चंडीगढ़ मेयर चुनाव: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- यह लोकतंत्र की हत्या, रिटर्निंग अधिकारी पर चलाया जाना चाहिए मुकदमा
चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले की सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने रिटर्निंग अधिकारी को कड़ी फटकार लगाई और पूरे घटनाक्रम को लोकतंत्र का मजाक करार दिया। अगली सुनवाई तक चंडीगढ़ नगर निगम में कोई बैठक नहीं करने का भी निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने दिया।
चंडीगढ़ : चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। चुनाव अधिकारी अनिल मसीह को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई। CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा- यह स्पष्ट है कि उन्होंने (चुनाव अधिकारी) बैलट पेपरों को डिफेस्ड (खराब) किया। क्या वह इसी तरह चुनाव आयोजित करते हैं? यह लोकतंत्र का मजाक है। यह लोकतंत्र की हत्या है। इस अफसर पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रिटर्निंग अधिकारी को कड़ी फटकार लगाई। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि यह स्पष्ट है कि रिटर्निंग अधिकारी ने मतपत्रों को नष्ट किया है। कोर्ट ने सवाल पूछा कि क्या इसी तरह से चुनाव का आयोजन होता है? यह लोकतंत्र का मजाक है। यह जनतंत्र की हत्या है। पूरे मामले से हम हैरान हैं। इस अधिकारी पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। क्या यह रिटर्निंग अधिकारी का व्यवहार है?
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि मेयर चुनाव के पूरे रिकॉर्ड को जब्त कर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट रजिस्ट्रार जनरल के पास रखा जाए। बैलट पेपर और वीडियोग्राफी को संभालकर रखा जाए। इसके साथ कोर्ट ने निर्देश दिया कि चंडीगढ़ निगम की आगामी बैठक स्थगित रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारी चेतना को संतुष्ट करना होगा, नहीं तो नए सिरे से चुनाव कराने होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने मेयर चुनाव के चुनाव अधिकारी अनिल मसीह को कहा है कि वह 19 फरवरी को सुनवाई में मौजूद रहें। चुनाव अधिकारी सुप्रीम कोर्ट को वीडियो में दिख रही अपनी कारगुजारी पर जवाब दें।
I.N.D.I.A यानी AAP-कांग्रेस के संयुक्त कैंडिडेट कुलदीप कुमार ने यह याचिका दायर की है। इसमें उन्होंने भाजपा के नए चुने मेयर मनोज सोनकर को हटाकर दोबारा चुनाव की मांग की गई है।
याचिका में दलील दी गई कि चुनाव अधिकारी अनिल मसीह ने वोटों की गिनती में हेराफेरी की है। उनकी तरफ से कांग्रेस नेता और सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी दलीलें रखीं। मेयर के चुनाव 28 जनवरी को हुए थे।
गठबंधन के 8 वोट हुए थे इनवैलिड
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में एक सांसद और 35 पार्षदों को मिलाकर 36 वोट थे। इनमें 14 भाजपा पार्षद, एक भाजपा सांसद किरण खेर, 1 अकाली दल और बाकी 20 वोट आप और कांग्रेस पार्षदों के थे। सभी ने वोटिंग की। चुनाव अधिकारी ने काउंटिंग के बाद कहा कि भाजपा को 16 वोट मिले। वहीं, आप-कांग्रेस के उम्मीदवार को 12 वोट मिले हैं, जबकि 8 वोट इनवैलिड पाए गए।
मनोज सोनकर ने भी फाइल की कैविएट
भाजपा के नए चुने मेयर मनोज सोनकर ने भी सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की है। जिसमें कहा है कि कुलदीप की याचिका पर कोई फैसला लेने से पहले उनकी बात भी सुनी जाए। उनकी तरफ से पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी भारद्वाज दलीलें रखेंगी।
हाईकोर्ट से नहीं मिली कोई राहत
सुप्रीम कोर्ट में जाने से पहले कुलदीप कुमार की तरफ से पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी। इस पर सुनवाई के दौरान उन्हें कोई राहत नहीं मिली। इसमें जस्टिस सुधीर सिंह और जस्टिस हर्ष बांगर की खंडपीठ ने आप की तरफ से चुनाव को स्टे करने की मांग मानने से इनकार कर दिया था।
वहीं, चंडीगढ़ प्रशासन को नोटिस जारी कर इस पर तीन हफ्ते में जवाब मांगा गया था। वहीं, कुलदीप कुमार की तरफ से इस मामले में जल्द से जल्द सुनवाई करने की मांग की गई थी। चंडीगढ़ प्रशासन को हाईकोर्ट की तरफ से तीन हफ्ते का समय दे दिया गया है। अब इस मामले में 26 फरवरी को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है।
इसलिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
AAP पार्षद ने हाईकोर्ट के अंतरिम राहत से इनकार करने और याचिका को तीन सप्ताह बाद सूचीबद्ध करने के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील दायर की। हाईकोर्ट में मामला 26 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। हाईकोर्ट में दायर याचिका के अनुसार, आप उम्मीदवार ने एक रिटायर्ड जज की देखरेख में स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से नए सिरे से चुनाव कराने के निर्देश देने की मांग की है।
याचिका में कहा गया है कि यह याचिका इसलिए दायर की गई, क्योंकि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से नहीं हुआ था।
डिप्टी मेयर चुनाव को लेकर अर्जी दाखिल करेगी कांग्रेस
वहीं, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव को लेकर कांग्रेस पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल करने जा रही है। कांग्रेस की तरफ से दोनों पदों पर भाजपा के जीते उम्मीदवार कुलदीप सिंह संधू और राजेंद्र शर्मा की जीत को चुनौती दी जाएगी।
कांग्रेस की तरफ से गठबंधन के समर्थन से इन दोनों पदों पर गुरप्रीत गावी और निर्मला देवी को अपना उम्मीदवार बनाया था, लेकिन विपक्ष के वॉकआउट करने के बाद भाजपा के दोनों प्रत्याशी जीत गए थे।
Chandigarh mayoral polls | Supreme Court orders preservation of entire record of the election process including ballot papers, videography and other material through Registrar General of Punjab and Haryana High Court.
Supreme Court directs that the ensuing meeting of the…
— ANI (@ANI) February 5, 2024
Chandigarh mayoral polls: Supreme Court slams Returning Officer who held the Chandigarh Mayor elections and says it is obvious that Returning Officer has defaced the ballot papers.
Supreme Court says, "Is this the way he conducts the elections? This is a mockery of democracy.…
— ANI (@ANI) February 5, 2024