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नेवी की जासूसी कर जानकारी पाकिस्तान भेजते थे 2 राजस्थानी:कोर्ट ने 5-5 साल की सजा सुनाई; 6 साल पहले ऑपरेशन डॉल्फिन नोज में पकड़ा था


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नेवी की जासूसी कर जानकारी पाकिस्तान भेजते थे 2 राजस्थानी:कोर्ट ने 5-5 साल की सजा सुनाई; 6 साल पहले ऑपरेशन डॉल्फिन नोज में पकड़ा था

नेवी की जासूसी कर जानकारी पाकिस्तान भेजते थे 2 राजस्थानी:कोर्ट ने 5-5 साल की सजा सुनाई; 6 साल पहले ऑपरेशन डॉल्फिन नोज में पकड़ा था

झुंझुनूं : भारत की समुद्री सुरक्षा से जुड़े विशाखापट्‌टनम नेवी जासूसी के मामले में NIA की स्पेशल कोर्ट ने राजस्थान के 2 आरोपियों को 5 साल 11 महीने की सजा सुनाई है। दोनों सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तान से ऑपरेट होने वाले जासूसी नेटवर्क के संपर्क में थे। ये दोनों नौसेना की यूनिटों, जहाजों की मूवमेंट, डॉकयार्ड गतिविधियों और संवेदनशील स्थानों की जानकारी पाकिस्तान तक पहुंचा रहे थे।

इस हाई-प्रोफाइल जासूसी नेटवर्क की जांच में अब तक गिरफ्तार 15 आरोपियों में से 8 को दोषी ठहराया जा चुका है। अन्य 7 को लेकर जांच जारी है।

NIA के अनुसार, झुंझुनूं के अशोक कुमार को मुंबई (महाराष्ट्र) से और अलवर के विकास कुमार को कारवार (कर्नाटक) से दिसंबर 2019 में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में मंगलवार को फैसला आया है। अदालत ने दोनों पर 5,000-5,000 का जुर्माना भी लगाया है

ऑपरेशन डॉल्फिंस नोज चलाया था

NIA के अनुसार, मामले का खुलासा दिसंबर 2019 में तब हुआ जब आंध्र प्रदेश पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस यूनिट ने ऑपरेशन डॉल्फिन्स नोज (Operation Dolphin’s Nose) के तहत इंडियन नेवी से जुड़े कुछ कर्मियों और युवकों द्वारा पाकिस्तान स्थित एजेंटों को गोपनीय जानकारियां भेजने का भंडाफोड़ किया था।

इसमें प्राथमिक जांच में सामने आया था कि पाकिस्तान के एजेंट सोशल मीडिया पर महिला बनकर फर्जी प्रोफाइल बनाते थे। वे हनीट्रैप और पैसों का लालच देकर फंसाते थे। इसके बाद नौसेना की महत्वपूर्ण गतिविधियों और सामरिक स्थानों की जानकारी निकलवाते थे।

प्राथमिक जांच के बाद आंध्र प्रदेश पुलिस ने बाद में मामला NIA को सौंप दिया था। NIA की जांच में पता चला कि दोनों आरोपी पाकिस्तान से संचालित अकाउंट्स से निर्देश लेते थे और बदले में आर्थिक लाभ पाने की उम्मीद रखते थे।

एजेंटों से बात, पैसों का लेनदेन भी करते थे

NIA ने जून 2020 में इस मामले में 14 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी, जिसमें UAPA के सेक्शन 18 (साजिश) और ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट के सेक्शन 3 (गोपनीय जानकारी साझा करने) के तहत गंभीर आरोप लगाए गए थे।

बाद में मार्च 2021 में एक और आरोपी के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की गई। स्पेशल कोर्ट ने डिजिटल डेटा, विदेशी एजेंटों से बातचीत, पैसों के लेनदेन और मोबाइल/सोशल मीडिया चैट की जांच के आधार पर दोनों को दोषी माना।

अब तक 8 को सजा

NIA अधिकारियों के अनुसार, यह जासूसी नेटवर्क पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों द्वारा संचालित किया जा रहा था। इसका मुख्य मकसद नेवी बेस, सबमरीन मूवमेंट, जहाजों की तैनाती और सामरिक तैयारियों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी इकट्ठा करना था। जांच एजेंसी ने इसे महज सूचनाओं का आदान-प्रदान नहीं, बल्कि भारत की सुरक्षा पर सुनियोजित हमला बताया। इस हाई-प्रोफाइल जासूसी नेटवर्क में अब तक गिरफ्तार 15 आरोपियों में से अशोक कुमार और विकास कुमार सहित कुल 8 आरोपियों को अदालत में दोषी साबित कर सजा सुनाई जा चुकी है।

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