिव देह बहरोड़ से माजरा अहीर पहुंचाई गई। अंतिम यात्रा में लोगों ने पार्थिव देह पर फूल बरसाए और नारे लगाए।
अंजूलता अपने शहीद पति की पार्थिव देह को देखकर बेसुध हो गई।
अंजूलता अपने शहीद पति की पार्थिव देह को देखकर बेसुध हो गई।

Related Articles