अलविदा माहे रमजान : आखिरी जुमा की नमाज अदा, नम आंखों से विदा किया मुकद्दस महीना
अलविदा माहे रमजान : आखिरी जुमा की नमाज अदा, नम आंखों से विदा किया मुकद्दस महीना

बाली/पाली : माहे रमजान का पवित्र महीना अपने आखिरी पड़ाव पर पहुंच गया, और इसी के साथ बाली में हजारों की तादाद में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जुम्मे की आखिरी नमाज अदा कर इस पाक महीने को नम आंखों से विदाई दी।
नमाज से पहले सैयद इमरान अली ने नाते पाक का तराना पेश किया, जिससे माहौल भावुक और इबादत से सराबोर हो गया। इसके बाद जामा मस्जिद बाली के पेश इमाम मौलाना निजामुद्दीन अकबरी ने बेहद भावुक अंदाज में “अलविदा माहे रमजान” पढ़ा। जैसे ही उन्होंने ये अल्फाज कहे- “जिंदगी रही तो अगले साल देखेंगे तुझे, ना रही तो अलविदा ऐ माहे रमजान, अलविदा”- तो वहां मौजूद हजारों रोजेदारों की आंखें छलक उठीं।
अमन और भाईचारे की दुआ
इसके बाद मौलाना निजामुद्दीन अकबरी ने जुमा का खुतबा सुनाया और नमाज अदा कराई। खुतबे में उन्होंने रमजान की अहमियत पर रोशनी डालते हुए कहा कि यह महीना अल्लाह की रहमत और बरकत से भरा होता है, और इसकी हर रात और हर दिन खास होता है।
उन्होंने हिंदुस्तान की तारीफ करते हुए कहा कि यह एक पवित्र देश है, जहां हर धर्म के लोग मिलकर भाईचारे और मोहब्बत का पैगाम देते हैं। आखिर में, उन्होंने देश में अमन, चैन और खुशहाली के लिए खास दुआ मांगी।
इस मौके पर मौजूद तमाम रोजेदारों ने एक-दूसरे को गले लगाकर रमजान के आखिरी जुमा की मुबारकबाद दी और इस पाक महीने की रुखसती पर अफसोस जाहिर किया।