स्मार्ट मीटर के विरोध में कल झुंझुनूं बंद:बाजार, प्राइवेट स्कूल और निजी बसें नहीं चलेंगी; बोले- यह आम आदमी का मुद्दा
स्मार्ट मीटर के विरोध में कल झुंझुनूं बंद:बाजार, प्राइवेट स्कूल और निजी बसें नहीं चलेंगी; बोले- यह आम आदमी का मुद्दा

झुंझुनूं : जिलेभर में स्मार्ट मीटर लगाने को लेकर दिनोंदिन विरोध तेज होता जा रहा है। बिजली उपभोक्ताओं की परेशानी, अतिरिक्त बिलों और तकनीकी खामियों के चलते जनता में आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। इसी कड़ी में स्मार्ट मीटर हटाओ संघर्ष समिति के आह्वान पर 20 अगस्त को झुंझुनूं बंद का ऐलान किया गया है। बंद को व्यापारी संगठनों, निजी स्कूल प्रबंधन, निजी बस चालक संघ और कोर्ट की बार यूनियन ने समर्थन दिया है। इस दौरान एक दिन का पूर्ण कार्य बहिष्कार किया जाएगा।
संघर्ष समिति के सदस्य और जिला परिषद सदस्य पंकज धनकड़ ने जानकारी दी कि स्मार्ट मीटर किसी भी राजनीतिक पार्टी का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह आम जनता की रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ा सवाल है। उन्होंने कहा—”यह जनता का आंदोलन है और इसमें सभी को साथ आना चाहिए। आज व्यापारी, किसान, मजदूर, स्कूल संचालक, परिवहन व्यवसायी, वकील और हर वर्ग स्मार्ट मीटर की मनमानी से त्रस्त है।”

जनता में नाराजगी
पंकज धनकड़ ने बताया कि जिले के हर गांव और कस्बे से लोगों ने स्मार्ट मीटर के खिलाफ आवाज उठाई है। उपभोक्ताओं का आरोप है कि इन मीटरों के लगने के बाद बिल कई गुना बढ़ गए हैं और चार्ज हर महीने बिना किसी आधार के बढ़ता जा रहा है। मीटर की खराब तकनीक के कारण उपभोक्ताओं को बिजली गुल होने और रीचार्ज के झंझट का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से बिजली विभाग ने यह मीटर लगाने की प्रक्रिया अपनाई, उसमें पारदर्शिता नहीं थी। लोगों से सहमति लिए बिना, जबरन मीटर लगाए गए। अब आम उपभोक्ता हर महीने महंगे बिजली बिल और प्रीपेड सिस्टम की मार झेल रहा है।
राजनीतिक दल और सामाजिक संगठन भी जुड़े
स्मार्ट मीटर विरोध के इस आंदोलन को अब जनआंदोलन का रूप दिया जा रहा है। कई सामाजिक संगठनों, व्यापारी संघों और राजनीतिक दलों ने भी इसमें भागीदारी का ऐलान किया है। धनकड़ ने कहा—”यह किसी पार्टी का मुद्दा नहीं है, बल्कि जनता का प्रश्न है। इसीलिए हर वर्ग इसमें सहयोग कर रहा है।”

किसान नेताओं का समर्थन
किसान नेता राजेंद्र फौजी ने कहा कि स्मार्ट मीटर किसानों के लिए और भी बड़ा संकट बन गए हैं। पहले ही खेतीहर किसान बिजली कटौती और सिंचाई के संकट से जूझ रहे हैं, ऊपर से स्मार्ट मीटर ने उनकी कमर तोड़ दी है। उन्होंने कहा कि किसान दिन-रात मेहनत करता है, लेकिन अगर बिजली महंगी और अव्यवस्थित मिलेगी तो उत्पादन पर बुरा असर पड़ेगा। इसलिए किसान पूरी तरह इस आंदोलन के साथ हैं।
व्यापारी और परिवहन व्यवसायी भी होंगे साथ
झुंझुनूं के व्यापारी संगठनों ने साफ किया है कि 20 अगस्त को दुकानें बंद रखी जाएंगी। निजी बस ऑपरेटरों ने भी चक्का जाम की जगह बसें खड़ी रखने का निर्णय लिया है। उनका कहना है कि जनता की लड़ाई में वे भी शामिल होंगे। निजी स्कूल प्रबंधन ने भी बंद को समर्थन देते हुए उस दिन संस्थान बंद रखने का फैसला लिया है।
बार यूनियन ने भी किया कार्य बहिष्कार का ऐलान
झुंझुनूं कोर्ट की बार यूनियन ने भी संघर्ष समिति के आंदोलन को समर्थन दिया है। वकीलों ने घोषणा की कि 20 अगस्त को वे न्यायालय में कार्य नहीं करेंगे और पूरी तरह से बंद को समर्थन देंगे। इससे यह साफ है कि आंदोलन अब शहर से लेकर गांव तक व्यापक स्वरूप ले चुका है।