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INDI Alliance: ईवीएम के खिलाफ विपक्षी नेताओं की नाराजगी, इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए प्रस्ताव पारित


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एक्सक्लूसिव रिपोर्टटॉप न्यूज़नई दिल्लीराज्य

INDI Alliance: ईवीएम के खिलाफ विपक्षी नेताओं की नाराजगी, इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए प्रस्ताव पारित

बैठक के दौरान नेताओं ने कहा कि इंडिया गठबंधन की पार्टियां का मानना है कि ईवीएम की अखंडता पर कई संदेह है। हम मतपत्र प्रणाली के दोबारा इस्तेमाल की मांग करते हैं। इससे स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होगा। लोगों में विश्वास बढ़ेगा। हमारी चौथी बैठक में 28 पार्टियों ने हिस्सा लिया और गठबंधन समिति के सामने अपने विचार प्रस्तुत किए।

नई दिल्ली : विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की चौथी बैठक नई दिल्ली में आयोजित की गई। इस दौरान नेताओं ने ईवीएम और सांसदों के निलंबन पर चर्चा की। ईवीएम के इस्तेमाल के खिलाफ नेताओं ने प्रस्ताव भी पारित किया है। बैठक में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार और सीट बंटवारे जैसे जरूरी मुद्दों पर भी बात हुई। बता दें, इससे पहले पटना, बंगलूरू और मुंबई में गठबंधन नेताओं की बैठक हो चुकी है।

इन मुद्दों पर जताया विरोध
बैठक के दौरान नेताओं ने कहा कि इंडिया गठबंधन की पार्टियां का मानना है कि ईवीएम की अखंडता पर कई संदेह है। हम मतपत्र प्रणाली के दोबारा इस्तेमाल की मांग करते हैं। इससे स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होगा। लोगों में विश्वास बढ़ेगा। हमारी चौथी बैठक में 28 पार्टियों ने हिस्सा लिया और गठबंधन समिति के सामने अपने विचार प्रस्तुत किए। बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया है कि सांसदों का निलंबन अलोकतांत्रिक है। कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए हमें लड़ना होगा। हम लड़ने के लिए तैयार हैं। हमने संसद में सुरक्षा का मुद्दा उठाया। हम कितने समय से कह रहे हैं कि मद्दे पर पीएम मोदी या फिर अमित शाह को लोकसभा और राज्यसभा में अपनी बात रखनी चाहिए लेकिन वे ऐसा नहीं कर रहे।

प्रधानमंत्री पद का फैसला- चुनाव के बाद
विपक्षी गठबंधन की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की आम सहमति नहीं बन पाई। खरगे का कहना है कि प्रधानमंत्री पद पर कोई भी फैसला चुनाव के बाद किया जाएगा। हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण जीत है। हम जीत के लिए क्या-क्या कर सकते हैं, इसे लेकर सोचना होगा। क्योंकि पीएम बनने के लिए जीत आवश्यक है। हम एक साथ लड़ेंगे और बहुमत लाने की कोशिश करेंगे।

सीट बंटवारे का फैसला तीन सप्ताह में
आम चुनावों को अब सिर्फ चार महीने ही बचे हैं। इस वजह से सीटों का बंटवारा सबसे अहम हो गया है। सीट बंटवारे को लेकर राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि हमें इस बात पर जोर देने की आवश्यकता है कि अगले तीन सप्ताह में सीट बंटवारे और जनसंपर्क का फैसला हो जाए, जिसे हर नेता ने मान लिया। वहीं, तेजस्वी यादव ने जोर दिया कि हमें 5 मुद्दों की आवश्यकता है, जिन्हें लेकर हम जनता के बीच जाएं और जनता उससे जुड़ सके फिर चाहे वह रोजगार का मुद्दा हो, पेंशन का मुद्दा हो, स्वास्थ्य का मुद्दा हो या फिर कोई और।

इन नेताओं ने कही यह बात
बैठक के बाद सीपीआई (एम) नेता सीताराम येचुरी ने कहा ईवीएम मुद्दे पर एक प्रस्ताव पारित हुआ है, जिसे चुनाव आयोग के समझ पेश किया जाएगा। कांग्रेस सांसद ने बैठक को सार्थक बताया। आरएलडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि सभी फैसले सबकी सहमति से लिए गए हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस द्वारा घोषणा की जाएगी। आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कहा कि चुनाव प्रचार, सीट बंटवारा और सब कुछ जल्द ही शुरू होगा। जेएमएम सांसद महुआ माजी ने कहा कि मुख्य चर्चा सीट बंटवारे को लेकर हुई।

भाजपा ने साधा निशाना
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने गठबंधन की बैठक के खिलाफ प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में क्या हुआ, सबको पता है। कमलनाथ और अखिलेश यादव भिड़ गए। छत्तीसगढ़ में केजरीवाल और कांग्रेस भिड़ गए। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि यह बैठक सिर्फ एक फोटो सेशन है। इसके अलावा बैठक का कोई मतलब नहीं है। फोटो सेशन में लालू यादव और नीतीश कुमार भी मौजूद नहीं थे, उन्होंने इसका बहिष्कार कर दिया है।

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