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जगदीप धनखड़ को पूर्व विधायक की पेंशन मंजूर:पूर्व उपराष्ट्रपति को हर महीने 42 हजार मिलेंगे; 2019 में राज्यपाल बनने के बाद से बंद थी


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जगदीप धनखड़ को पूर्व विधायक की पेंशन मंजूर:पूर्व उपराष्ट्रपति को हर महीने 42 हजार मिलेंगे; 2019 में राज्यपाल बनने के बाद से बंद थी

जगदीप धनखड़ को पूर्व विधायक की पेंशन मंजूर:पूर्व उपराष्ट्रपति को हर महीने 42 हजार मिलेंगे; 2019 में राज्यपाल बनने के बाद से बंद थी

जयपुर : पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को राजस्थान विधानसभा से पूर्व विधायक के तौर पर पेंशन मंजूर हो गई है। राजस्थान विधानसभा ने धनखड़ के आवेदन पर प्रक्रिया पूरी करने के बाद उनके उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा मंजूर होने की तारीख से पेंशन शुरू कर दी है। अब धनखड़ को हर महीने पूर्व विधायक की पेंशन और सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाएगी।

धनखड़ ने अगस्त के आखिरी सप्ताह में पूर्व विधायक की पेंशन के लिए विधानसभा सचिवालय में आवेदन किया था। विधानसभा सचिवालय ने सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद अब पेंशन शुरू कर दी है। धनखड़ को हर महीने पूर्व विधायक के तौर पर करीब 42 हजार रुपए पेंशन मिलेगी।

धनखड़ 1993 से 1998 तक किशनगढ़ सीट से कांग्रेस के विधायक रहे थे। पूर्व विधायक के तौर पर उन्हें जुलाई 2019 तक पेंशन मिल रही थी। जुलाई 2019 में पश्चिमी बंगाल के राज्यपाल बनने के बाद पूर्व विधायक की पेंशन बंद हो गई थी। अब उपराष्ट्रपति पद से हटने के बाद पूर्व विधायक के तौर पर फिर से पेंशन शुरू हो गई है।

धनखड़ को पूर्व विधायक के तौर पर 42000 रुपए महीना पेंशन मिलेगी

धनखड़ एक बार विधायक रहे हैं। उनकी उम्र 75 साल है, ऐसे में उन्हें 20 प्रतिशत ज्यादा पेंशन मिलेगी। उन्हें 35 हजार प्रतिमाह का 20 फीसदी जोड़कर पेंशन मिलेगी। यह पेंशन 42 हजार रुपए होती है।

सैलरी वाले पद पर जाते ही पूर्व विधायक की पेंशन बंद हो जाती है

विधायक का कार्यकाल पूरा होते ही पूर्व विधायक की पेंशन चालू हो जाती है। पूर्व विधायक अगर सरकार या संवैधानिक पद पर मनोनीत हो जाते हैं, मंत्री बन जाते हैं या सैलरी वाले किसी पद पर नियुक्त हो जाते हैं तो पेंशन बंद हो जाती है।

किसी भी सैलरी वाले पद पर जाने पर विधानसभा सचिवालय को इसकी सूचना दी जाती है, जिसके बाद पेंशन बंद हो जाती है। सरकारी पद से कार्यकाल पूरा होने के बाद विधानसभा सचिवालय को तय फॉर्मेट में आवेदन कर सूचना देनी होती है, जिसके बाद पेंशन फिर शुरू हो जाती है। जगदीप धनखड़ ने भी उसी प्रक्रिया के तहत आवेदन किया और उनकी पेंशन शुरू हो गई।

पूर्व विधायक को 35 हजार रुपए महीने की पेंशन और दूसरी सुविधाएं मिलती हैं

पूर्व विधायक को 35 हजार रुपए महीना पेंशन मिलती है। पेंशन हर टर्म के हिसाब से बढ़ती रहती है। 5 साल के बाद जो जितनी बार विधायक रहा है, उसे 5 साल बाद के हर टर्म में प्रतिमाह 1600 रुपए जोड़ते हुए अतिरिक्त पेंशन मिलती है। एक बार के विधायक को 35 हजार, दो बार के विधायक को 42 हजार, तीन बार के विधायक को 50 हजार रुपए की पेंशन मिलती है। अगर पूर्व विधायक ने 70 साल की उम्र पार की ली हो तो पेंशन में 20 प्रतिशत इजाफा होता है।

पूर्व विधायकों को फ्री इलाज, रोडवेज में फ्री यात्रा, विदेश यात्रा के लिए सालाना 1 लाख मिलते हैं

पूर्व विधायक के निधन के बाद पत्नी को फैमिली पेंशन मिलती है। अगर कोई उपचुनाव में जीतता है तो भी पूरी पेंशन मिलती है। पूर्व विधायकों को आरजीएचएस (RGHS) के तहत रिटायर्ड अफसरों के बराबर फ्री इलाज की सुविधा मिलती है।

राजस्थान रोडवेज में पूर्व विधायक और उनके साथ एक व्यक्ति को फ्री यात्रा कर सुविधा मिलती है। साल में विदेश यात्रा के लिए 1 लाख रुपए तक का किराया मिलता है। डाक बंगलों, सरकारी गेस्ट हाउस में हर महीने 5 दिन तक रियायती दरों पर ठहर सकते हैं। जगदीप धनखड़ भी अब पूर्व विधायक के तौर पर इन सुविधाओं का लाभ ले सकेंगे।

धनखड़ को अब पूर्व उपराष्ट्रपति, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक की पेंशन मिलेगी

जगदीप धनखड़ को तीन तरह की पेंशन मिलेगी। धनखड़ को पूर्व उपराष्ट्रपति, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक की पेंशन मिलेगी। पूर्व राज्यपाल को पेंशन नहीं मिलती है, इसलिए धनखड़ को भी पूर्व राज्यपाल की पेंशन नहीं मिलेगी।

धनखड़ 1989 से 1991 तक झुंझुनूं से सासंद रहे। 1990 में संसदीय कार्य राज्य मंत्री रहे। 1993 से 1998 तक किशनगढ़ से कांग्रेस विधायक रहे। धनखड़ 30 जुलाई 2019 से 18 जुलाई 2022 तक पश्चिमी बंगाल के राज्यपाल रहे।

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