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भीमसर के डॉ. जुल्फिकार करेंगे माॅरिशस में स्वामी विवेकानंद पर शोध


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भीमसर के डॉ. जुल्फिकार करेंगे माॅरिशस में स्वामी विवेकानंद पर शोध

रामकृष्ण मिशन खेतड़ी ने दी माॅरिशस में अनुमति

खेतड़ी : स्वामी विवेकानंद के चिंतन और रामकृष्ण मिशन पर वर्षों से देश-विदेश में शोध कार्य कर रहे भीमसर निवासी डॉ. जुल्फिकार अब माॅरिशस में विवेकानंद पर शोध करेंगे। उन्हें रामकृष्ण मिशन खेतड़ी द्वारा माॅरिशस की वाकोस रामकृष्ण मिशन संस्था में अनुसंधान कार्य के लिए स्वीकृति प्रदान की गई है।

माॅरिशस मिशन की गतिविधियों पर होगा शोध‌ :
डॉ. जुल्फिकार इस शोध कार्य में माॅरिशस के वाकोस रामकृष्ण मिशन संस्था की स्थापना 1941 से लेकर वर्तमान समय तक का सांगठनिक ढांचा, मिशन द्वारा किये जा रहे शैक्षणिक कार्य, चिकित्सा सम्बन्धी, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक गतिविधियों के साथ-साथ अन्य गतिविधियों का सूक्ष्म अध्ययन करेंगे। साथ ही स्वामी विवेकानंद के जीवन से सम्बन्धित कई अनछुए पहलुओं को उजागर करेंगे।

पुस्तकों और शोध में समर्पित जीवन :
इससे पहले भी डॉ. जुल्फिकार बांग्लादेश, श्रीलंका में स्थित रामकृष्ण मठ – मिशन संस्थाओं पर शोध कार्य कर चुके हैं। वे अब तक विश्व के 274 रामकृष्ण मठ – मिशन संस्थाओं में से 52 रामकृष्ण मठ-मिशन संस्थाओं की यात्राएं भी कर चुके हैं । अभी वर्तमान ही में डॉ. जुल्फिकार विवेकानंद अध्ययन व अनुसंधान के क्षेत्र में राष्ट्रीय – अन्तर्राष्ट्रीय शोध पत्र, संगोष्ठियों और शोध प्रोजेक्टों पर कार्य कर रहे हैं।

लिख चुके ये महत्वपूर्ण पुस्तकें :
1. स्वामी विवेकानंद चिंतन एवं रामकृष्ण मिशन खेतड़ी
2. स्वामी विवेकानंद और राजस्थान की कुछ प्रेरक घटनाएं
3. रामकृष्ण मिशन बांग्लादेश (ढाका) का अध्ययन
4. रामकृष्ण मठ एवं रामकृष्ण मिशन

खेतड़ी मिशन से प्रेरणा :
डॉ. जुल्फिकार ने बताया, मेरे पिता जाफर हुसैन खेतड़ी काॅपर काम्प्लेक्स कोलिहान नगर में कार्य करते थे। मैं भी वहीं रहता था। पास में ही रामकृष्ण मिशन है। विवेकानंद खेतड़ी तीन बार आए और 109 दिन यहां रहे तब मिशन व विवेकानंद के बारे में जानने की इच्छा हुई। फिर वहां जाने लगा और स्वामी विवेकानंद के बारे में गहन अध्ययन किया और इसी में रम गया। यह संस्था अन्तर्राष्ट्रीय एकता व मानव सेवा के लिए संचालित है जिसका लक्ष्य विवेकानंद के विचारों को जनुलभ बनाना हैं।

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