टिकटों में मुसलमानों की भागीदारी बढ़ाएगी BJP:15 सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशियों के लिए सर्वे; पिछले चुनाव में था केवल एक कैंडिडेट
टिकटों में मुसलमानों की भागीदारी बढ़ाएगी BJP:15 सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशियों के लिए सर्वे; पिछले चुनाव में था केवल एक कैंडिडेट

नई दिल्ली : राजस्थान में मुस्लिमों को एक भी टिकट नहीं देने की अब तक चली आ रही चर्चाओं के उलट भाजपा इस बार के चुनाव में अल्पसंख्यक समाज की भागीदारी बढ़ाने की तैयारी कर रही है। प्रदेश की 40 मुस्लिम बहुल सीटों में से जीत की संभावना तलाशने के लिए 15 सीटों पर पार्टी की ओर से मुस्लिम दावेदारों को लेकर सर्वे करवाया जा रहा है।
इनमें कामां, हवामहल, मंडावा, लाडनूं, नागौर, किशनपोल, सीकर, झुंझुनूं, पोकरण, आदर्शनगर, कोटा उत्तर, टोंक, सवाईमाधोपुर, डीडवाना और धौलपुर सीट बताई जा रही है। सर्वे में जिन सीटों पर सबसे मजबूत दावेदार निकलकर सामने आएंगे, उनमें से चार-पांच सीटों पर जीतने योग्य दावेदारों को टिकट दिए जा सकते हैं।
पिछले चुनाव में केवल एक सीट पर उतारा था प्रत्याशी
पिछले 2018 के चुनाव में भाजपा ने 200 में से एकमात्र टोंक सीट पर मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में उतारा था। यहां भाजपा ने कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के सामने पूर्व मंत्री युनूस खान को चुनाव लड़ाया था।
लेकिन इस बार 2013 के चुनाव का इतिहास दोहराते हुए मुसलमानों के वोट हासिल करने के लिए टिकटों में समाज की भागीदारी बढ़ाने पर काम चल रहा है। 2013 के चुनाव में पार्टी ने चार सीटों डीडवाना, नागौर, धौलपुर और मंडावा में मुस्लिम प्रत्याशी उतारे थे। इनमें से डीडवाना और नागौर में भाजपा उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी।
15 सीटों पर पर मुस्लिम प्रत्याशी की दावेदारी जताई गई
भाजपा के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक मोर्चा की ओर से पार्टी हाईकमान के सामने राजस्थान में 15 सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी उतारने की दावेदारी जताई गई है। मोर्चा का दावा है कि इस बार पार्टी मुस्लिम बहुल मजबूत सीटों पर पिछली बार के मुकाबले ज्यादा सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी का कहना है कि राजस्थान में 40 सीटों पर मुस्लिम वोटर्स की संख्या 30 से 50 प्रतिशत के बीच है।
इन सीटों पर अल्पसंख्यक वोटर्स के बीच पार्टी की ओर से मजबूती से काम किया जा रहा है। मोर्चे की ओर से पार्टी नेतृत्व के सामने 15 सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी उतारने का प्रस्ताव रखा गया है।
इसके पीछे तर्क है कि अगर प्रमुख सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में उतारे जाते हैं तो इसका सीधा फायदा अल्पसंख्यक वोटों की बहुलता वाली 40 सीटों पर पार्टी को होगा। मुस्लिम प्रत्याशी उतारने से प्रदेशभर में यह मैसेज जाएगा कि भाजपा मुसलमानों को साथ लेकर चल रही है।
सिद्दीकी के अनुसार- हमारी दावेदारी के बाद पार्टी 15 सीटों पर सर्वे करवा रही है। सर्वे में जनता का मूड सामने आने के बाद शीर्ष नेतृत्व टिकट को लेकर निर्णय करेगा। जहां जिताऊ स्थिति होगी, उम्मीद है कि पार्टी मुस्लिम समाज को साधने के लिए टिकटों में भागीदारी देगी।
