राजस्थान जगुआर क्रैश, रोहतक के पायलट शहीद:एयरफोर्स में स्क्वॉड्रन लीडर थे, 1 माह पहले पिता बने; पत्नी डॉक्टर, पिता-बहन रिटायर
राजस्थान जगुआर क्रैश, रोहतक के पायलट शहीद:एयरफोर्स में स्क्वॉड्रन लीडर थे, 1 माह पहले पिता बने; पत्नी डॉक्टर, पिता-बहन रिटायर

रोहतक : राजस्थान के चुरू में बुधवार को भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट क्रैश में शहीद हुए पायलट हरियाणा के रोहतक के रहने वाले लोकेंद्र सिंह सिंधु (32) थे। वह रोहतक में देव कॉलोनी के रहने वाले थे। हादसे की सूचना मिलने के बाद उनका परिवार सदमे में है। घर में मातम पसरा हुआ है। शहीद पायलट लोकेंद्र के पिता जोगेंद्र सिंधु महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी (MDU) के रिटायर्ड सुपरिटेंडेंट हैं। वहीं, लोकेंद्र की पत्नी सुरभि सिंधु डॉक्टर हैं। पिता जोगेंद्र ने बताया है कि बेटे की पत्नी का भाई भी एयरफोर्स में ही सूरतगढ़ में तैनात है। उसने ही सुरभि को लोकेंद्र के शहीद होने की जानकारी दी।
परिवार के मुताबिक, लोकेंद्र साल 2011 में भारतीय वायुसेना में बतौर पायलेट भर्ती हुए थे। मौजूदा समय में वह स्क्वॉड्रन लीडर थे। एक माह पहले ही उनके यहां बेटे का जन्म हुआ था। शहीद का पार्थिव शरीर आज रोहतक पहुंचेगा, जिसका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।

हादसे से पहले शेयर की बेटे की फोटो
बड़े भाई ज्ञानेंद्र ने बताया कि लोकेंद्र बुधवार सुबह जगुआर एयरक्राफ्ट पर ट्रेनिंग के लिए निकले थे। इससे पहले उन्होंने सुबह 10 बजे पिता को फोन किया। उन्होंने फैमिली वॉट्सऐप ग्रुप में अपने बेटे के फोटो भी शेयर किए। उन्होंने अपने बेटे का चेहरा देखने की इच्छा जाहिर की थी। भाई का कहना है कि 10 जून को ही लोकेंद्र के बेटे का जन्म हुआ था। 30 जून को लोकेंद्र ड्यूटी पर लौटे थे। लोकेंद्र और उनकी बहन अंशी एक ही पद पर तैनात थे, लेकिन बहन रिटायर हो चुकी हैं। जीजा अब भी विंग कमांडर हैं।
देश की सेवा के लिए जॉइन की थी वायुसेना
शहीद के पिता जोगेंद्र सिंधु का कहना है कि लोकेंद्र हमेशा कहता था कि वह उड़ने के लिए पैदा हुआ है। अपनी इसी बात और देश की सेवा करने के लिए उसने वायुसेना जॉइन की। लोकेंद्र कहता था कि जीवन में रोमांच होना चाहिए जो केवल एयरफोर्स में ही मिल सकता है। वह कहता था कि आसमान को छूना है और आसमान छूने के लिए एयरफोर्स से बढ़कर कोई दूसरा विकल्प नहीं है।
लोकेंद्र के पिता जोगेंद्र सिंधु एमडीयू से रिटायर्ड
लोकेंद्र सिंधु के पिता जोगिंदर सिंधु एमडीयू से 2023 में अधीक्षक के पद से रिटायर हुए हैं। बेटा लोकेंद्र भी एमडीयू कैंपस स्कूल में ही 12वीं कक्षा तक पढ़े। इसके बाद उसने एयरफोर्स जॉइन कर ली थी। लोकेंद्र की पहली पोस्टिंग कर्नाटक के बीदर में हुई थी। इसके बाद वह पश्चिम बंगाल में रहे। पश्चिम बंगाल से राजस्थान के सूरतगढ़ में तैनात हुए थे।

सूरतगढ़ से उड़ा था ट्रेनी जगुआर जेट
सेना के सूत्रों के मुताबिक यह जगुआर फाइटर जेट श्रीगंगानगर के पास सूरतगढ़ एयरबेस से उड़ा था। यह जेट टू सीटर था, ट्रेनिंग के लिए इसका उपयोग किया जाता है। बुधवार (9 जुलाई) को दोपहर 12 बजकर 40 मिनट पर चुरू में यह क्रैश हुआ, जिसमें पायलट और को-पायलट शहीद हो गए थे। चूरू एसपी जय यादव ने बताया कि मलबे के पास से बुरी तरह क्षत-विक्षत शव के टुकड़े मिले। बताया जा रहा है कि हादसे से पहले तकनीकी कारणों से पायलट इजेक्ट नहीं कर पाए। भारतीय वायुसेना ने दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी गठित की है।
लोगों ने सुनी जोरदार धमाके की आवाज
स्थानीय लोगों के मुताबिक, उन्होंने पहले विमान की गड़गड़ाहट सुनी, फिर जोरदार धमाके की आवाज आई। इसके बाद प्रशासन को घटना की जानकारी दी गई। अधिकारियों ने बताया कि जांच पूरी होने के बाद ही विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी। घटनास्थल पर सेना का एक हेलिकॉप्टर भी पहुंचा। इस हेलिकॉप्टर को सड़क पर लैंड कराया गया।
गिरते ही जेट के टुकड़े हो गए
हादसे के चश्मदीद प्रेम सिंह ने बताया कि विमान ने अपना नियंत्रण खो दिया था। जमीन पर गिरते ही विमान के छोटे-छोटे टुकड़े हो गए और उसमें आग लग गई। जहां विमान गिरा, वहां गड्ढा हो गया। पेड़ भी जल गए।
पायलट ने गांव को बचाने की पूरी कोशिश की
वहीं, प्रत्यक्षदर्शी राजदीप ने बताया कि हादसे के वक्त वह अपने खेत में बैठा था। उसी समय उसने धुएं का एक गुबार देखा। राजदीप ने कहा- मैं तुरंत मौके पर पहुंचा और वहां पायलट के शरीर के हिस्से बिखरे हुए मिले। दोनों पायलट ने किसी भी नागरिक को क्षति से बचाने की पूरी कोशिश की। घटनास्थल से एक डायरी भी मिली, जिसे एसएचओ को सौंप दिया।