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झुंझुनूं में पर्यावरण-संरक्षण टी-टॉक 3.0 कार्यशाला आयोजित:100+औषधीय पौधों को किया प्रदर्शित; कलेक्टर बोले- औषधीय ज्ञान को प्रभावी बनाना समय की मांग


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झुंझुनूं में पर्यावरण-संरक्षण टी-टॉक 3.0 कार्यशाला आयोजित:100+औषधीय पौधों को किया प्रदर्शित; कलेक्टर बोले- औषधीय ज्ञान को प्रभावी बनाना समय की मांग

झुंझुनूं में पर्यावरण-संरक्षण टी-टॉक 3.0 कार्यशाला आयोजित:100+औषधीय पौधों को किया प्रदर्शित; कलेक्टर बोले- औषधीय ज्ञान को प्रभावी बनाना समय की मांग

झुंझुनूं : झुंझुनूं में श्री राधेश्याम आर. मोरारका राजकीय महाविद्यालय, में वनस्पति शास्त्र विभाग और रिसर्च एवं विकास प्रकोष्ठ के संयुक्त देखरेख में आयोजित वार्षिक कार्यशाला ‘टी-टॉक 3.0’ का आयोजन किया गया। इस का उद्देश्य स्थानीय और वनस्पतियों के पारंपरिक औषधीय ज्ञान को बढ़ावा देना और उनके संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाना था।

कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर अरुण गर्ग ने औषधीय पौधों के महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने आयुर्वेद में समाहित औषधीय गुणों, देशज वनस्पतियों के पारंपरिक ज्ञान और पीढ़ी-दर-पीढ़ी हस्तांतरित किए जा रहे ऐसे वैज्ञानिक प्रयासों की सराहना की। जिला कलेक्टर गर्ग ने कहा – इन पौधों के महत्व को अधिक से अधिक जन प्रभावी बनाने के लिए प्रयास करना आज समय की मांग है। हमें पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक संदर्भ में स्थापित कर भावी पीढ़ी के लिए सुरक्षित करना होगा

पर्यावरण संरक्षण को नई दिशा टी-टॉक 3.0 कार्यशाला का आयोजन
पर्यावरण संरक्षण को नई दिशा टी-टॉक 3.0 कार्यशाला का आयोजन

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ. रवि प्रकाश, आयुर्वेदाचार्य ने औषधीय पादपों के वैज्ञानिक संकलन और उनकी व्यावहारिकता तथा उनसे जुड़ी भावी संभावनाओं पर अपना विस्तृत योगदान साझा किया। इसी कड़ी में, डॉ. रविकांक्षा ने विभिन्न आयुर्वेदिक पद्धतियों और पीढ़ी दर पीढ़ी संकलित होने वाले विभिन्न औषधीय पादपों के उदाहरणों के माध्यम से ज्ञानवर्धक प्रस्तुति दी।

वन संरक्षक झुंझुनूं हरेन्द्र भाकर ने जिले में संचालित वन पौधशालाओं में उपलब्ध औषधीय पादपों की जानकारी देते हुए उनके संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया। महाविद्यालय के प्राचार्य, प्रो. सुरेन्द्र सिंह ने समाज से पादपों की औषधीय उपयोगिता जानने और संरक्षण के लिए सक्रिय प्रयास करने का आह्वान किया।

कार्यशाला के साथ ही, वनस्पति शास्त्र विभाग के विद्यार्थियों द्वारा औषधीय महत्व के पादपों पर एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी में 100 से अधिक औषधीय पौधों को प्रदर्शित किया गया, जिससे क्षेत्र में मिलने वाले पादपों के पारंपरिक ज्ञान को बल मिला। प्रदर्शनी और कार्यशाला में विभिन्न महाविद्यालयों के विद्यार्थियों, संकाय सदस्यों और अतिथियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

ज़िला कलेक्टर अरुण गर्ग ने कहा- औषधीय ज्ञान को भावी पीढ़ी के लिए प्रभावी बनाना समय की मांग
ज़िला कलेक्टर अरुण गर्ग ने कहा- औषधीय ज्ञान को भावी पीढ़ी के लिए प्रभावी बनाना समय की मांग

कार्यक्रम संयोजक डॉ. मंजू चौधरी ने कार्यशाला के द्वारा आमजन और विद्यार्थियों को दी जाने वाली औषधीय महत्व संबंधी जानकारियों को महत्वपूर्ण बताया। अंत में, संकाय सदस्य डॉ. हरिओम आलडिया ने धन्यवाद ज्ञापित किया। मंच संचालन डॉ. आकांक्षा झूड़ी एवं डॉ. बरखा सिंह ने किया।

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