उदयपुरवाटी से शाकंभरी मंदिर की सड़क का बुरा हाल:उप मुख्यमंत्री की सड़क बनवाने की घोषणा के 6 महीने बाद भी नहीं मिली स्वीकृति, श्रद्धालु परेशान
उदयपुरवाटी से शाकंभरी मंदिर की सड़क का बुरा हाल:उप मुख्यमंत्री की सड़क बनवाने की घोषणा के 6 महीने बाद भी नहीं मिली स्वीकृति, श्रद्धालु परेशान

उदयपुरवाटी : उदयपुरवाटी से प्रसिद्ध शक्तिपीठ शाकंभरी माता मंदिर तक जाने वाली सड़क की हालत बेहद खराब है। उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी द्वारा छह महीने पहले फोरलेन सड़क निर्माण की घोषणा के बावजूद इस परियोजना को अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है। खराब सड़क के कारण श्रद्धालुओं को मंदिर पहुंचने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
16 किलोमीटर के सफर में लग रहे दो घंटे
महज 16 किलोमीटर की इस सड़क पर यात्रा करने में श्रद्धालुओं को सामान्य 30 मिनट की बजाय दो घंटे का समय लग रहा है। सड़क पूरी तरह से टूटकर बिखर चुकी है जिससे ये सफर थका देने वाला हो गया है। साल में चार बार आने वाले नवरात्रों के दौरान हजारों श्रद्धालु माता के दर्शनों के लिए आते हैं जिन्हें इस समस्या का सामना करना पड़ता है।
पूर्व राष्ट्रपति से लेकर अभिनेता कर चुके दर्शन
शाकंभरी माता मंदिर एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है जहां पूर्व राष्ट्रपति, पूर्व राज्यपाल, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, अभिनेता और उद्योगपति जैसे गणमान्य व्यक्ति भी दर्शन के लिए आते हैं। ऐसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल तक पहुंचने में श्रद्धालुओं को हो रही कठिनाई चिंता का विषय है।
डिप्टी सीएम ने की थी सड़क बनाने की घोषणा
इसी साल 26 मार्च को उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी खिरोड़ में एक शहीद की मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में शामिल होने आई थीं। इस दौरान उदयपुरवाटी तहसील के सामने कार्यकर्ताओं की मांग पर उन्होंने उदयपुरवाटी से शाकंभरी तक फोरलेन सड़क बनाने की घोषणा की थी।
सड़क के लिए 21 करोड़ का प्रस्ताव
उप मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) के अधिकारियों ने 16 किलोमीटर सीसी और डामर मिश्रित सड़क के लिए लगभग 21 करोड़ रुपए का प्रस्ताव तैयार किया था। इसमें झुंझुनूं जिले में 12 किलोमीटर सड़क मार्ग के लिए 16 करोड़ रुपए और सीकर जिले के चार किलोमीटर रास्ते के लिए 5 करोड़ रुपए के प्रस्ताव शामिल थे।
पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने ये प्रस्ताव सरकार को भेज दिए हैं लेकिन अभी तक इन्हें स्वीकृति नहीं मिली है। इलाके के लोग सड़क सुधार के लिए कई बार उच्च अधिकारियों, मंत्रियों और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज चुके हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।