बीएल संतोष, अरुण सिंह, प्रहलाद जोशी तक पहुंचे नाम
टिकटों में भागीदारी बढ़ने के संकेत मिलने के बाद अल्पसंख्यक समाज के नेताओं की ओर से प्रदेश से लेकर दिल्ली तक दौड़ तेज हो गई है। पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष से लेकर प्रदेश भाजपा प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी समेत केंद्रीय नेताओं तक अल्पसंख्यक नेताओं ने अपनी दावेदारी की है।
अब तक राजस्थान अल्पसंख्यक मोर्चा के सात अध्यक्ष रहे हैं जिनमें से मौजूदा अध्यक्ष समेत पूर्व में अध्यक्ष रहे चार नेताओं ने अलग-अलग सीटों पर अपनी दावेदारी जताई है। इनमें मौजूदा अध्यक्ष हमीद खान मेवाती और पूर्व अध्यक्ष अमीन पठान ने कामां सीट से दावेदारी जताई है।
वहीं पूर्व अध्यक्ष मजीद मलिक कंमाडो ने कोटा उत्तर, सादिक खान ने हवामहल, मुमताज भाटी ने बीकानेर पूर्व से दावेदारी की है। इसके साथ ही वसुंधरा राजे सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे युनूस खान डीडवाना, मदरसा बोर्ड की पूर्व चैयरमेन मेहरूनिशा टांक ने सीकर, मदरसा बोर्ड के पूर्व चेयरमैन हिदायत खान धौलिया ने लाडनूं, अल्पसंख्यक मोर्चा के उपाध्यक्ष जीवण खां ने पाेकरण और मोर्चा के प्रदेश महामंत्री मुंशिफ अली खां ने पुष्कर से दावेदारी जताई है। इनके अलावा भी कई सीटों से मुस्लिम नेता दावेदारी कर रहे हैं।
40 सीटें जहां 30 से 50 प्रतिशत तक मुस्लिम वोटर
राजस्थान की 40 सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 30 से 50 प्रतिशत तक है। भाजपा का फोकस कुछ सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारकर इन 40 सीटों पर मुस्लिम वर्ग के वोटर्स को अपनी तरफ मोड़ने पर है।
इनमें डीडवाना, नागौर, कामां, तिजारा, मसूदा, टोंक, कोटा उत्तर, लाडपुरा, मकराना, लाडनूं, नगर, किशनगढ़बास, अलवर ग्रामीण, रामगढ़, सवाईमाधोपुर, झालरापाटन, बूंदी, चुरू, धौलपुर, करणपुर, हवामहल, सीकर, फतेहपुर, लक्ष्मणगढ़, झुन्झुनूं, मंडावा, किशनपोल, आदर्शनगर, सिविल लाइंस, सरदारपुरा, सूरसागर, फलोदी, पोकरण, जैसलमेर, शिव, चौहटन, बीकानेर पूर्व, बीकानेर पश्चिम, खाजूवाला और पुष्कर सीट शामिल है।
त्रिपुरा उपचुनाव में मुस्लिम उम्मीदवार की जीत ने बढ़ाई उम्मीद
हाल ही त्रिपुरा की बक्सनगर सीट के लिए हुए उपचुनाव में भाजपा की ओर से उतारे गए मुस्लिम प्रत्याशी तफ्फजल हुसैन ने 30 हजार से ज्यादा वोटों से माकपा के उम्मीदवार को हराया है। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के नेशनल मीडिया इंचार्ज यासिर जिलानी ने कहा- त्रिपुरा की जीत ने पार्टी का ध्यान इस ओर दिलाया है।
अगर राजस्थान की अल्पसंख्यक बहुल सीटों में से कुछ सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी उतारे जाएं तो न सिर्फ कांग्रेस के खिलाफ मुस्लिम वोटों में बिखराव पैदा होगा बल्कि पार्टी को उन सीटों पर आसान जीत मिल सकती है, जहां अक्सर हर बार हार हो जाती है।
इस बार उम्मीद है कि राजस्थान में मुस्लिम बहुल सीटों पर पार्टी पिछली बार के मुकाबले ज्यादा उम्मीदवार उतारेगी।