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वायुसेना के सार्जेंट प्रकाश जांगिड़ का ड्यूटी के दौरान निधन, सैन्य सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार


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वायुसेना के सार्जेंट प्रकाश जांगिड़ का ड्यूटी के दौरान निधन, सैन्य सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

वायुसेना के सार्जेंट प्रकाश जांगिड़ का ड्यूटी के दौरान निधन, सैन्य सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : रविन्द्र पारीक

बिरोल (नवलगढ़) : भारतीय वायुसेना के सार्जेंट प्रकाश जांगिड़ का शनिवार को ड्यूटी के दौरान अचानक तबीयत बिगड़ने से हार्ट अटैक के चलते निधन हो गया। 38 वर्षीय प्रकाश जांगिड़ वायुसेना के 7 विंग, अंबाला एयरबेस पर तैनात थे। वे नवलगढ़ तहसील के बिरोल गांव के निवासी थे।

प्रकाश जांगिड़ पिछले एक महीने से बीमार चल रहे थे और उनका इलाज चंडीगढ़ में चल रहा था। ड्यूटी पर तैनाती के दौरान उनकी तबीयत अचानक खराब हुई, जिसके बाद उन्हें तुरंत अंबाला एयरफोर्स अस्पताल ले जाया गया। हालत गंभीर होने पर उन्हें चंडीगढ़ रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली।

सैन्य सम्मान के साथ दी अंतिम विदाई

रविवार सुबह करीब 9 बजे सार्जेंट जांगिड़ का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव बिरोल पहुंचा, जहां गांववासियों और प्रशासन ने उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। दोपहर 12:30 बजे उनका अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ किया गया। उनके बड़े बेटे नितिन (14 वर्ष) ने उन्हें मुखाग्नि दी।

तिरंगा यात्रा

शहीद के सम्मान में झाझड़ रोड से लेकर बिरोल गांव तक करीब 4 किलोमीटर लंबी तिरंगा यात्रा निकाली गई। गांववासियों, युवाओं, पूर्व सैनिकों और स्कूली बच्चों ने हाथों में तिरंगा लेकर शहीद को अंतिम विदाई दी।

अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब

सार्जेंट प्रकाश जांगिड़ की अंतिम यात्रा में भारी जनसैलाब उमड़ा। नवलगढ़ विधायक विक्रम सिंह जाखल, पूर्व विधायक डॉ. राजकुमार शर्मा, प्रधान दिनेश सूंडा, नरेंद्र कढवाल, प्रताप पूनिया, पूर्व सैनिक रामलाल साखणीयां, हर्षित, लोकेश जांगिड़, कैलाश जांगिड़ सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण, प्रशासनिक अधिकारी व पूर्व सैनिक शामिल हुए।

16 वर्षों की सेवा, परिवार में शोक की लहर

प्रकाश जांगिड़ ने 16 वर्ष पूर्व भारतीय वायुसेना में टेक्निकल ट्रेड से सेवा शुरू की थी। उनके निधन से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है। वे अपने पीछे पत्नी सुशीला, बेटे नितिन और भ्रावेश तथा बेटी लक्षिता को छोड़ गए हैं। बिरोल गांव ने एक वीर सपूत खोया है, जिसकी सेवा और समर्पण को सदैव याद रखा जाएगा।

देखे तशवीरे : 

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