झुंझुनूं : यमुना जल समझौते को लेकर सोमवार झुंझुनूं में कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन व विशाल सभा हुई। सभा में जिलेभर से किसान शामिल हए। सूरजगढ़ विधायक श्रवण कुमार व पिलानी विधायक पितराम सिंह काला ने जनसभा में शामिल होकर आंदोलन को समर्थन दिया। उन्होंने कहा यमुना का पानी शेखावाटी का बहुत बड़ा मद्दा है। यहां की जनता अपने हक को तरस रही है। इस मुद्दे का विधानसभा में उठाया जाएगा।
जिले के 8 ब्लॉक डार्क जोन
यमुना जल महा संघर्ष समिति के सदस्य व कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता यशवर्द्धन सिंह शेखावत ने कहा कि शेखावाटी का झुंझुनूं जिला गंभीर जल संकट की स्थिति में आ चुका है और जिले के 8 ब्लॉक डार्क जोन घोषित किए जा चुके हैं। जमीन का पानी लगातार नीचे जा रहा है।
इस जल संकट के समाधान के लिए 1994 में पांच राज्यों के बीच यमुना जल समझौता हुआ थ। इस जल समझौते को लागू करने के लिए 1995 में वाईयूआईबी बोर्ड का गठन किया गया। जब शुरू में यमुना जल समझौता हुआ तब ये माना गया कि हरियाणा में पहले से बनी नहर, जो राजस्थान की सीमा तक जाती है उनसे राजस्थान तक पानी लाया जाएगा, लेकिन हरियाणा इस बात के लिए नहीं माना और आज 30 साल गुजर जाने के बाद भी समझौता लागू नहीं हो पाया। किसान नेता रामचंद्र कुलहरि ने जिले में गिरते जल स्तर को देखते हुए आंदोलन को मजबूत करने पर बल दिया।
ये रहे मौजूद
किसान नेता फूलचंद ढेवा, फूलचंद बर्वर, रामचंद्र कुलहरि, शेर सिंह नेहरा, विधाधर गिल, निरंजन लाल, बजरंग हमीरपुर, महावीर प्रसाद यादव, बजरंग लाल नेहरा, सुरेश महला, अजय तसीङ, मूलचंद खंरिटा, इंद्राज सिंह चारावास, रविंद्र पायल, सुमेर सिंह बुडानिया, ओमप्रकाश झारोड़ा, रणवीर सिंह, सुभाष हमीनपुर, राहुल जाखड़, राजेश खटाणा, विजेंद्र लांबा, होशियार सिंह चाहर, अरविंद गढवाल, ताराचंद जिलाध्यक्ष व्यापार संघ, सुमेर धाबाई, गजराज कटेवा, रमेश मील, कैलाश यादव, रामनिवास डूडी सैनिक संघ, रामनिवास थाकन, नरेश एडवोकेट, विजेंद्र शास्त्री, बजरंग बराला, कर्मवीर सिंह, मनफूल सिंह, जयपाल बसेरा, आशिष पचार, पोकर सिंह, धर्मपाल गुर्जर, पार्षद मकबूल हुसैन, मनोज सिंह महासंघर्ष समिति की तरफ से जिले के सभी जन प्रतिनिधियों पंच से लेकर विधायकों, सांसद तक सभी को दलीय राजनीति से उपर उठकर समर्थन करने की अपील की गई। इस दौरान महा संघर्ष समिति की तरफ से आगामी 20 फरवरी को सभी गांव में धरना देने का आव्हान किया। सभा के बाद नहर के समझौते को लागू करने को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया।