जयपुर : हाईकोर्ट ने शहर के आमेर में राज्य के पुरातत्व विभाग की ओर से हाथी सवारी की दरें प्रार्थी सोसायटी को सुने बिना ही 2500 रुपए से घटाकर 1500 रुपए करने को गलत माना है।अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि विभाग ने हाथी सवारी की दरों में बढ़ोतरी के दौरान प्रार्थी सोसायटी को पक्ष रखने और चर्चा के लिए बुलाया था तो दरें कम करते समय उनका पक्ष क्यों नहीं जाना गया।
साथ ही अदालत ने पुरातत्व विभाग को निर्देश दिया है कि वह प्रार्थी सोसायटी को सुनकर नए सिरे से हाथी सवारी की दरों को तय करे। जस्टिस महेन्द्र कुमार गोयल ने यह निर्देश एलिफेंट विलेज डवलपमेंट सोसायटी के अध्यक्ष की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए दिया। प्रार्थी सोसायटी ने याचिका में पुरातत्व विभाग के 8 नवंबर 2024 के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें हाथी सवारी की दर 2500 रुपए से घटाकर 1500 रुपए कर दी थी।