बिजली कर्मचारियों का निजीकरण के खिलाफ विरोध:राजस्थान में HAM मॉडल और ग्रिड निजीकरण से सुरक्षा को खतरा, सीएम को भेजा ज्ञापन
बिजली कर्मचारियों का निजीकरण के खिलाफ विरोध:राजस्थान में HAM मॉडल और ग्रिड निजीकरण से सुरक्षा को खतरा, सीएम को भेजा ज्ञापन

नीमकाथाना : राजस्थान विद्युत संयुक्त कर्मचारी संघ ने बिजली विभाग के निजीकरण का विरोध किया है। संघ ने नीमकाथाना में तहसीलदार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। कर्मचारी संघ ने बताया कि तीनों डिस्कॉम में अधिकतर काम पहले से ही आउटसोर्स, एफआरटी और ठेके पर हो रहे हैं। अब HAM मॉडल के तहत 33/11 केवी ग्रिड के फीडर का निजीकरण किया जा रहा है। यह ग्रिड सेफ्टी कोड का उल्लंघन है। इससे राज्य की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
प्रसारण निगम लाभ कमाने वाला संस्थान है। फिर भी इसके ग्रिड का संचालन क्लस्टर के माध्यम से ठेके पर दिया जा रहा है। कई कंपनियां पहले ही क्लस्टर छोड़कर जा चुकी हैं। अब इनविट के जरिए 765 केवी और 400 केवी ग्रिड सब-स्टेशन की आय को निजी भागीदारों के साथ बांटने की तैयारी है।
उत्पादन निगम के कम लागत वाले तापीय विद्युत गृह राज्य को आत्मनिर्भर बना रहे हैं। लेकिन इन्हें केंद्रीय सार्वजनिक निगमों के साथ संयुक्त उपक्रम बनाकर हस्तांतरित करने की योजना है। कर्मचारी संघ का कहना है कि राज्य सरकार बिना किसी कारण अपना नियंत्रण छोड़कर जनता और कर्मचारियों के हितों के साथ विश्वासघात कर रही है।