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विरोध-प्रदर्शन:पहली बार राज्य वृक्ष खेजड़ी को बचाने के लिए बाड़मेर बंद सफल, जुलूस निकाल कर प्रदर्शन


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विरोध-प्रदर्शन:पहली बार राज्य वृक्ष खेजड़ी को बचाने के लिए बाड़मेर बंद सफल, जुलूस निकाल कर प्रदर्शन

विरोध-प्रदर्शन:पहली बार राज्य वृक्ष खेजड़ी को बचाने के लिए बाड़मेर बंद सफल, जुलूस निकाल कर प्रदर्शन

बाड़मेर : पश्चिमी राजस्थान में सोलर कंपनियों की ओर से काटे जा रहे राज्य वृक्ष खेजड़ी के विराेध में सोमवार काे बाड़मेर जिला मुख्यालय पर विरोध-प्रदर्शन स्वरुप बाड़मेर शहर ने बंद का समर्थन किया। यह पहली बार है कि व्यापारियों ने पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए पहल करते हुए स्वेच्छा से अपने प्रतिष्ठान बंद रखे और बंद को सफल बनाया। सुबह 9 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे तक शहर में दुकानें बंद रही। गली-मोहल्लों में कुछ जगह छुटपुट दुकानें खुली देखने को मिली, बाकी मुख्य बाजार बंद रहा।

अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा, जंभेश्वर पर्यावरण संघर्ष समिति एवं समस्त बिश्नोई समाज और सर्व समाज के प्रकृति प्रेमियों द्वारा बाड़मेर मुख्यालय पर प्रकृति बचाओ आंदोलन के तहत सोमवार को बाड़मेर बंद रहा। बाड़मेर में पहली बार पर्यावरण को सुरक्षित रखने और पेड़ों को बचाने के लिए लोग सड़कों पर उतरे। सिर पर स्लोगन लिखी हुई टोपी, हाथों में बैनर के साथ शहर में जुलूस निकाल कर आमजन को पर्यावरण के प्रति जागरूक होने का संदेश दिया। इस दौरान चौहटन चौराहे से शांतिपूर्वक रैली निकाली गई। हाथों में बैनर, सिर पर खेजड़ी वृक्ष और स्लोगन लिखे स्टीकर की टोपी लगाकर चले।

पर्यावरण के लिए बाड़मेर 5वां जिला बंद

पेड़ों की अंधाधुंध कटाई रोकने और खेजड़ी के वृक्ष को नहीं काटने के लिए अब तक प्रदेश के 5 जिलों में बंद रखा गया। इनमें 26 दिसंबर 2024 को बीकानेर, 19 जनवरी 2025 को जोधपुर, 29 जनवरी को सांचौर बंद रहा। इसके बाद अब बाड़मेर बंद रहा है।

कंपनियां कर रही पेड़ों की कटाई

जंभेश्वर पर्यावरण एवं जीव रक्षा संस्था राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष रामरतन सिगड़ ने कहा कि ट्री प्रोटेक्शन एक्ट राजस्थान के नाम से कठोर कानून बनाकर राज्य वृक्ष खेजड़ी की कटाई पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाया जाए। बीकानेर जिले की कोलायत तहसील की रोड़ी गांव में 18 जुलाई 2024 को पर्यावरण प्रेमियों का अनिश्चितकालीन धरना चल रहा है। पर्यावरण प्रेमी लोगों की सीएम भजनलाल से भी मुलाकात हुई थी और खेजड़ी के पेड़ को नहीं काटने की मांग की गई।

ये प्रमुख मांगे

  • खेजड़ी काटने के बदले न्यूनतम जुर्माना 2 लाख रुपए प्रति खेजड़ी किया जाए। और 3 साल की सजा का प्रावधान हो।
  • राजस्थान ट्री प्रोटेक्शन एक्ट बनाया जाए, ताकि पेड़ों की अंधाधुंध कटाई पर रोक लगे।
  • सोलर प्लांट के लिए पेड़ों की कटाई नहीं हो और खेजड़ी को छोड़ कर ऐसी बंजर जमीन पर प्लांट लगाए, जहां फसल नहीं होती है।
  • हजारों बीघा जमीन पर सोलर पार्क स्थापित करने की बजाय घरों, मकानों की छतों पर प्लेट लगाए और अनुदान बढ़ाकर नियमों को सरल किया जाए।
  • तालाब, नाडी और राजमार्ग के किनारों पर खेजड़ी का पेड़ अधिकाधिक संख्या में लगाए जाए।

विधानसभा घेराव की दी चेतावनी

कलेक्ट्रेट के बाहर धरने को संबोधित करते हुए भजनलाल विश्नोई ने कहा कि बीकानेर में अंधाधुंध खेजड़ियों की कटाई सोलर प्लांट के लिए हुई है। वहां पर 218 दिन से धरना चल रहा है। सरकार समय रहते नहीं चेती तो राजस्थान के लोगों को विधानसभा का घेराव करना पड़ेगा। अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के सचिव गंगाराम सियाग ने कहा कि गत लम्बे समय से राजस्थान राज्य वृक्ष खेजड़ी सहित लाखों पेड़ पूरे राजस्थान में काटे जा रहे हैं जिस पर पूर्णतया रोक लगे । सेवानिवृत प्रो. डॉ. पांचाराम चौधरी, धोरीमना प्रधान इंदू बाला बिश्नोई, बिश्नोई छात्रावास के संचालक प्रकाश खिलेरी, जंभेश्वर सेवा संस्थान चौहटन के सचिव जगदीश ढाका, एडवोकेट राजेश मांजू, केसरीमल खिलेरी ने विचार रखें।

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