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सरकारी कर्मचारियों की मुफ्त इलाज योजना में फर्जीवाड़ा:छुट्टी पर थी डॉक्टर, उनके नाम से बनी लाखों की दवा पर्चियां; चूरू में कंप्यूटर ऑपरेटर गिरफ्तार


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सरकारी कर्मचारियों की मुफ्त इलाज योजना में फर्जीवाड़ा:छुट्टी पर थी डॉक्टर, उनके नाम से बनी लाखों की दवा पर्चियां; चूरू में कंप्यूटर ऑपरेटर गिरफ्तार

सरकारी कर्मचारियों की मुफ्त इलाज योजना में फर्जीवाड़ा:छुट्टी पर थी डॉक्टर, उनके नाम से बनी लाखों की दवा पर्चियां; चूरू में कंप्यूटर ऑपरेटर गिरफ्तार

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : मोहम्मद अली पठान

चूरू : राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों के मुफ्त इलाज के लिए बनी राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (RGHS) में करोड़ों रुपए के फर्जीवाड़ा सामने आया है। चूरू में डॉक्टर और मेडिकल स्टोर वाले मिलकर फर्जी बिल बनाकर उन दवाइयों का भुगतान उठा रहे थे, जो कभी बेची ही नहीं गई।

चूरू CMHO ने तीन महीने पहले 9 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था। जांच के बाद कोतवाली पुलिस ने फर्जीवाड़ा करने के आरोप में मंगलवार को पहली गिरफ्तारी की है। चूरू में शिवम आयुर्वेदिक ड्रग्स स्टोर पर काम करने वाले कंप्यूटर ऑपरेटर जितेंद्र स्वामी निवासी रतननगर (चूरू) को पकड़ा है। आरोपी के कब्जे से सरकारी हॉस्पिटल की 16 बंडल पर्चियां भी बरामद की हैं।

आरोप है कि जितेंद्र ने जिला हॉस्पिटल की डॉ. पूजा रोहिल्ला के अवकाश के दौरान उनके नाम से फर्जी पर्चियां पोर्टल पर अपलोड कीं, जिनके आधार पर लाखों रुपए का भुगतान उठा लिया गया।

इससे पहले प्रदेश में जयपुर के SMS हॉस्पिटल में कार्यरत एक सरकारी डॉक्टर द्वारा निजी क्लिनिक से ओपीडी की 500 से ज्यादा पर्चियां तैयार की गई। उन पर लिखी दवाइयों का दो फार्मा शॉप ने करोड़ों रुपए का फर्जी बिल बनाया और भुगतान के लिए भेजने का मामला सामने आया था। वित्त विभाग ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से पकड़ा था।

CMHO ने नौ लोगों पर लगाया था गड़बड़ी का आरोप

कोतवाली ASI वीरेंद्र सिंह ने बताया कि सीएमएचओ डॉ. मनोज शर्मा की रिपोर्ट पर अगस्त 2025 में इस मामले में दो आयुर्वेद डॉक्टरों डॉ. पवन जांगिड़, डॉ. कविता धनकड़ सहित नौ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।

डॉक्टर और मेडिकल स्टोर संचालकों की मिलीभगत से चल रहा था फर्जीवाड़ा

जांच में सामने आया कि सरकारी अस्पताल की परामर्श पर्चियों का उपयोग बाहर के मेडिकल स्टोर पर किया जा रहा था। आरजीएचएस कार्डधारकों से ओटीपी लेकर फर्जी दवा पर्चियां बनाई गईं। शिवम आयुर्वेदिक ड्रग्स ने कुल ₹77.34 लाख की बिक्री दिखाई, जिसमें अकेले डॉ. पवन जांगिड़ के नाम से ₹47.84 लाख और डॉ. कविता धनकड़ के नाम से ₹10.65 लाख की दवाएं जारी हुईं। वहीं, डॉ. पूजा रोहिल्ला की छुट्टियों के दौरान ₹3.65 लाख की फर्जी पर्चियां अपलोड की गईं।

एक कार्ड धारक ने 53 बार विजिट कर ₹2.26 लाख दवाएं ली

एएसआई वीरेंद्र सिंह ने बताया- एक कार्डधारक के 53 बार विजिट कर ₹2.26 लाख की दवाएं लेने का मामला भी सामने आया है। यह एक संगठित वित्तीय घोटाला है, जिससे सरकारी राजकोष को भारी नुकसान पहुंचाया गया। मामले में आगे और गिरफ्तारियों की संभावना जताई जा रही है।

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