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सीकर में नरेगा संशोधन विधेयक के विरोध में प्रदर्शन:कांग्रेस ने महात्मा गांधी का चित्र थामकर रैली निकाली, माकपा ने जलाई विधेयक की प्रतियां


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सीकर में नरेगा संशोधन विधेयक के विरोध में प्रदर्शन:कांग्रेस ने महात्मा गांधी का चित्र थामकर रैली निकाली, माकपा ने जलाई विधेयक की प्रतियां

सीकर में नरेगा संशोधन विधेयक के विरोध में प्रदर्शन:कांग्रेस ने महात्मा गांधी का चित्र थामकर रैली निकाली, माकपा ने जलाई विधेयक की प्रतियां

सीकर : सीकर में कांग्रेस और माकपा ने ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) का नाम बदलने के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने डाक बंगले से कलेक्ट्रेट तक महात्मा गांधी की तस्वीर हाथों में थामे रैली निकाली। माकपा ने सीकर में ढाका भवन से कलेक्ट्रेट तक रैली निकाली। इसके बाद कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर मनरेगा संशोधन से जुड़ी बिल की प्रतियां भी जलाई गई। इस दौरान सीकर सांसद अमराराम भी मौजूद रहे।

सीकर कलेक्ट्रेट के बाहर नारेबाजी करते सांसद अमराराम व अन्य सदस्य।
सीकर कलेक्ट्रेट के बाहर नारेबाजी करते सांसद अमराराम व अन्य सदस्य।

इस दौरान सांसद अमराराम ने कहा कि केंद्र सरकार 11 साल से राज्य सरकारों और जनता को परेशान करने का काम कर रही है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुनीता गठाला और सीकर नगर परिषद के पूर्व सभापति जीवण खां ने भाजपा सरकार पर योजना को कमजोर करने का गंभीर आरोप लगाया।

सीकर सांसद अमराराम ने कहा कि पूरे देश में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी कानून को तहस-नहस करने का काम केंद्र सरकार जी राम जी नाम से योजना लाकर कर रही है। जो 100 दिन की रोजगार की गारंटी थी उसको इस केंद्र सरकार ने तहस-नहस करने का काम किया है। पहले जो राज्यों का 100% मजदूरी और 10% मैटेरियल था उसे 40 % करने का काम किया है।

12 महीने में 2 महीने (60 दिन) कोई काम नहीं होगा। जब से जीएसटी लागू हुई है तब से राज्य सरकारों की दयनीय स्थिति है। 11 साल से लगातार केंद्र सरकार राज्य सरकारों और जनता को परेशान करने का काम कर रही है।

माकपा ने ढाका भवन से जिला कलेक्ट्रेट तक नारेबाजी करते हुए रैली निकाली।
माकपा ने ढाका भवन से जिला कलेक्ट्रेट तक नारेबाजी करते हुए रैली निकाली।

एक तरफ तो बीजेपी 125 दिन रोजगार देने की बात करती है वहीं वित्तीय वर्ष 2024-25 में केवल पांच प्रतिशत लोगों को 100 दिन का काम दिया गया है। लगातार बजट भी घटाया जा रहा है। अब केंद्र सरकार तय करेगी कि किस राज्य में,किस जिले में काम चालू करना है। भारतीय जनता पार्टी का चरित्र मजदूर विरोधी और कंपनी और अमीर परस्त है। उसी का नतीजा है कि यह लोग जी राम जी योजना लेकर आए हैं।

मनरेगा को खत्म करने के खिलाफ जनता लड़ाई लड़ेगी। जिस तरह से 13 महीने तक किसान आंदोलन में किसानों ने संघर्ष किया और सरकार के घुटने टीका दिए। इस देश का मजदूर और किसान मनरेगा के पक्ष में भी इसी तरह लड़ाई लड़ेगा।

बीजेपी गांधी का नाम मिटाने की साजिश कर रही-सुनीता गठाला

जिलाध्यक्ष गठाला ने कहा कि भाजपा सरकार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम को मिटाने और रोजगार के कानूनी अधिकार को खत्म करने की साजिश रच रही है। उन्होंने मौन रैली के जरिए शांतिपूर्ण तरीके से अपना आक्रोश जताया।

कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने डाक बंगले से जिला कलेक्ट्रेट तक महात्मा गांधी का फोटो हाथों में थाम कर आक्रोश रैली निकाली।
कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने डाक बंगले से जिला कलेक्ट्रेट तक महात्मा गांधी का फोटो हाथों में थाम कर आक्रोश रैली निकाली।

अगर केंद्र सरकार विधेयक वापस नहीं लेती, तो आने वाले दिनों में प्रदेश स्तर पर बड़े आंदोलन के साथ-साथ उपखंड स्तर पर भी विरोध प्रदर्शन होंगे। गठाला ने जोर देकर कहा कि संसद में विधेयक पारित कर योजना का नाम बदलने से इसका मूल उद्देश्य ही बदलने की कोशिश हो रही है।

अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र में मनरेगा की तारीफ की थी-जीवण खां

पूर्व सभापति जीवण खां ने बताया कि मनरेगा लागू होने पर अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र संघ में इसकी तारीफ की थी। यह देश का एक महत्वपूर्ण कानून था, जो हर बेरोजगार को 100 दिन का काम और काम न मिलने पर बेरोजगारी भत्ता सुनिश्चित करता था। अब इसका नाम बदलकर ‘जी राम जी’ करने की तैयारी है, जिसमें केंद्र 60% और राज्य 40% खर्च वहन करेंगे। लेकिन राज्यों की कमजोर आर्थिक स्थिति को देखते हुए यह बोझ उठाना मुश्किल होगा। प्रदर्शन के बाद सभी कार्यकर्ता शांतिपूर्वक लौट गए।

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