पश्चिम बंगाल : सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र कुमार बोस ने बीजेपी से दिया इस्तीफा, लगाया ये बड़ा आरोप
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र कुमार बोस ने बीजेपी से इस्तीफा देने को लेकर बुधवार (6 सितंबर) को कहा कि मेरे प्रस्ताव को नहीं माना गया. मैंने कई बार प्रस्ताव दिए.
Chandra Bose Resigns from BJP : नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र बोस ने बीजेपी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने आरोप लगाया- पार्टी ने वादा किया था कि वो नेताजी की विचारधारा को आगे बढाएंगें। लेकिन उन्होंने इस पर कोई भी कदम नहीं उठाए। चंद्र बोस 2016 में बीजेपी में शामिल हुए थे। उन्होंने ममता बनर्जी के खिलाफ चुनाव लड़ा था।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र बोस ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) से इस्तीफा दे दिया है. पिछले कुछ समय से उन्हें लगातार बीजेपी की नीतियों की आलोचना करते देखा जा रहा था. इस्तीफा देने के कुछ देर पहले ही उन्होंने INDIA बनाम भारत के मुद्दे पर अपनी राय रखी. चंद्र बोस ने कहा कि इसकी (नाम बदलने की जरूरत नहीं थी. सरकार को दूसरे अहम मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए.
इंडिया नाम बदलने पर भी सवाल उठाया
नेताजी के पोते और BJP नेता चंद्र बोस ने इंडिया नाम बदलने पर भी सवाल उठाया, उन्होंने कहा कि संविधान में अभी भारत के राष्ट्रपति जैसा कोई संवैधानिक पद अस्तित्व में नहीं है. ऐसे में राष्ट्रपति मुर्मू भारत के राष्ट्रपति के रूप में G-20 के लिए निमंत्रण कैसे जारी कर सकती हैं? असल में यह कोई मुद्दा ही नहीं है, क्योंकि हम पहले से ही कहते आए हैं कि इंडिया यानी भारत है.
इससे ज्यादा और जरूरी काम
चंद्र बोस ने आगे कहा कि ऐसी बहुत सी चीजें हैं, जिन पर भारत सरकार को ध्यान केंद्रित करना चाहिए या केंद्रित कर सकती है. जैसे देश में सभी को 4 वक्त का भोजन और शिक्षा मिलनी चाहिए. हालांकि, इसके लिए हमें इंतजार करना पड़ सकता है. अगर ऐसा करना भी है तो इसके लिए एक रास्ता और एक प्रक्रिया होनी चाहिए. यहां तक कि 140 करोड़ लोगों का फीडबैक लिया जाना चाहिए. उन्होंने यहा भी कहा कि देश सिर्फ सरकार का नहीं है.
चंद्र कुमार बोस ने इस्तीफे पर कहा, ”2016 में बीजेपी में योगदान किया था. पीएम मोदी के नेतृत्व में मुझे अच्छा लगा. बीजेपी में शामिल होने के बाद लगा कि ये जो राजनीति करते हैं वो मेरे और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के आदर्श सब धर्म को एकसाथ करने के मुताबिक नहीं है. उन्होंने (नेताजी सुभाष चंद्र बोस) सांप्रदायिक और विभाजन की राजनीति के खिलाफ हमेशा लड़ाई लड़ी.”
चंद्र कुमार बोस ने क्या कहा?
चंद्र कुमार बोस ने कहा, ”बंगाल स्ट्रेटजी के बारे में मैंने बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व और बंगाल बीजेपी को काफी प्रस्ताव दिए. इस प्रस्ताव को अच्छा माना जाता है, लेकिन इसका कभी क्रियान्वयन नहीं हुआ. मेरे आदर्श और प्रस्ताव का पालन नहीं किया गया तो इस पार्टी के साथ रहना कोई काम की बात नहीं है.”
उन्होंने कहा कि मैंने बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा को बताया कि पार्टी के साथ अच्छी शुभकामनाएं है, लेकिन आप सभी संप्रदाय को एक कीजिए.
