खेतड़ी के गाडराटा गांव में बाबा सवाई सुंदरदास का लक्खी मेले में तीसरे दिन उमड़ा जनसैलाब:बारिश भी नहीं रोक सकी श्रद्धालुओं की आस्था, लाखों भक्त पहुंचे दर्शन को
महिलाओं ने की जमकर खरीदारी, बच्चों ने झूलों का उठाया लुप्त, सुरक्षा और सुविधाओं के रहे पुख्ता इंतजाम

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : विजेंद्र शर्मा
खेतड़ी : खेतड़ी उपखंड के गाडराटा गांव में बाबा सवाई सुंदरदास का तीन दिवसीय लक्खी मेला शुक्रवार को तीसरे दिन भी श्रद्धा और आस्था के चरम पर रहा। सुबह से ही बाबा के दरबार में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। राजस्थान ही नहीं, बल्कि हरियाणा सहित अन्य प्रदेशों से आए भक्तों ने बाबा के दरबार में शीश नवाकर मनोकामना पूर्ण होने की प्रार्थना की।बारिश के बावजूद आस्था का उत्साह कम नहीं हुआ। श्रद्धालुओं का मानना है कि बाबा के दर्शन से जीवन की हर बाधा दूर होती है। इसी विश्वास के चलते हर साल करीब पांच लाख श्रद्धालु इस मेले में पहुंचते हैं।
प्रशासन और मेला कमेटी ने श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं। मेले की निगरानी हेतु 150 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और 150 पुलिस जवान तैनात किए गए हैं। मेला मजिस्ट्रेट तहसीलदार सुनील कुमार एवं मेला कमेटी अध्यक्ष विजयपाल ने लगातार व्यवस्थाओं का जायजा लिया। आपातकालीन स्थिति को देखते हुए 24 घंटे एंबुलेंस और चिकित्सक की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। भामाशाहों और सामाजिक संस्थाओं द्वारा पानी व भंडारे की व्यवस्था की गई है।
स्काउट-गाइड, एनसीसी कैडेट्स और समाजसेवी भी सेवाओं में जुटे हुए हैं।मेले में महिलाओं का उत्साह भी देखने लायक रहा। विभिन्न स्टॉल्स पर महिलाओं ने घरेलू सामान, श्रृंगार सामग्री, परिधान और सजावटी वस्तुओं की खूब खरीदारी की। बाजार का पूरा नजारा उत्सव जैसा दिखाई दिया। वहीं बच्चों के लिए लगाए गए झूले और खिलौनों के स्टॉल आकर्षण का केंद्र बने रहे। बच्चों ने चारट, झूले और जोड़ों का जमकर लुत्फ उठाया।
खेतड़ी क्षेत्र ही नहीं, बल्कि आसपास के जिलों और हरियाणा में भी बाबा सवाई सुंदरदास की गहरी मान्यता है। बाबा को पशुओं की रक्षा करने वाले और सांपों के देवता के रूप में पूजा जाता है। ग्रामीण अंचल में पशुपालक और किसान विशेष रूप से बाबा की शरण में आते हैं और अपने पशुधन की सुरक्षा की कामना करते हैं। स्थानीय लोगों की मान्यता है कि बाबा के दरबार में सच्चे मन से माथा टेकने पर हर मनोकामना पूरी होती है।
यही वजह है कि लक्खी मेले में लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। भक्तजन मानते हैं कि बाबा के आशीर्वाद से न केवल बीमारियां और संकट दूर होते हैं, बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि भी आती है। बाबा की महिमा और आस्था इतनी व्यापक है कि हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश तक से लोग गाडराटा आकर बाबा सवाई सुंदरदास के चरणों में शीश नवाते हैं।तीसरे दिन भी मेले का वातावरण आस्था, भक्ति और उल्लास से सराबोर दिखाई दिया। बारिश की फुहारों के बीच उमड़ा जनसैलाब बाबा सवाई सुंदरदास के प्रति गहरी श्रद्धा का प्रतीक बना।