ईशा बिजारणिया ने लेफ्टिनेंट पद के लिए चयनित हो कर निभाई अपने सैनिक परिवार की परंपरा।
ईशा बिजारणिया ने लेफ्टिनेंट पद के लिए चयनित हो कर निभाई अपने सैनिक परिवार की परंपरा।

झुंझुनूं : प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती। सच्ची लगन और सतत प्रयास से तमाम बाधाओं को पार कर सफलता हासिल की जा सकती है। मोहर सिंह का बास (बेरला) निवासी सिंघाना रह कर पढ़ाई करने वाली 19 वर्षीय ईशा बिजारणिया ने भारतीय नौ सेना में लेफ्टीनेंट के पद के लिए चयनित होकर यह साबित कर दिखाया।
ईशा एक सैनिक परिवार से संबंध रखती हैं उनके परदादा चौधरी गूगन राम प्रथम विश्व युद्ध में ब्रिटिश सेना की ओर से भाग ले चुके हैं इनके दादा के भाई कर्नल रामकुमार सिंह बिजारणिया आर्मी से सेवानिवृत्ति है जो जयपुर रहते हैं। ताऊ विक्रम प्रताप का बेटा ईशा का भाई शौर्य प्रताप बिजारणिया भारतीय सुरक्षा अकादमी पुणे में एनडीए मे सफलता प्राप्त कर ट्रेनिंग ले रहा है। अन्य अनेक परिजन भी फौज में है और फौज से सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
ईशा ने इस परंपरा को निभाते हुए प्रदेश में अपने परिवार का नाम रोशन किया है। भारतीय सेना में “सेवा चयन बोर्ड” (एसएसबी) द्वारा बारहवीं व जेईई मेंस में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए जून में पहली बार महिलाओं के लिए नौ पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे।
सितंबर मे विशाखापट्टनम में आयोजित एसएसबी मे पहले प्रयास में चयन होने वाली ईशा बिजारणिया मूल राजस्थान की पहली बालिका है।
एशिया की सबसे बड़ी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी भारतीय नौसेना अकादमी (आईएनए) एझिमाला, केरला से प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए 11 जनवरी को जाएगी। बिजारणिया परिवार की होनहार बेटी ईशा की इस सफलता पर अनिल कुमार, सुमन, शकुंतला, सुमित्रा चौधरी, रितिक कटेवा, रिया, दिया, सौम्य, वंश आदि सभी परिवारजनों, पड़ोसियों, रिस्तेदारो, दोस्तो तथा ग्रामवासियों द्वारा खुशियां जाहिर कर बधाइयां दी जा रही है।