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रींगस लोक अदालत में 191 मामले निपटाए गए:45 मामले आपसी समझौते से सुलझाए गए, 90 लाख रुपये से अधिक के अवॉर्ड पारित


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रींगस लोक अदालत में 191 मामले निपटाए गए:45 मामले आपसी समझौते से सुलझाए गए, 90 लाख रुपये से अधिक के अवॉर्ड पारित

रींगस लोक अदालत में 191 मामले निपटाए गए:45 मामले आपसी समझौते से सुलझाए गए, 90 लाख रुपये से अधिक के अवॉर्ड पारित

रींगस : राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीकर के तत्वावधान में तालुका विधिक सेवा समिति रींगस ने इस लोक अदालत का आयोजन किया। लोक अदालत में आपसी समझाइश के जरिए एक ही दिन में कुल 191 प्रकरणों का निस्तारण किया गया, जिससे न्यायालयों में लंबित मामलों के बोझ को कम करने में मदद मिली।

लोक अदालत की अध्यक्षता वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ममता रोहिला ने की। उन्होंने बताया कि लोक अदालत का उद्देश्य त्वरित, सुलभ और आपसी सहमति से न्याय प्रदान करना है, ताकि आमजन को लंबे समय तक मुकदमेबाजी से राहत मिल सके।

लोक अदालत के दौरान बैंकों और बिजली विभाग से संबंधित 50 प्री-लिटिगेशन प्रकरणों पर सुनवाई की गई। इनमें से 45 प्रकरणों का आपसी समझौते के माध्यम से निस्तारण करते हुए कुल 45 लाख 93 हजार 274 रुपये के अवॉर्ड पारित किए गए।

न्यायालय में लंबित 191 मामलों का भी समाधान

इसके अतिरिक्त न्यायालय में लंबित फौजदारी, सिविल, चेक अनादरण और भरण-पोषण से जुड़े 141 प्रकरणों का निस्तारण किया गया। इन मामलों में कुल 44 लाख 03 हजार 970 रुपये के अवॉर्ड पारित किए गए, जिससे संबंधित पक्षकारों को त्वरित राहत मिली।

प्रकरणों के निस्तारण में न्यायालय कार्मिक रितेश शर्मा, शिव माथुर, प्रिंस शर्मा, अशोक गुर्जर, जयकिशन माथुर, शिवम कुमावत, कविता वर्मा और मोहन लाल के साथ अधिवक्ताओं, बैंकों तथा बिजली विभाग के अधिकारियों ने सक्रिय सहयोग किया।

लोक अदालत के सदस्य शंकरलाल रूलानियां, अभिभाषक संघ अध्यक्ष गिरीराज सिंह तंवर, पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट मोहन लाल बलौदा और किशन सिंह नेहरा सहित कई अन्य अधिवक्ताओं ने भी प्रकरणों के त्वरित निस्तारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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