चिल्लाते हुए फैक्ट्री से निकले लोग, पूरी चमड़ी जली:चश्मदीद बोला- पांच शव पड़े थे अंदर, तड़प रहे थे झुलसे लोग
चिल्लाते हुए फैक्ट्री से निकले लोग, पूरी चमड़ी जली:चश्मदीद बोला- पांच शव पड़े थे अंदर, तड़प रहे थे झुलसे लोग

जयपुर : जयपुर के पास बस्सी में शनिवार शाम एक केमिकल फैक्ट्री में आग लगने से 6 लोगों की मौत हो गई। पांच लोग मौके पर ही जिंदा जल गए। दो लोग गंभीर रूप से झुलस गए। दोनों को तत्काल एसएमएस हॉस्पिटल भेजा गया।
जहां इलाज के दौरान एक की मौत हो गई। एसएमएस अस्पताल पहुंचे घायल कालूराम के भाई राजकुमार ने बताया- अंदर तो पांच लोग मर गए। कुछ लोग चिल्लाते हुए बाहर निकले। जो पूरी तरह झुलसे हुए थे। उनकी चमड़ी पूरी तरह जल गई थी।
राजकुमार ने बताया- हमारे पास फैक्ट्री से कॉल आया कि आपके भाई जिस फैक्ट्री में काम कर रहे हैं, वहां आग लग गयी है। अपने परिजन को आकर ढूंढ लीजिए। जब हम वहां गए तो हर तरफ चीख-पुकार मची थी। कुछ लोग झुलसे हुए पड़े थे। अंदर तो पता नहीं कितने मरे होंगे। मैं तुरंत अपने भाई के पास पहुंचा। तभी एम्बुलेंस भी पहुंच गई। इसके बाद मैं अपने भाई को एसएमएस अस्पताल लेकर पहुंचा।
फैक्ट्री में 50 लोग काम करते हैं
घायल कालूराम के दूसरे भाई बाबू लाल ने बताया- कंपनी का नाम शालीमार है। यह कंपनी डामर से रिलेटेड केमिकल तैयार करती है। फैक्ट्री में लगभग 50 लोग काम करते हैं।
बॉयलर लगातार चलाया जा रहा था
मृतक मनोहर के छोटे भाई और चश्मदीद रामवतार ने बताया- फैक्ट्री में बॉयलर लगातार चलाया जा रहा था। इसके कारण ये हादसा हुआ। परिवार में कमाने वाले हम दोनों भाई ही हैं। अब हमारे भाई के परिवार का क्या होगा।
95 प्रतिशत तक झुलसे लोग
बर्न वार्ड यूनिट के हेड डॉ. प्रदीप गुप्ता ने बताया एसएमएस हॉस्पिटल में अभी दो लोगों को एडमिट किया गया है। जिनमें मनोहर गुर्जर 95 प्रतिशत झुलस चुका था। मनोहर की मौत हो गई। कालूराम 65 प्रतिशत झुलसे हुए हैं। उनका इलाज चल रहा है।

बता दें कि घटना शनिवार शाम करीब 6.30 बजे की है। जब शालीमार फैक्ट्री में करीब 40 लोग काम कर रहे थे। अचानकर बॉयलर फट गया। पांच लोगों की मौके पर ही झुलसने से मौत हो गई। वहीं, एक ने एसएमएस अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। घटना की जानकारी मिलने पर दमकल और रेस्क्यू टीम को मौके पर बुलाया गया।

तीन बेटियों के सिर से पिता का साया उठा
एसएमएस हॉस्पिटल में 38 साल के मजदूर मनोहर की मौत मौत हुई। इलाज कर रहे डॉक्टर प्रदीप गुप्ता ने बताया- मनोहर 95 प्रतिशत झुलसा हुआ था। इसमें बचने की संभावनाएं कम ही होती है। मनोहर के छोटे भाई रामवतार ने बताया- घर में हम दोनों भाई ही थे। हमारे रोजगार का साधन मजदूरी ही है। मनोहर की तीन बेटियां हैं। तीनों के सिर से पिता का साया उठ गया है।