शेखावाटी यूनिवर्सिटी में पुलिस ने छात्रों को लात-घूंसों से पीटा:कैलाशानंद गिरि के आने पर हंगामा; आश्रम में रह चुकी हैं एपल के को-फाउंडर की पत्नी
शेखावाटी यूनिवर्सिटी में पुलिस ने छात्रों को लात-घूंसों से पीटा:कैलाशानंद गिरि के आने पर हंगामा; आश्रम में रह चुकी हैं एपल के को-फाउंडर की पत्नी

सीकर : सीकर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी यूनिवर्सिटी के 5वें दीक्षांत समारोह में शुक्रवार को छात्रों ने जमकर हंगामा किया। मुख्य अतिथि महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के मंच पर आते ही छात्रों ने नारेबाजी शुरू कर दी। पुलिस ने पहले विरोध कर रहे छात्रों को शांत करने का प्रयास किया, लेकिन जब छात्र नहीं माने तो पुलिसकर्मियों ने उनके बाल पकड़कर लात-घूंसों से पिटाई की।
समारोह में राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े भी महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के साथ मौजूद थे। छात्र संगठन SFI का आरोप है कि विश्वविद्यालय के कुलपति आरएसएस का एजेंडा स्थापित करने के लिए संघ से जुड़े लोगों को न केवल बुला रहे हैं, बल्कि उन्हें सम्मानित भी कर रहे हैं।
कैलाशानंद गिरि के आश्रम में एपल के दिवंगत सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल ने महाकुंभ के दौरान कल्पवास किया था। स्वामी कैलाशानंद गिरि ने कहा था- एपल की मालकिन की पत्नी लॉरेन पॉवेल ने मुझसे दीक्षा ली और अपना नाम कमला रखा।
छात्रों के विरोध और मारपीट की 3 तस्वीरें…



अब सिलसिलेवार ढंग से पढ़िए पूरा विवाद…
शिक्षाविदों और राज्यपाल को बुलाते थे, इस बार परंपरा तोड़ी
SFI के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष जाखड़ ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा- पिछले चारों दीक्षांत समारोहों में एक परंपरा रही है। इसमें केवल शिक्षाविदों और राज्यपाल को ही मुख्य अतिथि बनाया जाता था। लेकिन इस बार विश्वविद्यालय के कुलपति ने इस परंपरा को तोड़ते हुए आरएसएस का एजेंडा स्थापित करने के लिए संघ से जुड़े लोगों को बुलाया है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बनाना कहां तक उचित
छात्र संगठन ने मुख्य अतिथि महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि की योग्यता पर कई सवाल खड़े किए। उन्होंने तर्क दिया कि जो व्यक्ति सांसारिक जीवन त्याग चुका हो और जिसका जीवन अब केवल ध्यान और अध्यात्म तक सीमित हो, उसे शैक्षिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बनाना कहां तक उचित है। छात्र नेताओं ने यह भी पूछा कि कैलाशानंद गिरि का शिक्षा और समाज में क्या विशेष योगदान रहा है और आखिर किन मापदंडों के आधार पर उन्हें मुख्य अतिथि चुना गया है।
हिरासत में लिए गए छात्र नेताओं की रिहाई की मांग
दीक्षांत समारोह में विरोध प्रदर्शन के दौरान एसएफआई के चार प्रमुख छात्र नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए गए नेताओं में राजू बिजारणीया, महिपाल पूनिया, देवराज हुड्डा और विवेक बेनीवाल शामिल हैं। छात्र संगठन ने इन सभी की तत्काल रिहाई की मांग की है।
छात्र संगठन ने दी थी विरोध की चेतावनी
छात्र संगठन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) ने एक दिन पहले ही महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि को मुख्य अतिथि बनाए जाने का विरोध किया था। विरोध के दौरान छात्रों ने यूनिवर्सिटी परिसर में आरएसएस का पुतला भी फूंका था। छात्र नेताओं ने चेतावनी दे दी थी कि महामंडलेश्वर के आने पर विरोध किया जाएगा।
विरोध के बावजूद गुरुवार को आयोजित दीक्षांत समारोह में राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े के साथ निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि मुख्य अतिथि के रूप में आए। इस पर छात्रों ने विरोध जताया।

मंच पर मिला स्वर्ण पदक नीचे उतरते ही छीना
बबीता बाजिया ने बताया- मास्टर ऑफ़ आर्ट्स योग 2024 की छात्रा हूं। दीक्षांत समारोह में मुझे स्वर्ण पदक मिला था। राज्यपाल, महामंडलेश्वर और कुलपति ने मंच पर मुझे मेडल दिया, लेकिन वह किसी दूसरे का था। मंच से नीचे आते ही मुझसे वह वापस ले लिया गया। मुझे कहा गया कि मेरा मेडल और सर्टिफिकेट तैयार ही नहीं किया गया है।