हाईकोर्ट ने दिए थे सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने के आदेश, पालिका ने उसी के 3 पट्टे दिए
हाईकोर्ट ने दिए थे सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने के आदेश, पालिका ने उसी के 3 पट्टे दिए

पिलानी : नगरपालिका पिलानी ने हाईकोर्ट व कलेक्टर के अतिक्रमण हटाने के आदेशों को दरकिनार करते हुए सरकारी भूमि के ही पट्टे जारी कर दिए। पार्षद ने आरोप लगाया है कि शहर के ही एक भू-माफिया ने पहले सरकारी जमीन पर कब्जा किया, इसके बाद नगरपालिका के अधिकारियों से मिलीभगत कर उस भूमि के अलग-अलग नाम से तीन पट्टे जारी करवा लिए। ये सब तब हुआ है जब हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए इस भूमि से अतिक्रमण हटाने के आदेश दे दिए थे।
शहर में पुलिस थाने के सामने स्थित यह भूखंड खसरा नं. 953, रकबा 163.35 हैक्टेयर गैर मुमकिन आबादी किस्म की और सरकारी भूमि है। यह सरकारी भूमि नगरपालिका के सर्वे रजिस्टर रिकॉर्ड में 91-92/189 पर गंदे पानी के लिए छोड़ी गई भूमि के तौर पर दर्ज है।
इस भूमि पर किए गए अवैध कब्जे के खिलाफ राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर में 2010 में जनहित याचिका (नं. 16556) लगाई गई थी। जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने 24 अक्टूबर 2016 में उक्त सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए नगरपालिका को आदेश दिया था। नगरपालिका ने इस अतिक्रमण को हटाने के लिए कमेटी भी गठित की थी। अतिक्रमण हटाने के लिए समाचार पत्रों में 10 अप्रैल 2017 को विज्ञप्ति भी प्रकाशित करवाई गई थी। बावजूद इसके अतिक्रमण नहीं हटाया गया। हाईकोर्ट में जवाब पेश करते हुए सूरजगढ़ के तत्कालीन एसडीएम व पिलानी के पालिकाध्यक्ष ने स्वीकार किया था कि इस सरकारी भूखंड पर अतिक्रमण है। जिसे हटाया जाना चाहिए।
पालिकाध्यक्ष ने तो हाईकोर्ट से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही के लिए 2 माह का समय भी मांगा था लेकिन आज तक कार्रवाई नहीं हुई। हाईकोर्ट में मामले को लेकर जनहित याचिका दायर करने वाले पिलानी नगरपालिका के पार्षद राजकुमार नायक ने बताया कि एक आम आदमी जब नगरपालिका में पट्टे के लिए आवेदन करता है तो उससे बिजली-पानी के बिल, नक्शा, सर्वे रजिस्टर की नकल, 1988 की वोटर आईडी, पहचान पत्र, स्वयं के शपथ पत्र, भाइयों के शपथ पत्र, वंशावली, 2018 से पूर्व की नोटरी आदि तमाम दस्तावेज मांगे जाते हैं लेकिन सरकारी भूमि के पट्टे जारी करने के लिए किसी भी नियम की पालना नहीं की गई। महज नोटरी के आधार पर ही पट्टे जारी कर दिए गए। पार्षद ने आरोप लगाया है कि व्यक्ति विशेष ने सरकारी भूखंड पर अवैध कब्जा कर रखा है और नगरपालिका के अधिकारियों से सांठ-गांठ कर पट्टे बनवाए हैं। पार्षद नायक ने कलेक्टर से इन पट्टों को निरस्त करने की मांग की है। याचिका दायर होने के बाद नियमों को ताक पर रखते हुए नगरपालिका ने इस जगह को सर्वे रजिस्टर रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया गया। यही नहीं मामले में झुंझुनूं कलेक्टर को 21 मार्च 2022 को लिखित में प्रार्थना पत्र भी दिया गया था।
इस पर कलेक्टर ने नगरपालिका को उच्च न्यायालय के आदेश की पालना में इस भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने का आदेश दिया था। इसके बावजूद जुलाई 2023 में नगरपालिका द्वारा नौरंगाबाद (चरखी दादरी) निवासी प्रदीप कुमार तथा पिलानी के वार्ड 19 निवासी शुभम शर्मा व मीनू देवी के नाम से 3 पट्टे जारी कर दिए। मामले में जांच करवाएंगे यह मेरे ड्यूटी ज्वॉइन करने से पहले का मामला है। इन पट्टों की पत्रावली और नगरपालिका की पूर्व में की गई कार्यवाही की फाइल की जांच करवाई जाएगी। कोई गलत तथ्य पाए गए तो उचित कार्रवाई की जाएगी। अतिक्रमण है तो हटाया जाएगा। – प्रियंका बुडानिया, ईओ नगरपालिका पिलानी