
जनमानस शेखावाटी संवाददाता : मोहम्मद अली पठान
चूरू (तारानगर) : घातक बीमारियों को पैदा करने की क्षमता रखने वाला बायोमेडिकल वेस्ट तारानगर तहसील के सबसे बड़े अस्पताल के अंदर खुले में पड़ा है इस वेस्ट का निस्तारण तकनीकी रूप से किया जाना होता है । वही विनोद पिलानीया ने बताया कि हम अस्पताल प्रशासन को अनेक बार सूचित कर चुके हैं, अस्पताल में खुले मे पड़ा जैविक कचरा नई बीमारी को न्योता दे रहा, बायो मेडिकल वेस्ट कि पहचान के लिए आवश्यक लाल रंग, पीला, काला रंग का पोलीथीन तक नहीं है।
बायोमेट्रिक वेस्ट कि इस घटना को लेकर यूथ फॉर स्वराज संगठन के राजेश चौधरी ने बताया कि झुंझुनूं जिले में बड़ा बायोमेडिकल बेस्ट प्लांट लगाना प्रस्तावित था लेकिन जन विरोध के कारण वह प्लांट आज तक नहीं लग पाया और इंस्ट्रोमैटिक इंडिया नामक कंपनी द्वारा चुरु झुंझुनूं सीकर का बायोमेडिकल वेस्ट उठाया जाता है जो की नियम विरुद्ध जयपुर स्थित प्लांट में ले जाया जा रहा है जबकि नियम कहते हैं कि अधिकतम 150 किलोमीटर और न्यूनतम 75 किलोमीटर दूरी की रेंज में बायोमेडिकल वेस्ट प्लांट होना चाहिए और वही कचरे का वैज्ञानिक रूप से निस्तारण होना चाहिए जबकि ऐसा नहीं हो रहा है खुले में पड़े बायोमेडिकल वेस्ट से अनेक संक्रामक रोग जनित होते हैं तथा नए वायरस उत्पन्न होते हैं जिसके कारण कोरोना जैसी महामारी या अन्य महामारियों को भी हम न्योता दे रहे हैं।कंपनी को राजकीय अस्पताल हर महीने भुगतान कर रहे हैं यह सारा का सारा मामला भ्रष्टाचार को दर्शाता है।