#WATCH | Kolkata: On his resignation from the BJP, Netaji Subhash Chandra Bose's nephew, Chandra Kumar Bose says, "In 2016, I had contributed to the BJP. I was inspired by the leadership of Narendra Modi. My principles are in line with my grandfather Sarath Chandra Bose and his… pic.twitter.com/DTSW2NH8Fp
— ANI (@ANI) September 6, 2023
बोले- भाजपा की राजनीति नेताजी के आदर्श के मुताबिक नहीं
नेताजी सुभाष चंद्र बोस से पोते ने लिखा कि मेरे आदर्श और प्रस्ताव का कोई पालन नहीं किया गया। ऐसे में भाजपा के साथ रहना कोई काम की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि ये (भाजपा) जो राजनीति करते हैं, वो मेरे और सुभाष चंद्र बोस के आदर्श, सभी धर्मों को एक साथ करने के मुताबिक नहीं है।
उन्होंने कहा कि भाजपा के ढांचे के भीतर एक आजाद हिंद मोर्चा बनाने का भी निर्णय लिया गया, जिसका प्राथमिक उद्देश्य धर्म, जाति और पंथ के बावजूद सभी समुदायों को भारतीय के रूप में एकजुट करने की नेताजी की विचारधारा को बढ़ावा देना था।
सुभाषचंद्र बोस के पोते चंद्रकुमार बोस ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है! साथ में BJP पर गंभीर आरोप लगाए है"मेरा आदर्श सुभाषचंद्र बोस का है! उन्होंने सब धर्म को एक बना के, भारतीय बोल कर प्रतिष्ठित किया था!उन्होंने संप्रदायिक व विभाजन की राजनीति के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी! pic.twitter.com/MzlITsZNdV
— जनमानस शेखावाटी (@Jan_Shekhawati) September 7, 2023
अमित शाह ने दिलाई थी सदस्यता
बता दें कि सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र बोस करीब 7 साल पहले 25 जनवरी 2016 को बीजेपी में शामिल हुए थे. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कोलकाता की एक रैली में चंद्र बोस को पार्टी में शामिल करने की औपचारिकता पूरी की थीं. बीजेपी में शामिल होने से पहले चंद्र बोस पीएम मोदी से कई बार मुलाकात कर चुके थे. इतना ही नहीं उन्होंने नेताजी की मौत से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक करने के लिए पीएम की कोशिश की खुलकर तारीफ भी की थी.
नेताजी के करीबी थे उनेक भतीजे
टाटा स्टील के लिए काम कर चुके चंद्र बोस कोलकाता में अपने परिवार के साथ रहते हैं. बता दें कि नेताजी के भाई शरत चंद्र बोस के दो बेटे शिशिर कुमार बोस और अमिय नाथ बोस हैं. शरत चंद्र बोस के ये दोनों बेटे नेताजी के करीबी माने जाते थे. नेताजी सुभाष चंद्र बोस की पत्नी का नाम एमिली शेंकल था, जो ऑस्ट्रिया में रहती थीं.
बीजेपी में शामिल होने का क्या उद्देश्य है?
न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए चंद्र कुमार बोस ने कहा कि मेरा उद्देश्य बीजेपी में शामिल होने का शरत चंद्र बोस और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की धर्मनिरपेक्ष विचारधारा को देश के सामने रखना था. मैंने स्पष्ट तौर पर कहा था कि आजाद हिंद मोर्चा का गठन किया जाए. मुझे इस मोर्चे का नेतृत्व दिया जाए, लेकिन इसका गठन कभी नहीं किया गया.
पीएम मोदी की जमकर की थी तारीफ
बता दें कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने के फैसले पर चंद्र कुमार बोस ने पीएम मोदी की जमकर तारीफ की थी। हालांकि 2019 में उन्होंने CAA का विरोध भी किया था। नेताजी के बड़े भाई के पोते 2016 और 2019 में भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं।
आजाद हिंद मोर्चा बनाने का वादा भी पूरा नहीं किया
उन्होंने जेपी नड्डा को लिखे इस्तीफे में कहा- जब मैं बीजेपी में शामिल हुआ था तो मुझसे वादा किया गया था कि मुझे सुभाष चंद्र बोस और उनके भाई सरत चंद्र बोस की विचारधारा को बीजेपी के मंच से आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
हमने बीजेपी में आजाद हिंद मोर्चा बनाने का निर्णय भी लिया था। जिसका उद्देश्य धर्म, जाति, पंथ के बावजूद देश के सभी समुदायों को एक भारतीय के रूप में एकजुट करना था। ऐसा करना देश को एकजुट रखने के लिए जरूरी था। मेरे कई प्रयासों के बावजूद इन उद्देश्यों को पूरा करने में बीजेपी और केंद्र से मदद नहीं मिली।
2019 में CAA का विरोध किया था
चंद्र बोस के बीजेपी छोड़ने पर पश्चिम बंगाल बीजेपी के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्या ने कहा कि बोस लंबे समय से पार्टी के साथ संपर्क में नहीं थे। चंद्र बोसे पार्टी छोड़ने से पहले भी कई बार पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े कर चुके हैं। उन्होंने 2019 में CAA का भी विरोध किया था।
2016 में बीजपी में शामिल हुए थे बोस
चंद्र बोस 2016 में बीजेपी में शामिल हुए थे। बीजेपी के टिकट पर बोस 2016 का विधानसभा चुनाव और 2019 का लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। 2016 में उन्हें पश्चिम बंगाल बीजेपी का उपाध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन 2020 में उनसे ये पद वापस ले लिया गया।
नेताजी के बड़े भाई के पोते है चंद्र बोस
चंद्र बोस नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बड़े भाई सरत चंद्र बोस के दूसरे नंबर के बेटे अमीय नाथ के छोटे बेटे हैं। वे टाटा स्टील में नौकरी करते थे। नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुडी फाइलों को सार्वजनिक करने के भाजपा सरकार के फैसले पर उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की खूब तारीफ की थी। इसके बाद 2016 में अमित शाह ने उन्हें बीजेपी की सदस्यता दिलाई थी।