रमजान का महीना इबादत का पाक महीना है। – शमशाद खान क्रिकेटर (शाहरजहां टीम दुबई)
रमजान का महीना इबादत का पाक महीना है। - शमशाद खान क्रिकेटर (शाहरजहां टीम दुबई)

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : मोहम्मद अली पठान
चूरू : जिला मुख्यालय स्थित अगुणा मोहल्ला से क्रिकेटर शमशाद खान (शाहरजहां टीम दुबई )ने बताया कि माहे रमज़ान में हमें कई नेक काम करने चाहिए, जो इस महीने की बरकतों को बढ़ाते हैं। यहां कुछ अहम कामों की जानकारी देते हुए कहा : रोज़ा रखनाः यह रमज़ान का सबसे अहम फ़र्ज़ है। हमें सुबह से शाम तक खाना-पीना छोड़कर अल्लाह की इबादत करनी चाहिए। तरावीह की नमाज़ः यह रमज़ान में पढ़ी जाने वाली खास नमाज़ है, जिसमें कुरान शरीफ़ की तिलावत की जाती है। कुरान पढ़नाः रमज़ान कुरान के नाज़िल होने का महीना है, इसलिए हमें ज़्यादा से ज़्यादा कुरान पढ़ना चाहिए। ज़कात और सदक़ाः ज़रूरतमंदों की मदद करना बहुत ज़रूरी है। हमें ज़कात और सदक़ा देकर गरीबों का सहारा बनना चाहिए। दुआएं करनाः रमज़ान में दुआएं कुबूल होती हैं, इसलिए हमें ज़्यादा से ज़्यादा दुआएं करनी चाहिए। अच्छे काम करनाः हमें झूठ, बुराई, और हर तरह के गुनाहों से बचना चाहिए और अच्छे काम करने चाहिए। इफ्तार और सहरीः इफ्तार और सहरी वक्त पर करना चाहिए। और दुसरो को भी इफ्तार कराना चाहिए। एतकाफः रमज़ान के आखिरी दस दिनों में एतकाफ करना सुन्नत है। इन कामों के अलावा, हमें अपने गुस्से पर काबू रखना चाहिए, दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए और हर तरह के बुरे का से बचना चाहिए। रोजा सिर्फ भूख और प्यास से बचना चाहिए। रोजा सिर्फ भूख और प्यास का नाम नहीं है रोजा पूरे शरीर का होता है। आंख-नाक-कान-जुबान हाथ-पैर-शरीर के हर अंग का रोज होता है। बुरी चीज को नहीं देखना। बुराई को नहीं सुनना । जुबान से किसी को बुरा या झूठ नहीं कहना। गलत रास्ते पर नहीं जाना । गलत काम नहीं करना। किसी को आपकी वजह से तकलीफ पहुंचे ऐसा कोई भी काम नहीं करना। रोज़ा एक ऐसी इबादत है जो बुराई को छोड़कर भलाई कि ओर ले जाती है। रमजान का पाक महीना दुनियाभर के मुसलमानों के लिए खास है। इस्लाम के प्रवर्तक हजरत मुहम्मद साहब थे। ऐसी मान्यता है कि इसी महीने में मुहम्मद साहब को कुरान की आयतें मिली थीं। मुसलमान हजरत मोहम्मद साहब की बातों को फॉलो करते हैं, जो उन्हें एक बेहतर इंसान बनने में मदद करता है। उन्होंने समय-समय पर ऐसी बातें कही जो इंसान और पूरी मानवता के लिए आदर्श बन गई हैं। इस साल रमजान का महीना 28 फरवरी से शुरू होकर 29 मार्च तक मनाया जाएगा। पूरे महीने मुस्लिम संप्रदाय के लोग रोजा रखेंगे और खुदा की इबादत करेंगे। ऐसे में उन्हें इस पाक महीने में हजरत मोहम्मद साहब की हदीस तो जरूर पढ़नी चाहिए। 10 खास हदीस हैं-1) जो लोग दूसरों पर दया नहीं करते हैं, अल्लाह उन पर दया नहीं करता है। 2) ईश्वर पवित्र है और वह किसी भी चीज को स्वीकार नहीं करता जब तक कि यह पवित्र न हो 3) अच्छे कर्मों का साधन बनना अच्छे कर्म करने वालों के समान है 4) जो लोग अल्लाह पर विश्वास करते हैं, उन्हें दयालू होना चाहिए 5) सबसे बड़े पापो में से एक है किसी को गाली देना या कोसना 6) बुद्धि और ज्ञान जहाँ मिले उसे ले लें 7) अपने बच्चों को अच्छा संस्कार देने से बेहतर कोई उपहार नहीं है 8) धर्म बहुत आसान है इसे बोझ न बनाए 9) अच्छे कमों का साधन बनना, अच्छे कर्म करने वालों के समान है 10) कार्यों का मूल्यांकन उनके पीछे के इरादे से किया जाता है।