नोबल की छात्रा कीर्तिका का बिना कोचिंग के IIT जबलपुर में चयन
नोबल की छात्रा कीर्तिका का बिना कोचिंग के IIT जबलपुर में चयन

बुहाना : बुहाना के निकटवर्ती गांव भूरिवास की बेटी कीर्तिका ने अपनी कड़ी मेहनत और अटूट लगन से एक ऐसी उपलब्धि हासिल की है जो देश भर के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है। नोबल परिवार की इस होनहार बेटी ने बिना किसी कोचिंग के देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों IIT जबलपुर, IIT अजमेर, BITS पिलानी, वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टीट्यूट में चयन हासिल कर इतिहास रच दिया है। खेती से परिवार का गुजारा करने वाले कीर्तिका के माता-पिता ने आर्थिक तंगी के बावजूद अपनी तीन बेटियों की शिक्षा को प्राथमिकता दी। कीर्तिका की दोनों बहनें भी पढ़ाई में अव्वल हैं और अपने माता-पिता के सपनों को साकार करने का जुनून रखती हैं। कीर्तिका की इस उपलब्धि ने यह साबित कर दिया कि संसाधनों की कमी मेहनत और प्रतिभा के सामने बाधा नहीं बन सकती। JEE मेन और एडवांस्ड जैसी कठिन परीक्षाओं में अपनी मेहनत के दम पर कीर्तिका ने न केवल अपने गांव का नाम रोशनी किया बल्कि ग्रामीण भारत की बेटियों के लिए एक नया आदर्श स्थापित किया। कीर्तिका ने कहा, “मेरे र दी माता-पिता ने मुझे हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। मैं चाहती हूं कि मेरे जैसे अन्य बच्चे भी यह समझें कि मेहनत से कोई भी सपना असंभव नहीं है।” गांव भूरिवास में कीर्तिका की इस उपलब्धि पर उत्सव का माहौल है। उनके स्कूल के शिक्षकों और स्थानीय समुदाय ने इस उपलब्धि को “ग्रामीण भारत की बेटियों की जीत’ करार दिया। नोबल शिक्षण संस्थान स्कूल निदेशक संदीप नेहरा ने गर्व से कहा, “कीर्तिका ने दिखा दिया कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रतिभा की कोई कमी नहीं। उनकी सफलता आने वाली पीढ़ियों के लिए मील का पत्थर साबित होगी। कीर्तिका की यह शानदार सफलता न केवल उनके परिवार और गांव के लिए गौरव का क्षण है, बल्कि यह हर उस बेटी के लिए प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों में भी बड़े सपने देखती है। उनकी कहानी यह संदेश देती है कि दृढ़ संकल्प और मेहनत के बल पर कोई भी मंजिल हासिल की जा सकती है।”