बेरी गांव में शहीद लांस नायक कल्याण सिंह की प्रतिमा:1965 के भारत-पाक युद्ध में देश के लिए दिया था बलिदान, ग्रामीणों ने मूर्ति पर पुष्प वर्षा की
बेरी गांव में शहीद लांस नायक कल्याण सिंह की प्रतिमा:1965 के भारत-पाक युद्ध में देश के लिए दिया था बलिदान, ग्रामीणों ने मूर्ति पर पुष्प वर्षा की

पिलानी : वीरों की धरती झुंझुनू ने एक बार फिर अपने शहीद सपूत को नमन किया है। पिलानी ब्लॉक के बेरी गांव में रविवार को शहीद लांस नायक कल्याण सिंह शेखावत की प्रतिमा का अनावरण किया। दोपहर 1 बजे शहीद मेजर पीरू सिंह खेल मैदान में आयोजित कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों की मौजूदगी में मूर्ति का अनावरण किया गया।
कार्यक्रम की शुरूआत फीता काटकर हुई। इसके बाद सभी अतिथियों ने शहीद की मूर्ति पर पुष्प अर्पित किए और उनके परिवारजनों का साफा और माला पहनाकर सम्मान किया। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि झुंझुनूं वीरों की धरती है, जिसने देश को सबसे ज्यादा वीर सपूत दिए हैं। उन्होंने शहीदों के बलिदान को याद करते हुए युवाओं से उनके जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया।
शहादत की गौरव गाथा
बता दें कि लांस नायक कल्याण सिंह शेखावत का जन्म ठाकुर सुगन सिंह और फूल कंवर देवी के घर हुआ था। उन्होंने 10 फरवरी 1961 को 3 राजपूताना राइफल्स में भर्ती होकर सेना में सेवा शुरू की। वर्ष 1965 के भारत-पाक युद्ध में कश्मीर के पूंछ सेक्टर में लड़ते हुए 21 सितंबर 1965 को शहीद हो गए थे। अपने अदम्य साहस और पराक्रम से उन्होंने देश और गांव का नाम इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज करा दिया।
जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी
इस मौके पर पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह राठौड़, सैनिक कल्याण बोर्ड अध्यक्ष प्रेम सिंह बाजोर, पूर्व सांसद संतोष अहलावत, जिला प्रमुख हर्षनी कुल्हरी, पूर्व मंत्री जयदीप डूडी, पूर्व विधायक जेपी चंदेलिया और सुभाष पूनिया, गिरधारी खीचड़ अलसीसर, बेरी सरपंच सुमन देवी, पूर्व सरपंच जगदीश सिंह शेखावत, महिला मोर्चा अध्यक्ष सरोज श्योराण सहित अनेक जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। अध्यक्षता भाजपा जिला महामंत्री राजेश दहिया ने की।
शहीद के परिवार से उनके भाई रणसिंह शेखावत, मदन सिंह शेखावत और करण सिंह शेखावत विशेष रूप से उपस्थित रहे। मंच संचालन पूर्व जिला मंत्री एवं श्रीकृष्ण गोशाला अध्यक्ष कैलाश व्यास लीखवा ने किया। ग्रामीणों ने कार्यक्रम को शहीद कल्याण सिंह की शहादत को समर्पित बताते हुए कहा कि उनकी प्रतिमा गांववासियों और आने वाली पीढ़ियों के लिए हमेशा प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।