पूर्व कैबिनेट मंत्री बोले- सीकर में भरतपुर से ज्यादा इन्फ्रास्ट्रक्चर:कहा- सीएम जनता के नहीं केवल बीजेपी के, जिले और संभाग खत्म करने का फैसला द्वेषता से लिया
पूर्व कैबिनेट मंत्री बोले- सीकर में भरतपुर से ज्यादा इन्फ्रास्ट्रक्चर:कहा- सीएम जनता के नहीं केवल बीजेपी के, जिले और संभाग खत्म करने का फैसला द्वेषता से लिया

सीकर : सीकर संभाग व नीमकाथाना को जिला बहाल करने की मांग को लेकर वकीलों का कार्मिक अनशन व धरना-प्रदर्शन 12वें दिन बुधवार को भी जारी है। धरने का समर्थन करने के लिए आज सीकर विधायक व पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र पारीक पहुंचे। विधायक राजेंद्र पारीक ने कहा- सीकर का इंफ्रास्ट्रक्चर भरतपुर से कहीं ज्यादा है। सीकर देश की एजुकेशन सिटी है और यहां पर सारी सुविधाएं हैं। यहां लॉयन ऑर्डर और प्रशासनिक व्यवस्था भी मजबूत है। सरकार ने जिले और संभाग खत्म करने का फैसला आबादी या कमियों के आधार पर नहीं लिया। यह निर्णय अविवेकतापूर्ण और राजनीतिक द्वेषता के कारणों से लिया गया निर्णय है।

विधायक ने कहा- मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा खुद को बीजेपी का मुख्यमंत्री मान रहे हैं। खुद को जनता का मुख्यमंत्री नहीं मान रहे हैं। जिले और संभाग हटाने का निर्णय विधानसभा के सदन पटल पर नहीं हुआ। अगर सरकार को थोड़ी भी गरज होती तो संभाग व जिले हटाने का मुद्दा विधानसभा में लेकर आते।
सरकार सदन में बताती कि जिले और संभाग बनाने के आदेश में यह कमियां हैं और हम इसे निरस्त कर रहे हैं। सरकार ने ऐसा नहीं किया क्योंकि अगर सरकार ऐसा करती तो वह खतरे में पड़ जाती और सरकार के सारे विधायक सरकार के खिलाफ खड़े हो जाते। विधायक ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि हम इसे लेकर बड़ा आंदोलन करेंगे। अगर हमें अनशन पर बैठना पड़े तो हम बैठ जाएंगे।

बार संघ के अध्यक्ष भागीरथमल जाखड़ ने बताया- सीकर को संभाग व नीमकाथाना को जिला रद्द करने के बाद पूरे शेखावाटी में आक्रोश है। जिला कोर्ट के बाहर रोजाना पांच-पांच क्रमिक अनशन पर बैठकर धरना दे रहे हैं। कार्मिक अनशन और धरने का आज 12वां दिन है। वकीलों द्वारा महीने की 1 व 16 तारीख को वर्क सस्पेंड रखा जा रहा है।