निर्माण कार्य पर देना होगा उपकर
सैकड़ों भवन मालिकों को जारी किए गए नोटिस
जनमानस शेखावाटी संवाददाता : चंद्रकांत बंका
झुंझुनूं : जिले में भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार (श्रमिक) कल्याण उपकर अधिनियम, 1996 (BOCW) प्रभावी है। इसके अंतर्गत 27 जुलाई 2009 के बाद निर्मित सभी सरकारी, वाणिज्यिक एवं निजी (आवासीय) भवनों तथा अन्य निर्माण कार्यों की लागत पर 1 प्रतिशत उपकर (सेस) देय है। राजस्थान में किसी भी वर्ग या निर्माण कार्य को उपकर से छूट प्रदान नहीं की गई है।
अधिनियम के अनुसार भवन निर्माण करने वाले मालिक या नियोजक को निर्माण कार्य प्रारंभ होने के 30 दिवस के भीतर निर्धारित प्रपत्र में श्रम विभाग को सूचना देना अनिवार्य है। साथ ही निर्माण कार्य पूर्ण होने अथवा उपकर राशि निर्धारण होने के 30 दिवस के भीतर, जो भी पहले हो, उपकर राशि जमा कराना आवश्यक है। यदि किसी परियोजना या निर्माण कार्य की अवधि एक वर्ष से अधिक है, तो एक वर्ष पूर्ण होने के 30 दिवस के भीतर देय उपकर राशि जमा करानी होगी। नियोजक चाहें तो निर्माण कार्य की अनुमानित लागत पर देय उपकर अग्रिम रूप से भी जमा कर सकते हैं।
श्रम कल्याण अधिकारी मनीष कुमार चौधरी ने बताया कि उपकर (सेस) के तहत वसूली गई राशि निर्माण श्रमिकों के लिए संचालित कल्याणकारी योजनाओं में व्यय की जाती है। उन्होंने बताया कि 27 जुलाई 2009 के बाद निर्मित सरकारी, वाणिज्यिक एवं निजी आवासीय भवनों को उपकर के दायरे में रखा गया है।
10 लाख रुपये से कम लागत वाले आवासीय भवनों को उपकर से मुक्त रखा गया है, जबकि 10 लाख रुपये से अधिक लागत वाले आवासीय भवनों पर 1 प्रतिशत उपकर देय होगा। वाणिज्यिक भवन निर्माण पर किसी भी प्रकार की छूट नहीं है।
वित्तीय वर्ष 2025-26 में जिले में 388 से अधिक आवासीय एवं वाणिज्यिक निर्माण स्थलों के मालिकों को उपकर भुगतान को लेकर नोटिस जारी किए गए हैं। इसी अवधि में 12 नियोजकों के विरुद्ध एकतरफा कार्रवाई करते हुए उपकर निर्धारण आदेश जारी किए गए हैं। नियत समय में राशि जमा नहीं कराने की स्थिति में संबंधित प्रकरणों को वसूली हेतु जिला कलेक्टर को प्रेषित किया जाएगा।
प्रारंभिक स्तर पर भवन मालिक या नियोजक को निर्माण से संबंधित दस्तावेज या स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का अवसर दिया जा रहा है। नोटिस के बाद भी उपकर जमा नहीं कराने पर श्रम विभाग स्वयं निर्माण लागत का आकलन कर एकतरफा उपकर निर्धारण आदेश जारी करेगा। उपकर राशि समय पर जमा नहीं करने की स्थिति में 24 प्रतिशत वार्षिक ब्याज तथा निर्धारित अवधि में भुगतान नहीं करने पर 100 प्रतिशत पेनल्टी का प्रावधान है। उपकर राशि की वसूली ब्याज एवं पेनल्टी सहित की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि यदि किसी निर्माणकर्ता द्वारा नगर परिषद या नगरपालिका में नक्शा स्वीकृति के समय उपकर की अनुमानित राशि जमा कराई गई है, तब भी अंतिम उपकर निर्धारण राशि संबंधित श्रम कार्यालय में जमा कराना अनिवार्य होगा।
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