हनुमान बेनीवाल ने सीएम को आड़े हाथ लिया:बोले-दिल्ली के नेताओं का जयपुर में खाना डिसाइड करते थे भजनलाल, ज्यादा दिन तक सीएम नहीं रहेंगे
हनुमान बेनीवाल ने सीएम को आड़े हाथ लिया:बोले-दिल्ली के नेताओं का जयपुर में खाना डिसाइड करते थे भजनलाल, ज्यादा दिन तक सीएम नहीं रहेंगे

नागौर : हनुमान बेनीवाल ने कहा कि लोग पूछते हैं कि ये गाली-गलौज करने वाला व्यक्ति आपकी जाती का है? मुझे कहना पड़ता है कि हां ये है तो हमारी जाति का ही। लेकिन ठीक है ये मनोरंजन कर रहा है। इससे ज्यादा गिरावट नहीं हो सकती कि वो पूर्व विधायक आधा घंटे तक माइक पर सार्वजनिक मंचों पर गाली-गलौज करता है। घर में तो इंसान कुछ भी बोल देता है, लेकिन ये सार्वजनिक मंचों पर गाली-गलौज करके अपने समाज की प्रतिष्ठा को गिराते हैं।
वो बौखलाकर कहते हैं कि सीएम भजनलाल शर्मा, हनुमान बेनीवाल की जांच करवाएंगे। जब 2004 में तत्कालीन सीएम वसुंधरा राजे ने जांच करवाई तो उन्हें कुछ नहीं मिला, इन्हें क्या मिलेगा। भजनलाल उनसे बड़े तो नहीं हैं ना।
मैंने विधानसभा में भजनलाल जी से पूछा कि आपने कभी सोचा था क्या कि आप सीएम बनोगे? क्योंकि भजनलाल शर्मा का तो इतना ही काम था कि दिल्ली से आने वाले लोगों के खाने का इंतजाम किया करते थे। उनको अचानक से सीएम बना दिया तो सोचाे उनके ऊपर क्या बीत रही होगी? राजस्थान का दुर्भाग्य है कि भजनलाल जैसे लोग राजस्थान के सीएम हैं।
मैं कहता हूं कि भजनलाल शर्मा ज्यादा दिन तक सीएम नहीं रहेंगे। इसलिए वो खुद का ध्यान रखें, मेरा नहीं। मैंने एक बच्चे को कह दिया कि तुम भजनलाल शर्मा की तरह सीधे हो तो बच्चा बोला कि मुझे भजनलाल मत कहाे, मुझे शर्म आती है। सीएम भजनलाल शर्मा को अटल बिहारी वाजपेयी की जगह पीएम नरेंद्र मोदी को श्रद्धांजलि दे देते हैं। सिखों के अभिवादन में सतश्री अकाल की जगह सत सत अकाल बोल देते हैं।
हनुमान बेनीवाल ने भाजपा प्रत्याशी डॉ. ज्योति मिर्धा पर आरोप लगाते हुए कहा कि ज्योति मिर्धा की निजी कंपनी ने 1 लाख करोड़ का घोटाला किया है। इसके अलावा उनके 2-3 दूसरे मामले भी थे। इसलिए इनको भाजपा में भागना पड़ा। पीएम मोदी और अमित शाह ये चाह रहे थे कि हनुमान बेनीवाल ने हमारा कहना नहीं माना(एनडीए गठबंधन से अलग हुए), इसलिए उसे ठीक कर देंगे।
हनुमान बेनीवाल ने कहा कि ज्योति मिर्धा के पास जितना भी पैसा है वो यहां की जनता की कमाई है। इसलिए चुनावों में गाड़ी वगैरह लगानी हो तो वहां लगा लेना लेकिन वोट ताे यहां देना ही है। रालोपा ने कांग्रेस से गठबंधन देशहित में किया है, लोकतंत्र को बचाने के लिए किया है और दिल्ली के नेताओं की गुंडागर्दी खत्म करने के लिए किया है।