भीलवाड़ा : CM गहलोत बोले- ‘इंडिया’ गठबंधन से पीएम, बीजेपी और आरएसएस की चूलें हिल गईं, इसमें खरगे की बड़ी भूमिका
भीलवाड़ा किसान सम्मेलन में सीएम गहलोत ने कहा कि 'इंडिया' गठबंधन से पीएम मोदी, बीजेपी और आरएसएस की चूलें हिल गईं हैं। इसमें मुझसे भी सीनियर मल्लिकार्जुन खरगे की बड़ी भूमिका है।
भीलवाड़ा : सीएम अशोक गहलोत ने भीलवाड़ा में हुए किसान सम्मेलन में कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की न केवल प्रमुख भूमिका है, बल्कि ‘इंडिया’ नाम से जो गठबंधन बना है उससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, एनडीए सरकार, आरएसएस और बीजेपी की चूलें हिल गई हैं। सीएम बोले- हालात यह हो गए हैं कि प्रधानमंत्री अलग तरह से रिएक्शन दे रहे हैं और विपक्षी पार्टियों को कोस रहे हैं, आरोप लगा रहे हैं। आप इससे सोच सकते हो कि प्रधानमंत्री को विपक्ष के गठबंधन से क्यों तकलीफ हो रही है ?
सीएम गहलोत ने कहा कि देश में आज विपक्ष का मजबूत गठबंधन बन चुका है। जब सोनिया गांधी अध्यक्ष बनीं थीं, तो 15 से 17 राज्यों में कांग्रेस की सरकार बनी थी। लेकिन, अब मल्लिकार्जुन खरगे के अध्यक्ष बनने के बाद हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक राज्यों में विधानसभा चुनाव जीते हैं। इसके बाद अब राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ प्रदेशों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों की बारी है।
सीएम गहलोत ने कहा- सच्चाई हमारे पक्ष में है और जीत हमारे पक्ष में है। सीएम ने अपनी सरकार की योजनाओं के बारे में बताते हुए कहा- आज से शुरू कामधेनु बीमा योजना शुरू हो गई है। बुधवार से प्रदेश के 80 लाख परिवारों को उनकी गाय और भैंस का इंश्योरेंस मिलेगा। प्रत्येक पशुपालक के दो दुधारू पशु कवर होंगे। गाय या भैंस की मृत्यु पर 40-40 हजार रुपए बीमा कवरेज के मिलेंगे। इस बीमा योजना का प्रीमियम राज्य सरकार भरेगी।
पार्लियामेंट सेशन क्यों बुलाया?
गहलोत ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि पार्लियामेंट सेशन क्यों बुलाया? यह भी विपक्ष को नहीं बताना, लोकतंत्र को खतरा है। गहलोत बोले- पार्लियामेंट का स्पेशल सेशन बुलाया गया है, लेकिन अब तक किसी को नहीं बताया कि यह पार्लियामेंट सेशन क्यों बुलाया गया है। कभी वन नेशन, वन इलेक्शन की बात कही, कभी कुछ और बात कही जा रही है। अगर, लोकतंत्र में विपक्ष को ही नहीं बताया जाएगा कि सेशन क्यों बुलाया जा रहा है तो अपने आप में यह लोकतंत्र को कमजोर करने वाली बात होगी। सीएम ने कहा इसी के चलते हम लगातार कह रहे हैं कि देश में लोकतंत्र खतरे में है। आगे क्या होगा, यह किसी को पता नहीं है।