सनातन धर्मः उदयनिधि स्टालिन ने कहा- चाहे जितने केस करो, अपने बयान पर कायम हूं

एएनआई के मुताबिक उनकी टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर, उदयनिधि स्टालिन ने अपना रुख बरकरार रखा और कहा कि उन्होंने सिर्फ सनातन धर्म की “आलोचना” की और इसे “खत्म” करने का आह्वान किया। मैं इसे लगातार कहूंगा। कुछ लोग बचकानी हरकतें कर रहे हैं जो कह रहे हैं कि मैंने नरसंहार के लिए बोला है, जबकि अन्य कह रहे हैं कि द्रविड़म को समाप्त कर दिया जाना चाहिए। क्या इसका मतलब यह है कि डीएमकेवासियों को मार दिया जाना चाहिए? जब पीएम मोदी कहते हैं ‘कांग्रेस मुक्त भारत’, तो क्या इसका मतलब यह है कि कांग्रेसियों को मार दिया जाना चाहिए? सनातन क्या है?
उदयनिधि ने कहा – “द्रविड़ मॉडल परिवर्तन की मांग करता है और सभी को समान होना चाहिए। भाजपा मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है और फर्जी खबरें फैला रही है। यह उनका सामान्य काम है। वे मेरे खिलाफ जो भी मामले दर्ज करेंगे, मैं उसका सामना करने के लिए तैयार हूं। भाजपा इंडिया गठबंधन से डरी हुई है और ध्यान भटकाने के लिए वे यह सब कह रहे हैं। डीएमके की नीति ‘एक वर्ग, एक भगवान’ है।”
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने रविवार को उदयनिधि स्टालिन पर निशाना साधा था और कहा कि वह “80 प्रतिशत आबादी के नरसंहार का आह्वान कर रहे हैं।” अमित मालवीय की इसी लाइन को भाजपा के तमाम नेताओं ने पार्टी की लाइन मानी और शोर मचाना शुरु कर दिया। लेकिन रविवार को ही अमित मालवीय को जवाब देते हुए, उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि उन्होंने कभी भी सनातन धर्म के अनुयायियों के “नरसंहार” का आह्वान नहीं किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि वह हाशिये पर पड़े समुदायों की ओर से बोल रहे हैं, जो सनातन धर्म के कारण पीड़ित हैं। उन्होंने कहा, सनातन धर्म एक ऐसा सिद्धांत है जो लोगों को जाति और धर्म के नाम पर बांटता है। उदयनिधि स्टालिन ने कहा, “सनातन धर्म को उखाड़ना मानवता और मानव समानता को कायम रखना है।” उदयनिधि के भाषण के वीडियो वायरल हैं, जिनमें वो साफ साफ कह रहे हैं कि सनातन धर्म को खत्म करना है। उदयनिधि कभी भी सनातन धर्म को मानने वालों को खत्म करने की बात नहीं की। उदयनिधि के बयान से सोशल जस्टिस यानी सामाजिक न्याय पर भी जबरदस्त बहस छिड़ गई है।
दिल्ली पुलिस में शिकायत
सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ रविवार को दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शिकायतकर्ता विनीत जिंदल ने दावा किया है कि उदयनिधि मारन ने एक भाषण में सनातन धर्म के खिलाफ उत्तेजक, भड़काऊ, अपमानजनक और उकसाने वाला बयान दिया है।
शिकायतकर्ता वकील ने कहा, एक हिंदू और सनातन धर्म अनुयायी होने के नाते, उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म को खत्म करने और सनातन की तुलना मच्छरों, डेंगू, कोरोना और मलेरिया से करने के बयान से मेरी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।