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जाटों ने रेल मार्ग जाम करने का फैसला टाला, अब केंद्र से जाट आरक्षण की पैरवी करेगी राजस्थान सरकार


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जाटों ने रेल मार्ग जाम करने का फैसला टाला, अब केंद्र से जाट आरक्षण की पैरवी करेगी राजस्थान सरकार

Jat Reservation: राजस्थान सरकार से मिले आश्वासन के बाद जाटों ने प्रस्तावित भरतपुर-मुंबई-दिल्ली रेल मार्ग जाम करने के फैसले को स्थगित कर दिया।

Jat Reservation In Rajasthan: जाट आरक्षण को लेकर बड़ी राहत की खबर आई है। भजन लाल सरकार से मिले आश्वासन के बाद जाटों ने कल दोपहर से प्रस्तावित भरतपुर-मुंबई-दिल्ली रेल मार्ग जाम करने के आन्दोलन को स्थगित कर दिया। सरकार से हुई आन्दोलनकारियों की बातचीत के बाद फैसला लिया गया कि भरतपुर और धौलपुर के जाटों को केंद्र में आरक्षण देने के लिए एक हाई लेवल कमेटी तीन दिनों के भीतर दिल्ली जाकर केंद्र के सामने अपना पक्ष रखेगी।

जलदाय मंत्री ने की आंदोलनकारियों से बातचीत

इस साल होने वाले लोकसभा चुनावों की सुगबुगाहट के बीच राजस्थान के भरतपुर और धौलपुर के जाटों ने जब दिल्ली-भरतपुर-मुंबई रेलमार्ग को बुधवार से जाम करने का अल्टीमेटम दिया तो हरकत में आई राजस्थान सरकार ने उन्हें बातचीत के लिए बुलाया। जलदाय मंत्री कन्हैया लाल ने आंदोलनकारियों से जयपुर में बातचीत की।

दिल्ली में होगी बातचीत

मंत्री कन्हैया लाल की मानें तो लिखित में अब यह सहमति बन गई है कि तीन दिन के भीतर राजस्थान सरकार की और से 4 मंत्रियों और विधायकों का प्रतिनिधिमंडल आंदोलनकारी नेताओं और आला अधिकारियों के साथ दिल्ली जाकर संबंधित मंत्री से बातचीत करेंगे। साल 2022 में भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर भरतपुर और धौलपुर के जाटों को OBC में शामिल करने की पैरवी होगी।

लगातार गरमाता जा रहा जाट आरक्षण आंदोलन

दरअसल राजस्थान के भरतपुर में चल रहा जाट समाज का आरक्षण आंदोलन लगातार गर्माता ही जा रहा है। लम्बे वक्त से मांगें नहीं माने जाने पर नाराज संघर्ष समिति का पारा भी परवान पर नजर आया और उन्होंने आरक्षण का अपना हक लेने के लिए गुर्जर समाज की तरह ही रेलवे ट्रैक जाम करने की चेतावनी दे दी।

मुकदमों को वापस लेने और सरकारी नौकरी की मांग

वैसे 7 जनवरी को समाज की महापंचायत के बाद से ही पिछले 17 जनवरी से ही भरतपुर और धौलपुर के जाट पहले हाईवे जाम करके और फिर शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे थे। वे इन दोनों जिले के जाटों को केंद्र के ओबीसी आरक्षण में शामिल करने के साथ साल 2016-17 में आंदोलनकारियों पर दर्ज किए गए मुकदमों को वापस लेने और हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी अब तक समाज के 56 लोगों को आरक्षण का लाभ देते हुए नौकरी देने की मांग कर रहे हैं।

जारी रहेगा धरना प्रदर्शन

राज्य सरकार से केंद्र से पैरवी करने के साथ लंबित मामलों को वापस लेने के मिले आश्वासन के बाद हालांकि आन्दोलन खत्म करने का तो ऐलान नहीं हुआ, लेकिन रेल जाम का फैसला टालने के संकेत मिले हैं।  आन्दोलनकारियों के नेताओं की मानें तो जब सरकार खुद उनकी मांगों को सुलझाने के प्रति गंभीरता दिखा रही है तो अब कल से होने वाला रेल मार्ग जाम आन्दोलन स्थगित किया जाएगा और आगे की आन्दोलन की रूपरेखा के बारे में धरना स्थल पर बैठे प्रदर्शनकारियों से बातचीत के बाद फैसला होगा।

जाट आरक्षण को लेकर संवेदनशील है सरकार

प्रदर्शनकारियों के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने न्यूज़ 24 से कहा कि केंद्र के पास से जैसे ही बातचीत के लिए एक-दो दिन में संकेत मिलेगा, राजस्थान सरकार के मंत्रियों के साथ वे रवाना हो जायेंगे। दरअसल, जाट आरक्षण को लेकर इस बार मामला इसलिए भी संवेदनशील लगने लगा था, क्योंकि पहले केंद्र और राज्य में अलग-अलग सरकार थी, लेकिन अब डबल इंजन की सरकार है। ऊपर से सीएम खुद भरतपुर जिले के ही रहने वाले हैं। ऐसे में वे भी मामले की संवेदनशीलता को बेहतर तरीके से समझ रहे हैं। अब यह देखना होगा कि केंद्र सरकार के स्तर पर इस मसले का किस तरह से हल निकलता है।

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