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स्टे के बावजूद अवैध कब्जा दिलाने पर हाईकोर्ट सख्त:दांतारामगढ़ एसडीएम-तहसीलदार पर कार्रवाई के दिए निर्देश


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स्टे के बावजूद अवैध कब्जा दिलाने पर हाईकोर्ट सख्त:दांतारामगढ़ एसडीएम-तहसीलदार पर कार्रवाई के दिए निर्देश

स्टे के बावजूद अवैध कब्जा दिलाने पर हाईकोर्ट सख्त:दांतारामगढ़ एसडीएम-तहसीलदार पर कार्रवाई के दिए निर्देश

दांतारामगढ़ : राजस्थान उच्च न्यायालय ने दांतारामगढ़ के तहसीलदार महिपाल सिंह और उपखंड अधिकारी मोनिका सामोर के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। न्यायालय ने राज्य सरकार को इन अधिकारियों के विरुद्ध 16 सीसीए के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

यह मामला दांतारामगढ़ तहसील के ग्राम पंचायत त्रिलोकपुरा की गोचर भूमि पर न्यायालय के स्थगन आदेश के बावजूद कथित रूप से कब्जा कराने से संबंधित है। न्यायाधिपति संजीव प्रकाश शर्मा ने संबद्ध अधिकारियों को अन्यत्र कार्य करने से रोकने और उनके विरुद्ध सीसीए नियम 13 के तहत भी कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया है।

तहसीलदार महिपाल सिंह
उपखंड अधिकारी मोनिका सामोर

बता दे कि सीकर-जयपुर रोड पर स्थित ग्राम त्रिलोकपुरा की यह बेशकीमती गोचर भूमि करीब 25 साल पहले तत्कालीन सीकर जिला कलेक्टर ने कोलकाता की एक संस्था को आवंटित की थी। ग्रामवासियों ने इस आवंटन का विरोध करते हुए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय को इस मामले की सुनवाई करने का निर्देश दिया।

इसके बाद याचिकाकर्ताओं ने उच्च न्यायालय में अपील की।जहां भूमि को लेकर स्थगन आदेश जारी किया गया और मामला विचाराधीन रखा गया। यह मामला पिछले 22 सालों से लंबित है। इस लंबित मामले के बावजूद, लगभग दो माह पहले दांतारामगढ़ तहसीलदार और उपखंड अधिकारी ने पुलिस बल का उपयोग कर कथित तौर पर इस भूमि पर अवैध कब्जा करवा दिया।

इस घटना के परिणामस्वरूप ग्राम त्रिलोकपुरा के वरिष्ठ नागरिक प्रेमसिंह शेखावत ने एक बार फिर उच्च न्यायालय में गुहार लगाई। सुनवाई के दौरान न्यायाधिपति संजीव प्रकाश शर्मा ने राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वे 16 सीसीए के तहत कार्रवाई के साथ-साथ संबद्ध अधिकारियों को अन्यत्र कार्य करने से रोकें। न्यायालय ने यह भी आदेश दिया कि इन अधिकारियों के विरुद्ध सीसीए नियम 13 के अनुसार भी कार्रवाई शुरू की जाए।

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