सिंघानिया विश्वविद्यालय में “जॉब फेयर 2025” का सफल आयोजन
प्रमुख कंपनियों ने लिया हिस्सा, सैकड़ों छात्रों ने दिखाया उत्साह

पचेरी कलां : सिंघानिया विश्वविद्यालय में 25 और 26 सितंबर को आयोजित दो दिवसीय “जॉब फेयर 2025” सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। इस अवसर पर विश्वविद्यालय परिसर उत्साह और उमंग से भरा नजर आया।
कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट डॉ. मनोज कुमार (सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी) ने दीप प्रज्वलन कर किया। अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि “आज ग्रामीण अंचल में रोजगार की अत्यधिक आवश्यकता है। ऐसे आयोजन छात्रों को सीखने और करियर बनाने का सुनहरा अवसर प्रदान करते हैं। स्किल बेस्ड एजुकेशन देना ही सिंघानिया विश्वविद्यालय का उद्घोष है।”
उन्होंने आश्वस्त किया कि ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले विद्यार्थियों के लिए विश्वविद्यालय शिक्षा के साथ रोजगार और मार्गदर्शन उपलब्ध कराने में लगातार प्रयासरत रहेगा।
कोविड के बाद पहला जॉब फेयर
डायरेक्टर (अकादमिक एवं इंडस्ट्रियल) डॉ. दीप्ति मल ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि यह आयोजन कोरोना महामारी के बाद विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित पहला जॉब फेयर है। उन्होंने कहा कि ऐसे मेले शिक्षा जगत और औद्योगिक जगत के बीच मजबूत सेतु का काम करते हैं।
उद्योग जगत की बड़ी भागीदारी
जॉब फेयर में देश की कई प्रमुख कंपनियों ने हिस्सा लिया। इनमें संसेरा इंजीनियरिंग लिमिटेड, रिवेंट प्रिसिजन लिमिटेड, ग्लोबल ऑटो टेक लिमिटेड, बुचर हाइड्रोलिक्स प्रा. लि., हिंदवेयर लिमिटेड, मासु ब्रेक पैड्स प्रा. लि., सेलोव्रैप ईपीपी इंडिया प्रा. लि., वर्धमान यार्न एंड थ्रेड प्रा. लि., कैनन इंडिया, एस्को कास्टिंग एंड इलेक्ट्रॉनिक्स प्रा. लि., पॉली मेडिकल क्योर कंपनी और शिप्रो टेक कंपनी शामिल रहीं।
सैकड़ों छात्रों ने लिया हिस्सा
फेयर में सैकड़ों छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और कंपनियों के प्रतिनिधियों से संवाद स्थापित किया। इससे छात्रों को न केवल रोजगार के अवसर मिले बल्कि इंटरव्यू और इंडस्ट्रियल वातावरण का अनुभव भी प्राप्त हुआ।
आयोजन में सक्रिय योगदान
कार्यक्रम का संचालन डॉ. आलोक कुमार (डीन, होटल मैनेजमेंट एवं इंडस्ट्रियल रिलेशंस) ने किया। धन्यवाद ज्ञापन प्रो. (डॉ.) पी. एस. जस्सल ने प्रस्तुत किया। इस आयोजन में ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल की टीम का विशेष योगदान रहा, जिसमें डॉ. अरविंद कुमार (डीन, इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी), डॉ. मोनिका सैनी (जनसंपर्क अधिकारी), डॉ. मनोज वर्गीज़ (जन संचार विभागाध्यक्ष), डॉ. मोहित (फार्मास्यूटिकल्स विभागाध्यक्ष), डॉ. राजपाल यादव (शिक्षा विभागाध्यक्ष) तथा श्री पियूष कुमार (ओआरपी विशेषज्ञ) शामिल रहे। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय के सभी टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ ने भी सक्रिय भूमिका निभाई।