कभी खंडहर था, आज एक रात का किराया 35 हजार:इटली की मारिया ने राजस्थान के 200 साल पुराने गढ़ को बना दिया लग्जरी होटल
कभी खंडहर था, आज एक रात का किराया 35 हजार:इटली की मारिया ने राजस्थान के 200 साल पुराने गढ़ को बना दिया लग्जरी होटल

सीकर : मैं अपने दोस्त बेल्जियम के रहने वाले अपने आर्किटेक्चर डिजाइनर फिलिप डी के साथ 2015 में भारत आई थी। हम दोनों ने राजस्थान के भी अलग-अलग पर्यटक स्थलों को देखा था। तब सीकर के दीपपुरा गढ़ भी गए थे। दीवारों पर शेखावाटी के हस्तशिल्प चित्र शैलियां और मांडने बने थे। इस कला ने हम दोनों दोस्तों को काफी आकर्षित किया था। तब इसके रिनोवेशन और टूरिस्ट प्लेस बनाने का ठान लिया। राजस्थान टूरिज्म डिपार्टमेंट से 10 करोड़ रुपए में खरीदकर इसका जीर्णोद्धार कराया। ये सब कोई प्लान नहीं था, बस अचानक हो गया। अब इस जगह विदेशों से भी बड़ी संख्या में टूरिस्ट आते हैं।
ये कहना है-इटली की रहने वाली 77 साल की ज्वेलरी डिजाइनर मारिया ग्राज़िया बलदान का। राजस्थान पर्यटन विभाग का स्लोगन- ‘जाने क्या दिख जाए’… मारिया के जीवन पर काफी सटीक बैठता है। हमारे मीडिया कर्मी से बात करते हुए इटालवी ज्वेलरी डिजाइनर मारिया ने इटली से भारत के अपने इस सफर और यहां की संस्कृति में ही घुल-मिल जाने के सफर के बारे में बताया…

6 महीने इंडिया और 6 महीने दूसरे देशों में रहती
मारिया बताती है कि सीकर में रहते हुए 8 साल हो गए है। अब वह 6 महीने इंडिया में रहती है और 6 महीने अलग-अलग देशों की यात्रा करती है। मारिया कहती है- अलग-अलग देशों की यात्रा ने जीवन को शांतिमय, आनंदपूर्ण और खुशहाल बनाया है। 2015 में भारत की यात्रा के कारण ही सीकर के दीपपुरा गढ़ के रिनोवेशन का सोचा था।
बेल्जियम के रहने वाले दोस्त के साथ आई थी भारत
मारिया कहती है- 2015 में दोस्त आर्किटेक्चर डिजाइनर फिलिप डी भी साथ सीकर आई थी। दोनों ने शेखावाटी की हवेलियों को भी देखा था। सीकर के 11वें और अंतिम शासक राव राजा कल्याण सिंह के दीपपुरा गढ़ को भी देखा था। दीपपुरा गढ़ सीकर जिला हेडक्वार्टर से 30 किलोमीटर की दूरी पर है।
गढ़ की दीवारों पर शेखावाटी के हस्तशिल्प चित्र शैलियां
मारिया बताती है कि ये 200 साल पुराना ऐतिहासिक गढ़ गांव के बीचो-बीच खंडहर हालात में था। गढ़ सुनसान और जर्जर हालत में था। गढ़ के पास कुछ ऊंट, गाय, बकरियां और अन्य जानवर बैठे हुए थे। आस-पास के लोगों से पता चला कि यह गढ़ सीकर के अंतिम शासक राव राजा कल्याण सिंह की हवेली है। गढ़ राजस्थान टूरिज्म डिपार्टमेंट के अंडर में है। मैंने और मेरे दोस्त फिलिप डी विलेगास ने गढ़ के अंदर जाकर देखा। यह अंदर से बहुत ही खूबसूरत था। गढ़ की दीवारों पर शेखावाटी के हस्तशिल्प चित्र शैलियां बनाई हुई थी और मांडने बनाए हुए थे, जो बाहर से आने वालों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे थे।

