[pj-news-ticker post_cat="breaking-news"]

स्टेट हाइवे 37 पर गहरे गड्ढे, हादसों का खतरा बढ़ा:लीला की ढाणी के पास ब्लैक स्पॉट, समाजसेवी बोले- विभाग ने की अनदेखी


निष्पक्ष निर्भीक निरंतर
  • Download App from
  • google-playstore
  • apple-playstore
  • jm-qr-code
X
गुढ़ागौड़जीझुंझुनूंटॉप न्यूज़राजस्थानराज्य

स्टेट हाइवे 37 पर गहरे गड्ढे, हादसों का खतरा बढ़ा:लीला की ढाणी के पास ब्लैक स्पॉट, समाजसेवी बोले- विभाग ने की अनदेखी

स्टेट हाइवे 37 पर गहरे गड्ढे, हादसों का खतरा बढ़ा:लीला की ढाणी के पास ब्लैक स्पॉट, समाजसेवी बोले- विभाग ने की अनदेखी

गुढ़ागौडज़ी : गुढ़ागौडज़ी से झुंझुनूं तक स्टेट हाईवे 37 पर गहरे गड्ढे हादसों का कारण बन रहे हैं। लीला की ढाणी के पास बने ब्लैक स्पॉट पर सड़क की स्थिति बेहद खराब है, जिससे वाहन चालकों को संतुलन बनाए रखने में परेशानी हो रही है और दुर्घटनाएं घटित हो रही हैं।

गुढ़ागौडज़ी से झुंझुनूं तक स्टेट हाईवे 37 पर गहरे गड्ढे है।
गुढ़ागौडज़ी से झुंझुनूं तक स्टेट हाईवे 37 पर गहरे गड्ढे है।

कई बार हो चुके बड़े हादसे

यहां कई बार ट्रैक्टर, पिकअप और बाइक पलटने जैसी घटनाएं हो चुकी हैं। सड़क की यह खराब हालत कभी भी किसी बड़ी दुर्घटना को जन्म दे सकती है।

लीला की ढाणी के पास बने ब्लैक स्पॉट पर सड़क की स्थिति बेहद खराब है।
लीला की ढाणी के पास बने ब्लैक स्पॉट पर सड़क की स्थिति बेहद खराब है।

मार्च 2022 में हुई थी 11 लोगों की मौत

मार्च 2022 में इसी स्थान पर एक पिकअप बेकाबू होकर पलट गई थी, जिसमें 11 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी और 7 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। उस हादसे के बाद पीडब्ल्यूडी ने यहां ब्लैक स्पॉट तो अंकित करवा दिया था, लेकिन मरम्मत कार्य में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया।

कुछ महीने में ही सड़क के फिर टूटने से हादसों का खतरा बढ़ गया है।
कुछ महीने में ही सड़क के फिर टूटने से हादसों का खतरा बढ़ गया है।

मरम्मत कार्य में घटिया सामग्री का उपयोग

बता दें कि कुछ महीनों में सड़क फिर से टूट गई और अब स्थिति पहले से भी बदतर है। दुपहिया वाहन चालकों के लिए यह रास्ता बेहद खतरनाक हो जाता है, क्योंकि गहरे गड्ढे और सामने से आने वाले वाहनों की रोशनी के कारण सड़क ठीक से दिखाई नहीं देती।

ब्लैक स्पॉट पर बने डिवाइडर पर भी रेडियम पट्टी नहीं लगाई गई है, जिससे रात में हादसे की संभावना बनी रहती है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि ठेकेदार और पीडब्ल्यूडी विभाग दोनों ही इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

समाजसेवी नरेंद्र गढ़वाल ने विभाग की लापरवाही की निंदा करते हुए चेतावनी दी है कि यदि तुरंत प्रभाव से सड़क की मरम्मत शुरू नहीं की गई, तो ग्रामीण संगठन सड़क पर उतरकर उग्र आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि आमजन की जान को प्रयोगशाला नहीं बनाया जा सकता।

Related Articles