नवाचार का संगम: राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय में स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन का सफल आयोजन
36 घंटे लगातार मंथन कर छात्रों ने दिए नवोन्मेषी समाधान

कोटा : भारत सरकार के नवाचार और तकनीकी समाधान को बढ़ावा देने के प्रयासों के तहत राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा में दो दिवसीय स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ कुलगुरु डॉ. भगवती प्रसाद सरस्वत, डीन फैकल्टी अफेयर्स प्रो. दिनेश बिरला एवं एसएसी चेयरमैन डॉ. राजश्री टापड़िया की उपस्थिति में हुआ।
36 घंटे की चुनौती
स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन की विशेषता यह रही कि प्रतिभागियों को विभिन्न समस्या विवरण दिए गए, जिन पर उन्होंने लगातार 36 घंटे तक कार्य करते हुए तकनीकी व सामाजिक समाधान प्रस्तुत किए। समस्याएँ सीधे सरकारी विभागों, निजी उद्योगों और सामाजिक चुनौतियों से जुड़ी थीं।
समस्याओं की प्रमुख श्रेणियाँ
इस वर्ष हैकाथॉन में टेक्नोलॉजी, शिक्षा, बायोमेडिकल, कृषि, स्मार्ट ट्रांसपोर्टेशन, ऊर्जा, पर्यावरण संरक्षण, गवर्नेंस और साइबर सुरक्षा जैसी श्रेणियाँ शामिल रहीं। प्रतिभागियों ने स्मार्ट सिंचाई प्रणाली, डिजिटल शिक्षा, हेल्थकेयर की सुलभता, प्रदूषण नियंत्रण, ट्रैफिक प्रबंधन और साइबर सुरक्षा जैसे विषयों पर कार्य किया।
75 से अधिक टीमों ने दिखाया कौशल
एसपीओसी डॉ. दीपक भाटिया के निर्देशन में विश्वविद्यालय की 75 से अधिक टीमों ने भाग लिया और अपनी तकनीकी दक्षता व रचनात्मकता का परिचय दिया। निर्णायक मंडल ने छात्रों के नवोन्मेषी विचारों और समाजोपयोगी समाधानों की प्रशंसा की और माना कि इन विचारों में भविष्य की चुनौतियों से निपटने की क्षमता है।
निर्णायक मंडल और प्रतिभागी
निर्णायक मंडल में डॉ. निर्मला शर्मा, सपना गुप्ता, डॉ. दिनेश सोनी, डॉ. शोभी बग्गा, डॉ. सीमा अग्रवाल, डॉ. सुमित त्रिपाठी सहित कई संकाय सदस्य मौजूद रहे। छात्रों में श्रीयंश अग्रवाल, नवीन बंसल, अफशान अली, आशीष मीणा, भाविका गोयल, सौम्य शर्मा, सोमांशु गुप्ता और अन्य ने सक्रिय भागीदारी निभाई।
युवाओं के लिए प्रेरणा
डॉ. दीपक भाटिया ने कहा कि “स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन युवाओं को तकनीकी उत्कृष्टता के साथ-साथ समाजोपयोगी सोच विकसित करने के लिए प्रेरित करता है। यह अकादमिक ज्ञान और व्यावहारिक अनुप्रयोग के बीच की दूरी को कम करता है।”