दलितों, आदिवासियों के वोट सबको चाहिए, आवाज उठाने पर लगाते हैं जातिवाद का ठप्पा
टीएसपी का आरक्षण आबादी के अनुपात में 70% करने, एससी-एसटी का आरक्षण आबादी के मुताबिक 14-18% करने की उठाई आवाज


हेलीकॉप्टर से की पुष्पवर्षा
पदाधिकारियों ने महापंचायत में डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों के आने का दावा किया। दोनों समुदायों के मंत्री-विधायक भी शामिल हुए। मीडिया संयोजक महेश धावनियां ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई। महापंचायत के दौरान कुछ जगह जाम भी लगा।

ये रही प्रमुख मांगें
- एससी-एसटी का आरक्षण आबादी के अनुसार 14 से 18 प्रतिशत किया जाए
- टीएसपी का आरक्षण आबादी के अनुपात में 70 प्रतिशत हो
- आदिवासी क्षेत्र को अलग से भील प्रदेश बना लंबित केसों को वापस लिया जाए
- दो अप्रेल 2018 एवं कांकरी डूंगरी आंदोलन के लंबित केसों को वापस लिया जाए। भारत बंद के दौरान प्रदेश में एससी-एसटी के लोगों पर 322 एफआईआर हुई। सरकार ने वादा करने के बावजूद मुकदमे वापस नहीं लिए
- 11-9-11 के अनुसार रोस्टर मेंटेन करने की भी मांग उठी
- विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्तियों में एससी-एसटी को आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व दिया जाए
- राज्य के सभी विभागों में बैकलॉग रिक्तियों को भी विशेष अभियान चलाकर भरा जाए
- आरक्षित वर्गों के रिक्त पदों को भरने की मांग के साथ ही वक्ताओं ने एससी-एसटी एक्ट की पालना नहीं होने पर महापंचायत में नाराजगी जताई
टीएसपी का आरक्षण आबादी के अनुपात में 70% करने, एससी-एसटी का आरक्षण आबादी के मुताबिक 14-18% करने की उठाई आवाज
ये रहे मौजूद
मंत्री टीकाराम जूली, ममता भूपेश, गोविंदराम मेघवाल, विकास परिषद के अध्यक्ष जगदीश मीणा, विधायक गंगादेवी, डीजी डॉ.रविप्रकाश मेहरड़ा, रिटायर्ड आईएएस बीएल आर्य, जीएल वर्मा, बीएल बैरवा, पूर्व केंद्रीय मंत्री नमोनारायण मीणा, राजेंद्र पाल गौतम, रामकुमार वर्मा, रामनारायण मीणा, वेदप्रकाश सोलंकी, आदिवासी मीणा समाज संघ के अध्यक्ष केसी घुमरिया, डॉ.अंबेडकर मेमोरियल वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष बीएल मेहराड़ा, वराजपाल मीणा ने संबोधित किया। इस दौरान खिलाड़ीलाल बैरवा, रोशन मुंडोतिया, गोपाल केसावत, मुख्य संयोजक जीएस सोमावत, विनोद जाखड़ ने भी विचार रखे। भंवर लाल परमार ने आदिवासी क्षेत्र को अलग से भील प्रदेश बनाने की मांग की। एससी-एसटी महापंचायत के सचिव जीएल वर्मा ने राजस्थान सरकार के स्तर पर 22 व केन्द्र सरकार के स्तर पर 14 लंबित मांगों को जल्द पूरा करने की मांग की।