160 इटालियन और भारतीय शिल्पकारों ने किया रिनोवेशन
मारिया ने बताया कि अपने दोस्त फिलिप के साथ गढ़ के रिनोवेशन की प्लानिंग कर इसे टूरिस्ट प्लेस बनाने की ठान ली। टूरिज्म डिपार्टमेंट से जानकारी लेकर 10 करोड़ रुपए में गढ़ खरीद लिया। इसके बाद 160 इटालियन और भारतीय शिल्पकारों ने 5 साल में गढ़ का रिनोवेशन किया।
गढ़ के बाहर ऊंट देखकर, लोगो बनाया
2019 में कोरोना महामारी आने के बाद गढ़ 2 साल तक बंद रहा। वह खुद भी इटली लौट गई थी। 2021 इंडिया वापस आकर गढ़ को शुरू किया। मारिया ने बताया कि रिनोवेशन के दौरान गढ़ का Logo भी डिजाइन करवाना था। एक बार गढ़ के बाहर ऊंट बैठा देखा। तब ऊंट को ही गढ़ का लोगो बनाया गया।
विदेशी टूरिस्ट को काफी पसंद है दीपपुरा गढ़
दीपपुरा गढ़ में अब देशी-विदेशी टूरिस्ट घूमने के लिए आते हैं। गढ़ में एंट्री के लिए एक सप्ताह पहले ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर बुकिंग करनी होती है। गढ़ में एक रात रुकने का रेंट 29 हजार है और 35 हजार तक है। इस गढ़ में ज्यादातर विदेशी टूरिस्ट आते हैं। गढ़ के मैनेजर अनिरुद्ध शर्मा बताते है कि जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (JLF) में आने वाले विदेशी गढ़ देखने जरूर आते हैं।

10 बेडरूम, एकबड़ा स्विमिंग पूल और गार्डन
280 वर्ग मीटर में फैले इस विशाल दीपपुरा गढ़ में 10 बेडरूम है। सभी बेडरूम का रेंट भी अलग-अलग है। गढ़ में हर एक रूम की अलग खासियत है। 18 मीटर का बड़ा स्विमिंग पूल, गार्डर, लाइब्रेरी, किचन, व्यू प्वाइंट काफी आकर्षित करता है।
इटालियन शेफ बनाते है खाना
दीपपुरा गढ़ में 5 इटालियन शेफ है। 6 भारतीय शेफ भी हैं। गढ़ में फास्टफूड, फ्रूट, लंच, ब्रेकफास्ट, चाय, कॉफी और ड्रिंक्स मेहमानों को दिया जाता है। खास बात यह है कि यहां मिलने वाले फूड्स व ड्रिंक्स मार्केट से नहीं लाए जाते बल्कि यहीं तैयार किए जाते हैं। यहां का खाना पूरी तरह से हेल्थी व वेजिटेरियन है।

फेमस इटालवी ज्वेलरी डिजाइनर है मारिया
मारिया ग्राज़िया बाल्डन फेमस इटालवी ज्वेलरी डिजाइनर है, जो अलग-अलग देशों के पुराने बाजार में जाकर पुरानी बेशकीमती ज्वेलरी को इकट्ठा कर नया डिजाइन देती है। मारिया ने इस्तांबुल से पेशावर और शंघाई तक के पुराने सिक्के, ताबीज और अन्य कीमती सामान इकट्ठा किया। ज्वेलरी से मारिया ने अद्वितीय वस्तुएं बनाईं जिससे मिलान और सार्डिनिया में उसकी दुकानें भर गईं।

टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा
जिला पर्यटन अधिकारी अन्नू शर्मा का कहना है कि दीपपुर गढ़ का रिनोवेशन होने से शेखावाटी टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। गढ़ में फॉरेन टूरिस्ट्स का आना-जाना लगा रहता है जो की सुखद है। इसके साथ ही फॉरेन टूरिस्ट को शेखावाटी की चीजों को एक्सप्लोर करने का मौका भी मिल रहा है।