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मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम:SIR में नाम कटने का डर; अब 50 साल से अधिक उम्र वाले बनवा रहे जन्म प्रमाण पत्र


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मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम:SIR में नाम कटने का डर; अब 50 साल से अधिक उम्र वाले बनवा रहे जन्म प्रमाण पत्र

मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम:SIR में नाम कटने का डर; अब 50 साल से अधिक उम्र वाले बनवा रहे जन्म प्रमाण पत्र

झुंझुनूं‎ : मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण‎ (एसआईआर) कार्यक्रम के तहत‎ बिहार में बड़ी संख्या में वोटर्स के‎ मतदाता सूची से नाम कट गए थे।‎ इसकी वजह मतदाताओं का मूल‎ निवासी होने का सत्यापन नहीं होना‎ था। इसके लिए जन्म प्रमाण पत्र‎ सहित 12 दस्तावेज मांगे गए थे।‎ ऐसे में प्रदेश में भी नाम कटने के‎ डर से लोग जन्म प्रमाण पत्र‎ बनवाने लगे।‎ प्रदेश में यह आंकड़ा करीब 35 हजार से अधिक का है।

अकेले झुंझुनूं जिले में पिछले 4‎ महीन में ही 13 हजार से अधिक लोगों‎ ने जन्म प्रमाण पत्र बनवा लिए।‎ इनमें आधे से ज्यादा 50 वर्ष से‎ अधिक उम्र वाले हैं। इन सभी ने‎ तहसीलदारों के अनुज्ञा पत्र के‎ आधार पर प्रमाण पत्र बनवाए।‎ इनमें 90% लोग समुदाय‎ विशेष हैं। हालांकि प्रदेश में‎ एसआईआर प्रक्रिया में 2002 की‎ मतदाता सूची में नाम होने के‎ आधार पर सत्यापन किया जा रहा‎ है। इसलिए जन्म प्रमाण पत्र नहीं‎ लिया जा रहा। लेकिन जिन‎ मतदाताओं के परिजनों के 2002‎ की सूची में नाम नहीं हैं, उनसे ही‎ मांगा जाएगा।

गोविंदपुरा के इकबाल ने 67 व नवलगढ़ के लियाकत ने 64 वर्ष की उम्र में बनवाया‎

चिड़ावा क्षेत्र के गाेविंदपुरा‎ गांव के इकबाल पुत्र सदीक‎ का जन्म 1957 में हुआ। 67‎ वर्ष की उम्र में जन्म प्रमाण पत्र‎ बनवाने के लिए तहसीलदार से‎ अनुज्ञा पत्र प्राप्त किया।‎ नवलगढ़ के वार्ड 30 के‎ लियाकत पुत्र यासीन खान‎ का जन्म 1961 में हुआ। 64‎ वर्ष की उम्र में जन्म प्रमाण‎ पत्र के लिए तहसीलदार के‎ समक्ष शपथ पत्र पेश किया।‎ चिड़ावा क्षेत्र के गिडानिया‎ गांव के नजरू पुत्र गफ्फूर‎ खान का जन्म 1963 में हुआ।‎ 62 वर्ष की उम्र में जन्म प्रमाण‎ पत्र बनवाने तहसीलदार से‎ अनुज्ञा पत्र प्राप्त किया।‎

उदयपुरवाटी, नवलगढ़-झुंझुनूं में सर्वाधिक प्रमाण पत्र बने

एसआईआर में नाम कटने के डर का सबसे ज्यादा असर ग्रामीण क्षेत्र में‎ नजर आ रहा है। जिले की उदयपुरवाटी, नवलगढ़ और खेतड़ी पंचायत‎ समिति क्षेत्र में ज्यादा बनवाए गए। जुलाई से अक्टूबर के बीच‎ उदयपुरवाटी व नवलगढ़ में 1026-1026, खेतड़ी में 1010 जन्म प्रमाण‎ पत्र बनवाए। वहीं शहरी क्षेत्र में झुंझुनूं व नवलगढ़ में सर्वाधिक बनवाए।‎ यहां क्रमश: 1891 व 1537 जन्म प्रमाण पत्र बनवाए गए।‎

“शत प्रतिशत जन्म व मृत्यु का‎ पंजीयन ऑनलाइन है। एक वर्ष से अधिक‎ उम्र के बाद जन्म प्रमाण पत्र‎ तहसीलदार के अनुज्ञा पत्र से‎ जारी किए जाते हैं। जुलाई के बाद अनुज्ञा पत्र से‎ जन्म प्रमाण पत्र बनवाने वालों में‎ अप्रत्याशित इजाफा हुआ है।”‎ – पूनम कटेवा, सहा. निदेशक, सांख्यिकी विभाग‎

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