वेंकटेश दिव्य कथा का द्वितीय दिवस
वेंकटेश दिव्य कथा का द्वितीय दिवस

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : रविंद्र पारीक
नवलगढ़ : नवलगढ़ स्थित निकट वृत्तीय धार्मिक तीर्थ स्थल लोहार्गल धाम में चल रही तीन दिवसीय वेंकटेश दिव्य कथा के द्वितीय दिवस पर भव्य आयोजन हुआ। वेंकटेश पीठ के पीठाधीश्वर स्वामी अश्विनी आचार्य के सानिध्य में कथा आयोजित की जा रही है। व्यास पीठ पर विराजमान होकर पंडित रवि कुमार शास्त्री बुगाला वाले ने भक्तों को भगवान वेंकटेश की तिरुमला तिरुपति की महिमा, भू देवी और श्री देवी के मिलन तथा रामानुज स्वामी द्वारा भगवान वेंकटेश को दीक्षित करने का चरित्र रसास्वादन कराया।
इस दिव्य संगीतमय कथा में अमन पाराशर ने अपने भजनों से माहौल को और भी भक्तिमय बना दिया। उन्होंने वेंकटेश बालाजी के भजनों पर भक्तों को खूब रीझाया और वातावरण में श्रद्धा का संचार किया। कथा के प्रारंभ में व्यास पीठ का पूजन कृष्ण मोठ डीडवाना वालों के द्वारा वैदिक मंत्रों का उच्चारण करते हुए किया गया।
कथा के मध्य में एक विशेष आयोजन हुआ, जिसमें लक्ष्मी वेंकटेश के शेषाचल पर्वत पर मिलन उत्सव के अवसर पर व्यास महाराज को साफा पहनाकर उन्हें बधाई दी गई। इसके बाद शुभम शास्त्री द्वारा आरती का आयोजन किया गया। स्वामी अश्विनी आचार्य महाराज के मंगलशासन में भक्तों को आशीर्वाद और प्रसाद वितरित किया गया।
इस धार्मिक आयोजन में अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे, जिनमें जयपुर से पंकज डीडवानिया, रोहित डीडवानिया, अमर अग्रवाल, नथमल अग्रवाल (चिराना), बजरंग दास बढ़ाना, कृष्ण भाट, मूल विमल, दिनेश, ऊमा शंकर व महिला सक्ती आदि प्रमुख रूप से शामिल थे। इस दिव्य कथा में भक्तों का उत्साह और श्रद्धा देखने को मिला।
यह वेंकटेश दिव्य कथा न केवल धार्मिक महत्व का प्रतीक है, बल्कि भक्तों के बीच एकता और श्रद्धा का आदान-प्रदान भी करती है।