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शहीद सुरेंद्र मोगा को मिला वायु सेना मेडलः राष्ट्रपति ने किया वीरता सम्मान का ऐलान, मां ने कहा- वो मुस्कुराहट के साथ जीने वाला इंसान था


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शहीद सुरेंद्र मोगा को मिला वायु सेना मेडलः राष्ट्रपति ने किया वीरता सम्मान का ऐलान, मां ने कहा- वो मुस्कुराहट के साथ जीने वाला इंसान था

शहीद सुरेंद्र मोगा को मिला वायु सेना मेडलः राष्ट्रपति ने किया वीरता सम्मान का ऐलान, मां ने कहा- वो मुस्कुराहट के साथ जीने वाला इंसान था

झुंझुनू : स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सशस्त्र बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के जांबाज जवानों को वीरता पुरस्कारों (गैलेंट्री अवार्ड्स) से सम्मानित करने की मंजूरी दी। इस सूची में राजस्थान के वीर सपूत, झुंझुनूं जिले के मेहरादासी गांव के शहीद सार्जेंट सुरेंद्र मोगा का नाम भी शामिल है, जिन्हें मरणोपरांत वायु सेना मेडल (गैलेंट्री) से नवाजा गया है। यह सम्मान सार्जेंट सुरेंद्र मोगा की असाधारण बहादुरी, कर्तव्यनिष्ठा और सर्वोच्च बलिदान के प्रति देश की कृतज्ञता का प्रतीक है। वे भारतीय वायु सेना में मेडिकल असिस्टेंट के पद पर तैनात थे और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अदम्य साहस का परिचय दिया। 10 मई, 2025 को जम्मू-कश्मीर के उधमपुर सेक्टर में पाकिस्तान द्वारा किए गए हवाई हमले में सार्जेंट सुरेंद्र मोगा गंभीर रूप से घायल हो गए थे। हमले के दौरान उन्होंने अपने साथियों की जान बचाने और आवश्यक चिकित्सकीय सहायता पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। गंभीर चोटों के बावजूद वे अपने दायित्व पर डटे रहे। अस्पताल में उपचार के दौरान उन्होंने वीरगति प्राप्त की। उनकी शहादत ने न सिर्फ उनके परिवार, बल्कि पूरे झुंझुनूं जिले और राजस्थान को गर्व से भर दिया। यह वही झुंझुनूं है जिसे शौर्य भूमि कहा जाता है, जहां से सैकड़ों जवान देश की रक्षा में हर समय तैनात रहते हैं। शहीद सार्जेंट सुरेंद्र मोगा का पार्थिव शरीर 12 मई 2025 को उनके पैतृक गांव मेहरादासी लाया गया, जहां हजारों लोगों ने उन्हें अश्रुपूर्ण विदाई दी। इस दौरान राजकीय सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि की गई। वायु सेना के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया और फूलों की वर्षा कर उन्हें अंतिम सलामी दी। स्कूल के दिनों में ही उन्होंने सेना में जाने का सपना देखा था, जो उन्होंने 2012 में भारतीय वायु सेना में भर्ती होकर पूरा किया। सुरेंद्र मोगा की माता ने कहा- “हमें बेटे की शहादत पर गर्व है, लेकिन उसकी कमी कभी पूरी नहीं हो सकती। वह हमेशा दूसरों की मदद करने और मुस्कान के साथ जीने वाला इंसान था।” उनकी पत्नी ने भावुक होकर कहा कि “देश के लिए बलिदान ही उसकी सबसे बड़ी पहचान है।” राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा दिए गए इस वीरता सम्मान को पूरे देश ने सलाम किया। वायु सेना मेडल (गैलंट्री) उन चुनिंदा योद्धाओं को दिया जाता है, जिन्होंने असाधारण वीरता और अदम्य साहस का परिचय दिया हो, चाहे वे किसी भी ऑपरेशन में तैनात रहे हों। ऑपरेशन सिंदूर में सार्जेंट सुरेंद्र मोगा की बहादुरी ने यह साबित कर दिया कि भारतीय वायु सेना के जवान सिर्फ युद्धभूमि में ही नहीं, बल्कि हर परिस्थिति में अपने साथियों और देश की सुरक्षा के लिए जान की बाजी लगाने को तैयार रहते हैं।

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