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SI भर्ती में 20 लाख रुपए लेकर बना डमी कैंडिडेट:दोस्त की जगह एग्जाम देने पहुंचा तो दबोचा; 3 बार नेट-JRF क्लीयर किया


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SI भर्ती में 20 लाख रुपए लेकर बना डमी कैंडिडेट:दोस्त की जगह एग्जाम देने पहुंचा तो दबोचा; 3 बार नेट-JRF क्लीयर किया

SI भर्ती में 20 लाख रुपए लेकर बना डमी कैंडिडेट:दोस्त की जगह एग्जाम देने पहुंचा तो दबोचा; 3 बार नेट-JRF क्लीयर किया

सांचौर : प्रतियोगी परीक्षाओं में टॉप स्टूडेंट्स में रहने वाला युवक पैसे के लालच में डमी कैंडिडेट बन गया। मामला सामने आने पर एसओजी की टीम ने युवक को सांचौर के जोधवास गांव से गिरफ्तार किया। युवक पूर्व में भी फर्जी परीक्षा के मामले में गिरफ्तार हो चुका है।

मामला सांचौर जिले का है। जहां के गांव जोधवास का रहने वाला युवक हरचंद देवासी प्रतियोगी परीक्षाओं में टॉप रेंक लाया करता था। मगर तेजी से पैसे कमाने के लालच में डमी कैंडिडेट बन गया। जिसके चलते हरचंद को एसओजी ने गिरफ्तार किया है। दौसा का रहने वाला डालूराम मीणा भी हरचंद की वजह से ही एसआई बना था। एसओजी डालूराम मीणा को गिरफ्तार कर चुकी है।

जोधावास निवासी हरचंद देवासी ने अपनी जिंदगी की शुरुआत बेहद गरीबी में निकाली, लेकिन वह पढ़ाई में मेघावी था। जिसके चलते एक एक करके पांच परीक्षाओं में चयन हुआ। जिसमें तीन परीक्षाओं में राजस्थान में टॉप तीन से चयन हुआ था, लेकिन तेजी से पैसे कमाने के चलते डमी कैंडिडेट बनने का कार्य शुरू कर दिया।

PTET प्रदेश में तीसरी रेंक आने के बाद बढ़ा था हौसला
हरचंद देवासी ने शुरुआत में बीए करने के बाद पीटीईटी की पहली परीक्षा दी। जिसमें ऑल राजस्थान में तीसरी रेंक आई थी। इसके बाद उसने अलग अलग प्रतियोगी परीक्षाओं में अपना भाग्य आजमाया। हर परीक्षा में सफलता मिलती गई। पहली बार 2016 में रीट की परीक्षा दी। जिसमें 119 नंबर के साथ 64 वीं रेंक आई थी, लेकिन किसी कारण यह भर्ती कोर्ट में अटक गई। इसके बाद हरचंद ने सेकेंड ग्रेड शिक्षक भर्ती की परीक्षा दी। जिसमें ऑल राजस्थान थर्ड रेंक आई। इसके बाद 2018 की रीट की परीक्षा में हिंदी व सामाजिक विषय से चयन हो गया। इसके अलावा हरचंद का असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर भी आज राजस्थान में तीसरी रेंक से चयन हो रखा था। हरचंद‎ ने तीन बार नेट-जेआरएफ की‎ परीक्षा पास कर ली थी।‎

माता पिता की हो चुकी है मौत
हरचंद देवासी की 6 महीने की उम्र के होते ही पिता की मौत हो गई। उसके दो साल बाद माता का निधन हो गया। ऐसे में दादी ने पाल पोस कर बड़ा किया। इसके कुछ ही समय बाद उसकी बड़ी बहन की भी शादी हो गई। बहन की शादी के 6 महीने बाद ही 2009 में उसके जीजा की सड़क हादसे में मौत हो गई। इसके सदमे से उसकी बहन भी बीमार रहने लगी। 2010 में उसकी बहन की मौत हो गई। हरचंद जब 11वीं की पढाई कर रहा था तो उसकी दादी की मौत हो गई।

इन दो अभ्यर्थियों के लिए डमी बना, 20 लाख में की थी डील‎
दौसा जिले के‎ महुवा निवासी डालूराम मीणा से‎ इसका जयपुर में पढ़ाई के दौरान‎ संपर्क हो गया। डालूराम पहले पटवारी‎ की नौकरी करता था। डालूराम ने‎ हरचंद से 20 लाख रुपए में सौदा‎ किया। 13 सितंबर को हुई परीक्षा में‎हरचंद डमी बैठा। डालूराम पास हो‎ गया। ढ़ाई साल बाद एसओजी के‎ पास डालूराम के फर्जी परीक्षा दिलवाने‎ की शिकायत गई। उसमें दस्तावेज व‎ फोटो जांचे तो पकड़ा गया।‎

दौसा के डालूराम मीणा‎ का तो एसआई में चयन करवा चुका‎ था, लेकिन इसके अगले दिन 14‎ सितंबर को गांव के ही अपने दोस्त‎ जैसाराम की जगह भी डमी अभ्यर्थी‎ बनकर 14 सितंबर 2021 को‎ जयपुर के शिवालिक पब्लिक सीनियर‎ सैकंडरी स्कूल जगतपुरा जयपुर में‎ बैठा था। यह‎ परीक्षा उसके गांव के दोस्त जैसाराम‎ की जगह दे रहा था। इस परीक्षा में‎ प्रथम पारी की दे दी थी। दूसरे पारी में‎ पुलिस के पास शिकायत गई तो‎ जैसाराम की जगह परीक्षा दे रहे हरचंद‎ को गिरफ्तार कर लिया। उसने उस‎ समय यह खुलासा नहीं किया कि पहले‎ दिन भी परीक्षा दी थी।‎

सैकंड ग्रेड भर्ती में तीसरी रेंक थी,‎ हिंदी व्याख्याता रहते सस्पेंड हो चुका‎

  • 2016 में तृतीय श्रेणी शिक्षक‎के पद पर चयनित होकर पहली‎ नौकरी हासिल की।‎
  • 2016 की सेकेंड ग्रेड भर्ती‎ परीक्षा में प्रदेश में तीसरी रेंक से‎ चयन होकर नौकरी पा ली।‎
  • 2018 में संस्कृत विभाग में‎ व्याख्याता भर्ती परीक्षा में चयन‎ हुआ। संस्कृत विद्यालय सिवाड़ा‎ में नौकरी ली।‎
  • 2018 हिन्दी व्याख्याता भर्ती‎ में उनका चयन तीसरी रेंक से हो‎ गया। राजकीय उच्च माध्यमिक‎ जूनी बाली कार्यरत था, तब सस्पेंड‎ हो गया।‎

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