फ्यूचरिंग डिजाइन सम्मेलन में जयपुर की स्टूडेंट्स शामिल हुई:आर्च कॉलेज की दो स्टूडेंट्स ने IIT दिल्ली में डिजाइन एजुकेशन में AI के प्रभाव विषय पर की रिसर्च वर्क को प्रस्तुत किया
फ्यूचरिंग डिजाइन सम्मेलन में जयपुर की स्टूडेंट्स शामिल हुई:आर्च कॉलेज की दो स्टूडेंट्स ने IIT दिल्ली में डिजाइन एजुकेशन में AI के प्रभाव विषय पर की रिसर्च वर्क को प्रस्तुत किया
जयपुर : आर्च कॉलेज ऑफ डिजाइन एंड बिजनेस की दो स्टूडेंट्स मुस्कान अमरका (बी.डेस, इंटीरियर डिजाइन) और अनुष्का रस्तोगी (बी.डेस, ज्वेलरी डिजाइन) ने IIT दिल्ली में आयोजित फ्यूचरिंग डिजाइन सम्मेलन में अपना शोध “डिजाइन शिक्षा पर AI के प्रभाव की खोज एक समग्र छात्र दृष्टिकोण” प्रस्तुत किया। इस शोध में उन्होंने AI के डिजाइन शिक्षा पर विविध प्रभावों को प्रस्तुत किया।
अपने रिसर्च पोस्टर में, दोनों स्टूडेंट्स ने AI द्वारा संवर्धित डिजाइन शिक्षा के महत्व पर बल दिया, विशेष रूप से समावेशिता और नैतिक मूल्यों के संदर्भ में। मुस्कान ने बताया कि AI डिजाइन शिक्षा को परिवर्तनकारी बना रहा है, जिससे न केवल टेक्नोलॉजी को अपनाने में सुविधा होती है, बल्कि क्रिएटिविटी और डिजाइन सोच का विस्तार भी होता है।
वहीं अनुष्का के अनुसार उनकी रिसर्च के जरिए उन्हें ट्रेडिशनल और नए विचारों के बीच के बैलेंस को समझने का मौका मिला। साथ ही करिकुलम में AI का समावेश उन्हें नए बिज़नेस ट्रेंड से अवगत रखता है और ट्रेडिशनल चुनौतियों को पीछे छोड़कर नया और क्रिएटिव सोचने में भी मदद करता है। इस शोध ने सम्मेलन में डिजाइन शिक्षा में AI के व्यावहारिक और परिवर्तनकारी पहलुओं पर महत्वपूर्ण प्रकाश डाला।
वर्तमान परिदृश्य में, AI हर क्षेत्र को प्रभावित करता है जिसमें डिजाइन एजुकेशन भी शामिल है। आर्च कॉलेज ऑफ़ डिज़ाइन एवं बिज़नेस लगातार AI स्किल्स को अपने सिलबस् में इंटीग्रेट कर रहा है ताकि स्टूडेंट्स न्यू टेक्निक्स से अपडेटेड रहे और इसके सकारात्मक उपयोग के लिए सही गाइडेन्स मिले ।
फ़्यूचरिंग डिज़ाइन सम्मेलन के दौरान बदलते सामाजिक-सांस्कृतिक प्रतिमानों और तकनीकी प्रगति के संदर्भ में डिज़ाइन में शैक्षणिक दृष्टिकोण के गतिशील विकास पर चर्चा की गई। सम्मेलन का उद्देश्य प्रौद्योगिकी, संस्कृति और विरासत जैसे विषयों को शामिल करते हुए डिजाइन शिक्षा के अंतःविषय पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए लोगों को जागरूक करना था। डिज़ाइन शिक्षा में AI के व्यावहारिक निहितार्थ और परिवर्तनकारी पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए छात्रों की अंतर्दृष्टि ने सम्मेलन को सफल बनाया।